भारत में शादी से पहले सगाई क्यों की जाती है? - जानिए कारण

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Arranged Marriage का हिसाब एक निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार होता है। परिजन पहले युवक व युवती के परिवार व उनके संस्कारों की पड़ताल करते हैं। फिर रिश्ता तय होता है और फिर Marriage तय होती है और उससे पहले Engagement हो जाती है। इसके बाद युवक और युवतियों को एक-दूसरे से मिलने और बात करने का कानूनी अवसर मिलता है। और Love Marriage में चीजें बिल्कुल विपरीत होती हैं। पहले दो लोग एक दूसरे को जानते और समझते हैं। Engagement के बाद कानूनी तौर पर एक दूसरे के परिवार को जानने और समझने का मौका मिलता है। प्रत्येक प्रकार की Marriage से पहले Engagement करने के कई फायदे हैं, जिन्हें हम यहां कवर करेंगे।

भारत में शादी से पहले सगाई क्यों की जाती है? - जानिए कारण



भारत में शादी से पहले सगाई क्यों की जाती है? वास्तव में सगाई का महत्व बहुत समजा जाता है।

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एक दूसरे को जानने का मौका

Marriage एक ऐसा Marriage है जहां माता-पिता संबंध तय करते हैं, आमतौर पर युवक और युवती को एक-दूसरे को अच्छी तरह से जानने का मौका नहीं मिलता है। Engagement के बाद वे एक-दूसरे से बात करते हैं और एक-दूसरे को जानने और समझने का मौका मिलता है।

Marriage तैयारियां

अगर दोनों Arranged Marriage में नौकरी करते हैं तो जैसे ही Marriage की तारीख तय होती है, छुट्टी, नया घर, Marriage के बाद का खर्च, सुहागरात आदि बात करने में कंफ्यूज नहीं होते हैं, जिससे वे अपने हिसाब से हॉलिडे प्लान कर सकें। ताकि Marriage के बाद छोटी-छोटी बातों पर विवाद न हो।

दायित्व का अहसास

Love Marriage करने वाले लोगों को एक-दूसरे को समझने और भविष्य की योजना बनाने के लिए Engagement का इंतजार नहीं करना पड़ता, बल्कि उन्हें भी इस तरह के एक रिवाज की जरूरत होती है। Engagement होते ही उलटी गिनती शुरू हो जाती है। दरअसल Engagement के बाद दोनों को अपनी जिम्मेदारी और भविष्य की जरूरतों का एहसास होता है।

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एक दूसरे के परिवार और संस्कृति को जानने का अवसर

Marriage से पहले युवक-युवती एक-दूसरे के प्रति जिम्मेदार होते थे, लेकिन Marriage के बाद वे एक-दूसरे के परिवार के प्रति भी जिम्मेदार होते हैं। आमतौर पर दो लोग जिनका Love Marriage होता है, वे अलग-अलग संस्कृतियों से ताल्लुक रखते हैं, इसलिए Engagement के बाद उन्हें एक-दूसरे के परिवार से मिल कर एक-दूसरे को समझने का मौका मिलता है।

तीसरी ऊँगली में क्यों अंगूठी पहनाते है ?

ज्योतिष के अनुसार हर उंगली का इंसान के भाग्य को लेकर अपना महत्व होता है। और अनामिका ऊँगली संबंधों के भविष्य को प्रभावित करती है। इस वजह से अंगूठी इसी ऊँगली यानी रिंग फिंगर में पहनाई जाती है। और यह कारन भी बताया जाता है की अनंबिका ऊँगली की नस सीधा से दिल से जुड़ती है। और हमारे यहाँ दिल से दिल मिलाना ही अहम् है। माना जाता है की अनामिका उंगली यानि रिंग फिंगर जीवन साथी से संबंधों को कण्ट्रोल करती है और इसपर अंगूठी पहनने से रिश्ता हमेशा पकड़ में रहता है और संपन्न रहता है।

महिलाओ को सगाई की अंगूठी बाएं हाथ में क्यों ?


भारतीय मान्यता के अनुसार सामान्य कार्यों में तीसरी अंगुली का प्रयोग सबसे कम होता है। इसलिए यह माना जाता है कि महंगी अंगूठियां उस यार्ड में पहनी जाती हैं जहां यह सबसे सुरक्षित होती है। और इतनी महंगी अंगूठी का कोई खतरा नहीं है, इसलिए भारतीय महिलाओ को बाएं हाथ में अंगूठी पहनाते है.

या अगर आपकी कोई और मान्यता या मान्यता है, तो कृपया हमें कमेंट में बताएं। ताकि सभी लोगों को पता चले। इसके अलावा इस आर्टिकल को सभी के साथ शेयर करें। खासकर शादीशुदा जोड़ों के साथ। क्‍योंकि ज्‍यादातर कपल इस बात को नहीं जानते।

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rashi par thi jano patner no nature

Note :

किसी भी हेल्थ टिप्स को अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह अवश्य ले. क्योकि आपके शरीर के अनुसार क्या उचित है या कितना उचित है वो आपके डॉक्टर के अलावा कोई बेहतर नहीं जानता


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