देश में कई जगहों पर Animal Husbandry (पशुपालन) का Business (व्यवसाय) किया जाता है और इस व्यवसाय के माध्यम से कई Farmer (किसान) अब लाखों करोड़ों की कमाई कर रहे हैं, लेकिन कुछ किसान ऐसे भी हैं जिन्होंने न केवल देश में बल्कि दुनिया में भी अपनी अनूठी पहचान बनाई है। साधन संपन्नता और आज उन्होंने भी करोड़ों की कमाई कर ली है।
आज हम आपको एक ऐसे किसान के बारे में बताने जा रहे हैं जो हर महीने लाखों की कमाई करता है। इनके द्वारा बनाया गया Ghee (घी) विदेशों में निर्यात किया जाता है और आप भी इस घी की कीमत सुनकर चौंक जाएंगे, क्योंकि यह घी बाजार में 3500 रुपये से 51,000 रुपये प्रति किलो के हिसाब से बिकता है।
इस गांव में जहां पुरुषों का प्रवेश वर्जित है फिर भी महिलाएं होती हैं गर्भवती
हम बात कर रहे हैं Rajkot (राजकोट) जिले के Gondal (गोंडल) से 7 किमी दूर वोरा कोटड़ा रोड पर स्थित Ramesh Bhai Rupareliya (रमेशभाई रूपारेलिया) के Gau Jatan Sansthan (गौ जतन संस्थान) की। रमेशभाई रूपारेलिया गाय पालन का एक परिक्रामी विद्यालय है। दादा और परदादा लगभग 500 वर्षों से परिवार में गायों का पालन-पोषण कर रहे हैं। उनकी जमीन महज 10 एकड़ है, लेकिन वे गाय आधारित खेती से जैविक अनाज, मसाले और दूध-घी का उत्पादन करते हैं।
वे अपनी उपज बेचने के लिए कृषि उपज बाजार में नहीं जाते हैं। लोग सभी उत्पादों को ऑनलाइन या घर से ले जाते हैं। वह 14 साल से मंडी नहीं गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उनसे सीधे बात करते हैं। रमेशभाई कहते हैं कि एक समय था जब उनके खेत, घर, गहने सब कर्ज के कारण बिक जाते थे, लेकिन उन्होंने गौ सेवा नहीं छोड़ी। उसने और उसके पिता ने गाँव में लोगों की गायों को चराया और फिर से जमीन खरीद ली। आज वे देश भर से गोंडल आने वाले लोगों को गौपालन का प्रशिक्षण दे रहे हैं।
गौ जतन संस्था में कुल 150 गायें हैं, जिनमें से 40 दुधारू गायें हैं। गर्मी में रोजाना 250 लीटर दूध और सर्दियों में 325 से 350 लीटर दूध का उत्पादन होता है। पिछले 20 सालों में रमेश रूपारेलिया की गिर गौ जतन संस्था ने एक भी ग्राम दूध नहीं बेचा है।
इस दूध से प्रतिदिन 500 लीटर छाछ बनती है, जो 20 रुपये प्रति लीटर के हिसाब से बिकती है। इतने दूध से रोजाना 7 से 10 लीटर घी तैयार होता है, जिसकी कीमत 3500 रुपये प्रति लीटर है। इसके साथ ही कुछ जड़ी बूटियों को मिलाकर घी 12000 से 51000 लीटर तक बेचा जाता है।
रमेश रूपारेलिया गाय के गोबर से चना बनाते हैं और इसे अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया और मुंबई में यज्ञ और हवन के लिए बेचते हैं। गोमूत्र से जैव उर्वरक और जैव औषधि बनाना। गोशाला में गायों के चारे और अनाज पर 35 लाख रुपये यानी करीब 3 लाख रुपये प्रति माह खर्च किया जाता है।
देखे रमेश भाई का वीडियो: Click Here
वे अपने कर्मचारियों को प्रति माह 6 लाख रुपये का वेतन भी देते हैं। रमेश रूपारेलिया ने गिर गौ जतन संस्थान में ऑनलाइन मार्केटिंग के लिए लगभग 20 कंप्यूटर भी स्थापित किए हैं। जिससे ऑनलाइन मार्केटिंग आसानी से काम करती है। जबकि उनकी कुल आमदनी करीब 32 लाख रुपये प्रति माह है। इतना सफल बिजनेस मॉडल बनाकर रमेश रूपरेलिया ने एक नई राह दिखाई है।
इस गांव में आप जितना चाहें उतना दूध मुफ्त में पा सकते हैं
उनका यह वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जिसमें रमेश रूपरेलिया अपनी गौशाला की सारी जानकारी देते नजर आ रहे हैं, इसके अलावा वह यह भी बताते नजर आ रहे हैं कि उन्होंने यह काम कैसे शुरू किया।