जब हम कई बड़े शहरों की यात्रा करते हैं तो हमें कई ऊंची इमारतें और होटल दिखाई देते हैं। कभी-कभी हमें ऐसी जगहों पर जाना पड़ता है, लेकिन एक बात कई लोगों ने ध्यान नहीं दी है कि इन ऊंची इमारतों में कितनी भी मंजिलें हों, आपको 13वीं मंजिल नहीं दिखाई देगी और आपको लिफ्ट में 13 नंबर का बटन नहीं दिखेगा।
जब आप इमारत की लिफ्ट में प्रवेश करेंगे तो आप सीधे 12वीं से 14वीं मंजिल तक देखेंगे। कई लोगों ने इस पर गौर किया होगा लेकिन उन्हें भी इसका जवाब नहीं मिला होगा, लेकिन आज हम आपको बताएंगे कि इमारतों और होटलों के अंदर 13वीं मंजिल या लिफ्ट में 13 नंबर का बटन क्यों नहीं होता है।
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बड़े अपार्टमेंट, होटल और बिल्डिंग में 13वीं मंजिल क्यों नहीं? इस अवधारणा का हमारे देश से कोई लेना-देना नहीं है। यह एक Blind Faith (अंधविश्वास) है कि 13 Number Unlucky (13 नंबर अशुभ) होता है, जिसका पालन हमारे भारत में पश्चिमी देशों द्वारा किया जाता है। बिल्डर्स यह भी जानते हैं कि लोग 13 नंबर को एक अपशगुन मानते हैं, जिससे फ्लोर पर फ्लैट खरीदने की संभावना कम हो जाती है और लोग ऐसी इमारतों में रहना पसंद नहीं करते हैं।
इसी मान्यता के कारण भारत में अधिकांश अपार्टमेंट और इमारतों में 13वीं मंजिल नहीं है और 13वीं मंजिल होने पर भी यह आवासीय नहीं है। उस मंजिल पर एक प्ले हाउस या गतिविधि क्षेत्र बनाया जाता है। या 12वीं मंजिल के बाद 13वीं मंजिल को 12A या 12B के नाम पर रखा जाता है। ऐसे बिल्डर स्वेच्छा से ऐसा नहीं करते हैं, लेकिन यह लोगों का Blind Faith (अंधविश्वास) है, इसलिए कोई भी वहां रहना नहीं चाहता है। यही वजह है कि लिफ्ट में भी 13वीं मंजिल का विकल्प नहीं है।
13वीं मंजिल को लेकर सैकड़ों साल से लोग डरे हुए हैं। इसकी शुरुआत कब हुई यह कहना मुश्किल है, लेकिन इसके कई कारण हैं। इसके पीछे फ्राइडे धी 13वी भी जुड़ा है। लियोनार्डो दा विंची की 15वीं सदी की पेंटिंग द लास्ट सपर है। इसे अंतिम रात्रिभोज में दिखाया जाता है, जिसे द लास्ट सपर कहा जाता है इसमें बैठने वाला 13वां यहूदा या ईसा मसीह था और वे दोनों सूली पर चढ़ाए गए थे। यही एक कारण है कि (13 Number Unlucky) 13 अंक को अशुभ माना जाता है।
कुछ लोग (13 Number Unlucky) 13 नंबर को अशुभ भी मानते हैं क्योंकि ऐसा माना जाता है कि अंतिम भोज 13 तारीख को खाया गया था, जिसके बाद ईसा मसीह को सूली पर चढ़ाया गया था। पहले के समय में जब उन्हें फांसी दी जाती थी, तो उन्हें अपने मंच तक पहुंचने के लिए कम से कम 13 सीढ़ियां चढ़नी पड़ती थीं। जिन लोगों के नाम में 13 अक्षर होते हैं उन्हें शापित माना जाता था।
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कुछ देशों में यह अभी भी माना जाता है कि अगर 13 तारीख शुक्रवार को कोई दुकान खोली जाती है या कोई व्यवसाय किया जाता है, जिसे शुक्रवार 13 तारीख कहा जाता है, तो बड़ा नुकसान हो सकता है। यही कारण है कि 13 नंबर को लेकर लोगों में Blind Faith (अंधविश्वास) फैल गया और लोग 13 नंबर से दूरी बनाने लगे और इसका असर आज भी देखा जा सकता है। पश्चिमी देशों से आए इस Blind Faith (अंधविश्वास) को भारत के लोग भी मानते हैं।
NOTE : यहां दी गई जानकारी एक सामान्य अनुमान और धारणा ओ के आधारित हे किसी भी जानाकरी कोई निष्कर्ष पर कृपया ना पोहचे। जानकारी के अनुरूप Expert की सलाह जरूर ले. धन्यवाद
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