आयुर्वेद में वात-पित्त-कफ को दूर करने वाली इसके समान दूसरी औषधि नहीं है



दोस्तों हमारा आज का आर्टिकल एक बहुत ही आम समस्या के बारे में है जो लगभग लोगों में देखने को मिलती है। यूं तो यह समस्या आम है लेकिन अगर इस समस्या को ठीक नहीं किया गया तो हम कई अन्य बीमारियों से ग्रसित हो सकते हैं। क्योंकि 80% बीमारियाँ सिर्फ इसी एक समस्या के कारण होती हैं।

Triphala benefits for health

हम जिस समस्या के बारे में बात कर रहे हैं वह पेट से जुड़ी समस्या है। कई लोगों को भारीपन, गैस, कब्ज और सूजन जैसी समस्याएं होती हैं। आजकल की जीवनशैली के कारण लगभग लोग अपच और पेट संबंधी अन्य समस्याओं से पीड़ित रहते हैं। लोग अक्सर दवा लेते हैं और इसके आदी हो जाते हैं।

दोस्तों हमारा Ayurveda आयुर्वेद कहता है कि हमें अपनी दिनचर्या ऐसी बनानी चाहिए जिससे पेट तुरंत साफ हो जाए और कोई बीमारी न हो। अगर हम जो खाना खाते हैं वह 24 घंटे के अंदर नहीं पचता तो वह पेट में ही पड़ा रहता है और हमारे शरीर में जहर फैलाता है और इस तरह अगर पेट साफ नहीं होता तो वह 108 छोटी-बड़ी बीमारियों को निमंत्रण देता है।

दोस्तों पेट की समस्या वात, पित्त और कफ के असंतुलन के कारण होती है। इसलिए अगर इन तीन चीजों का संतुलन न रखा जाए तो पेट संबंधी और त्वचा संबंधी अन्य समस्याएं होने लगती हैं। तो अब हमें कुछ ऐसी चीज का सेवन करना चाहिए जो इन तीन चीजों को संतुलित करे और पेट को साफ रखे।

आयुर्वेद आचार्य महर्षि वाग्भट ने अष्टांगह्रदयम में इस समस्या का समाधान बताया है। दोस्तों इसमें एक बात बताई है कि यह पेट की हर समस्या को दूर करेगा और वात, पित्त और कफ को नियंत्रित करेगा। वह है Triphala त्रिफला। अम्बाला, हरदे और बेहड़ा तीन बेहद गुणकारी सामग्रियां हैं और त्रिफला इन तीनों को मिलाकर बनाया जाता है।

दोस्तों आपको बता दें कि आयुर्वेद में त्रिफला के अलावा ऐसी कोई औषधि नहीं है जो वात, पित्त और कफ को नियंत्रित कर पेट की समस्याओं से छुटकारा दिलाती हो। दोस्तों इसे लेने की मात्रा भी बहुत महत्वपूर्ण होती है जो बाजार में मिलने वाले त्रिफला में नहीं रखी जाती है।

अगर आप घर पर त्रिफला बनाते हैं तो यह बहुत ही कारगर विकल्प है।इसे बनाने के लिए आपको 100 ग्राम हरड़, 200 ग्राम बहेड़ा और 300 ग्राम आंबला का उपयोग करना चाहिए। जिससे कि इसका रखरखाव होता रहे। यहां आपको शुद्ध बेहड़ा के साथ-साथ छोटे हरड़े का भी इस्तेमाल करना है।

आप घर पर ही त्रिफला चूर्ण बना सकते हैं, आंवले को टुकड़ों में काटकर छह से सात दिन तक सूखने दें।

आइए सेवन कैसे करें ये भी जान लीजिए। तो दोस्तों आयुर्वेद में कहा गया है कि अगर आपको अपना पेट साफ करना है तो रात को खाना खाने के डेढ़ घंटे बाद एक गिलास दूध में गुड़ मिलाएं। इसके बाद दूध में डेढ़ चम्मच त्रिफला चूर्ण मिलाकर पी लें या चूर्ण खाने के बाद ऊपर से दही डालकर दूध पी लें। फिर एक घंटे बाद सो जाएं और फिर सुबह उठकर मुंह में दो गिलास गर्म पानी पिएं। इसके बाद आपका पेट एक बार में ही साफ हो जाएगा। इसके अलावा आप दूध की जगह गर्म पानी का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।

इसके अलावा अगर आपके शरीर में किसी विटामिन या पोषक तत्व की कमी है तो आप त्रिफला चूर्ण को गुड़ या शहद के साथ सुबह के समय सेवन करें इससे शरीर में हर पोषक तत्व की कमी पूरी हो जाएगी।

NOTE : यहां दी गई जानकारी एक सामान्य अनुमान और धारणा ओ के आधारित हे किसी भी जानाकरी कोई निष्कर्ष पर कृपया ना पोहचे। जानकारी के अनुरूप Expert की सलाह जरूर ले. धन्यवाद

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