किसान ने विदेश से गेहूं का बीज मंगवाया ! तीन गुना उत्पादन



राजस्थान का नाम सुनते ही लोगों के मन में सबसे पहली छवि रेगिस्तान की आती है। हम सभी मानते हैं कि राजस्थान में किसान मक्का, बाजरी और सरसिया जैसी फसलें ही उगाते हैं। लेकिन ऐसा नहीं है, यहां भी Farmer किसान आधुनिक हो गए हैं और वैज्ञानिक तरीकों से Farming खेती करते हैं। राजस्थान के किसान वैज्ञानिक पद्धति से खेती कर अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं।

किसान ने विदेश से गेहूं का बीज मंगवाया ! तीन गुना उत्पादन



आज हम एक ऐसे ही किसान के बारे में बात करेंगे, जिन्होंने खेती के आधुनिक तरीके अपनाकर Foreign Wheat विदेशी गेहूं और धान की खेती की है। उनकी खेती इतनी सफल हो गई है कि पूरे इलाके में उनके नाम की चर्चा है, यहां तक ​​कि आसपास के गांवों के किसान उनसे खेती सीखने आ रहे हैं। एक ऐसे किसान की कहानी जिसने गेहूं का आयात किया और तीन गुना उत्पादन प्राप्त किया। इस लेख में जानिए कि उन्होंने इस गेहूं की खेती कैसे की है?

इजराइल से बीज मंगवाया गया

हम बात कर रहे हैं राजस्थान के भरतपुर जिले के किसान दिनेश चंद तेंगुरिया की। दिनेशचंद अपने गांव पिपला में Israel Wheat इजराइली गेहूं की खेती कर रहे हैं। इस खेती में उन्हें कम लागत में बंपर कमाई हो रही है। सबसे पहले, दिनेश चंद ने अपने खेत में पारंपरिक रूप से सरसिया और अन्य फसलों की खेती भी की, लेकिन उन्हें पर्याप्त लाभ नहीं मिल रहा था। कई बार तो खर्च निकालना भी मुश्किल हो जाता था। लेकिन इजरायली गेहूं की फसल काटने के बाद उनकी किस्मत बदल गई है।

खेती का नया तरीका

दिनेश चंद तेनगुरिया के कुछ रिश्तेदार इजराइल में रहते हैं। जब दिनेश चंद ने उनसे बात की तो उन्होंने इजराइल में प्रचलित खेती के तरीकों की बहुत सराहना की। उन्होंने विशेष रूप से इज़राइल के गेहूं की गुणवत्ता और फसलों की मात्रा की प्रशंसा की। इसलिए दिनेशभाई भी वहां गेहूं की खेती करना चाहते थे। दिनेश चंद ने इजराइल में रहने वाले अपने रिश्तेदारों से इजराइली गेहूं के बीज मंगवाए और खेती शुरू कर दी।

मात्र 700 रुपये की कीमत पर मिला बीज

दिनेश चंद ने जब पहले साल इजराइली गेहूं लगाया तो उन्हें बंपर फसल मिली। उनके मुताबिक, इजरायली गेहूं का दाना भारतीय गेहूं से तीन गुना बड़ा है। तो गेहूं का उत्पादन भी सीधे 3 गुना हो जाता है। दिनेश चंद के खेत में लहलहाते इजराइली गेहूं को देखकर पूरे जिले में चर्चा है। कृषि विभाग के अधिकारी भी उनके खेत में खेती देखने आ रहे हैं। दिनेश चंद के मुताबिक, उन्होंने इजराइल से 700 रुपये प्रति किलो के हिसाब से 10 किलो गेहूं का बीज ऑर्डर किया था। जिसमें उन्हें जबरदस्त उत्पादन मिला है।

इस तरह दिनेश चंद ने गेहूं की खेती की

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, दिनेश चंद ने कहा है कि जब इजराइली गेहूं की बुआई की जाए तो 20 दिन बाद पहली बार सिंचाई करनी चाहिए। इस गेहूं की खेती के लिए प्रति एकड़ 5 किलोग्राम बीज की आवश्यकता होती है। जबकि प्रति एकड़ आपको 40 क्विंटल गेहूं की फसल मिल सकती है। इस गेहूं का दाना बड़ा और भारी होता है। स्वाद की बात करें तो यह गेहूं बहुत ही अच्छा होता है। खास बात यह है कि दिनेशचंद ने इस खेती के लिए केवल जैविक खाद का ही उपयोग किया है।

NOTE : यहां दी गई जानकारी एक सामान्य अनुमान और धारणा ओ के आधारित हे किसी भी जानाकरी कोई निष्कर्ष पर कृपया ना पोहचे। जानकारी के अनुरूप Expert की सलाह जरूर ले. धन्यवाद

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