Mucormycosis के लक्षण और बचने के उपाय



देश इस समय कोरोना की एक और लहर का सामना कर रहा है और पिछले सप्ताह की तुलना में इस सप्ताह मामलों में मामूली गिरावट आई है। लेकिन खतरा अभी भी है इसलिए कोरोना के प्रोटोकॉल का पालन करना जरूरी है। कोरोना महामारी के बीच एक और बीमारी ने लोगों को डरा दिया है और इसे ब्लैक फंगस कहा जाता है। इस बीमारी को मेडिकल टर्म में Mucormycosis कहा जाता है और यह कोरोना से ठीक होने वाले लोगों में ज्यादा देखने को मिल रही है।

Mucormycosis के लक्षण और बचने के उपाय


केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने ब्लैक फंगस को लेकर ट्वीट किया और कहा, आखिर यह कौन सी बीमारी है, जिससे लोगों को सबसे ज्यादा खतरा है। ब्लैक फंगस के लक्षण क्या हैं और रोग से बचाव के लिए क्या नहीं करना चाहिए। स्वास्थ्य मंत्री के मुताबिक, अगर लोगों को इस बीमारी के बारे में जानकारी हो और लक्षणों की जल्द पहचान हो जाए तो इस बीमारी से होने वाली मौतों को रोका जा सकता है।

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ब्लैक फंगस एक फंगल संक्रमण है जो शरीर में कोरोना वायरस से शुरू होता है। इंडियन काउंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च (ICMR) के अनुसार, ब्लैक फंगस एक दुर्लभ बीमारी है जो शरीर में बहुत तेजी से फैलती है और उन लोगों में अधिक प्रचलित है जो पहले कोरोनावायरस से संक्रमित हो चुके हैं या जिनका इम्यून सिस्टम कमजोर है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने ट्वीट किया, "किस लोगों को ब्लैक फंगस होने का सबसे ज्यादा खतरा है?" स्वास्थ्य मंत्री के अनुसार जिन लोगों को Diabetes है और जिनका Blood Sugar Level नियंत्रण से बाहर है, जो लोग Steriod लेते हैं और जिनकी इम्यून सिस्टम कमजोर है इसके कारण ब्लैक फंगस होता है, जो लोग कोरोना संक्रमण के कारण लंबे समय तक ICU या अस्पताल में रहते हैं, जिन लोगों का अंग प्रत्यारोपण हुआ है या उन्हें कोई अन्य गंभीर संक्रमण हुआ है, उनमें ब्लैक फंगस विकसित होने का अधिक जोखिम होता है।

Mucormycosis के लक्षणों

ब्लैक फंगस के लक्षणों पर समय रहते ध्यान दिया जाए तो मरीज की जान बचाई जा सकती है। 
- आँख या आंखों के आसपास लालाश और दर्द होना।
-बार-बार बुखार आना
- भयानक सरदर्द होना
- छींक आना और सांस लेने में कठिनाई
- मानसिक स्थिति में बदलाव।

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Mucormycosis से बचने के लिए क्या करें और क्या न करें

क्या करना सबसे जरूरी है

- Hyperglycemia यानी Blood Sugar Level को नियंत्रण में रखे।
- अस्पताल से कोरोना डिस्चार्ज से ठीक होकर घर आने के बाद ग्लूकोमीटर की मदद से अपने ब्लड ग्लूकोज लेवल की लगातार निगरानी करना जरूरी है।
- Steroid का अति प्रयोग न करें और उचित डोज़ और समय अंतराल के बारे में पता होना चाहिए।
- साथ ही एंटीबायोटिक्स और एंटीफंगल दवाओं का भी ठीक से इस्तेमाल करें।
- ऑक्सीजन थेरेपी के दौरान Humidifier के लिए साफ और कीटाणुरहित पानी का इस्तेमाल करें।

क्या नहीं करना है

- रोग के लक्षणों को नजरअंदाज न करें।
- हर बार नाक बंद होने की समस्या होने पर साइनस को समझने की गलती न करें। खासकर वो जो कोरोना का मरीज है।
- कोई शंका हो तो जांच करें।
- Mucormycosis या ब्लैक फंगस के इलाज में देरी से मरीज की मौत हो सकती है।
- लक्षणों का पता चलते ही उपचार की आवश्यकता होती है।

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आपको बता दें कि कोविड संक्रमण से उबर चुके मरीजों को ब्लैक फंगस न सिर्फ आंखों की रोशनी से वंचित कर रहा है बल्कि यह फंगस त्वचा, नाक और जबड़े के साथ-साथ दांतों को भी नुकसान पहुंचाता है। नाक के माध्यम से यह फेफड़ों और मस्तिष्क तक पहुंचता है और रोगी को मारता है। यह इतनी गंभीर बीमारी है कि मरीज को सीधे ICU में भर्ती करने की जरूरत होती है। इसलिए समय रहते ही लक्षणों को जानना बहुत जरूरी है।



NOTE : यहां दी गई जानकारी एक सामान्य अनुमान और धारणा ओ के आधारित हे किसी भी जानाकरी कोई निष्कर्ष पर कृपया ना पोहचे। जानकारी के अनुरूप Expert की सलाह जरूर ले. धन्यवाद

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