मालिश को आयुर्वेद और प्राकृतिक चिकित्सा में महत्वपूर्ण माना जाता है। यह कई बीमारियों के इलाज में प्रभावी माना जाता है। शरीर को तरोताजा करता है। मालिश के लिए तेल और मौसम दोनों की भूमिका महत्वपूर्ण है। मौसम के आधार पर, मालिश के लिए तेल और मालिश शासन दोनों बदल जाते हैं।
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- गर्दन की मालिश के बाद कंधों पर गोल गोल मालिश करें। बाद में हाथ की दिशा में उंगली से मालिश करें। कोहनी और कलाई पर भी गोल मालिश करें।
- शरीर के अग्र भाग (छाती और पेट) पर मालिश करें। यहाँ बहुत जोर मत दो। शरीर के सामने के हिस्से में महत्वपूर्ण अंग होते हैं जैसे हृदय, फेफड़े आदि। इसीलिए सामने वाले हिस्से की जोर से मालिश नहीं करनी चाहिए।
- कमर को नीचे से ऊपर तक मालिश करना उचित माना जाता है। कमर पर मालिश के दौरान उंगली से हल्की सी झांकें।
- जांघ से पैर तक पर मालिश करें। धीरे से घुटनों पर मालिश करें। पैरों के तलवों पर एड़ी से लेकर उंगलियों तक मालिश करें।
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- सिर की मालिश करने के लिए कमरे के तापमान पर तेल रखें और बाकी मसाज करने के लिए गर्म तेल का इस्तेमाल करना चाहिए।
- मालिश के 15 मिनट बाद नाहना चाहिए। नहाने के लिए गर्म पानी का इस्तेमाल करें। साबुन की जगह उबटन लगाए।
- उबटन बनाने के लिए 1 चम्मच जौ, आधा चम्मच बेसन, 1/4 चम्मच हल्दी पाउडर और चंदन पाउडर लें। इसमें दही या गुलाब जल के साथ सादा पानी मिलाकर उबटन बनाएँ। इस उबटन को शरीर पर रगड़ें और पानी से धो लें। फिर शरीर को साफ तौलिये से पोंछ लें। नहाने के लगभग 15 मिनट बाद नाश्ता करें। नाश्ते के लिए दलिया, पोहे और कठोल आदि खाएं। फिर दिनचर्या शुरू करें।
मालिश कई बीमारियों की दवा है। नियमित मालिश से शरीर की मांसपेशियां मजबूत होती हैं और शरीर का रंग सुधरता है। मालिश की जानकारी डॉ. पाराशर ने दी है।
सर्दी
मालिश इस मौसम के लिए अत्यधिक माना गया है। भोर टूटने के बाद मालिश करनी चाहिए। सर्दियों की मालिश के लिए तिल के तेल का उपयोग करें। तिल का तेल शरीर को आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करता है। यह व्याधियों (वायु, पित्त और कफ) को नष्ट करने का भी काम करता है।गर्मी
गर्मी के मौसम में नारियल तेल या गाय के घी का उपयोग करें।यह भी पढ़े : मौसम बदलते ही बीमार हो जाते हो तो ऐसा करें, प्रतिरक्षा प्रणाली बढ़ जाएगी
मानसून
मानसून के मौसम में शरीर की मालिश न करें, लेकिन उपचार के लिए आवश्यक होने पर कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए। अगर बारिश हो रही हो तो तभी मालिश न करें। इस मौसम के लिए तिल का तेल सही माना जाता है।इस तरीके से मालिश करें
- सबसे पहले आपको सिर की मालिश करनी चाहिए। इसे हल्की मालिश अवश्य करें। साथ ही चेहरे की मसाज करें। फिर धीरे से अपने हाथों से गर्दन की मालिश करें।- गर्दन की मालिश के बाद कंधों पर गोल गोल मालिश करें। बाद में हाथ की दिशा में उंगली से मालिश करें। कोहनी और कलाई पर भी गोल मालिश करें।
- शरीर के अग्र भाग (छाती और पेट) पर मालिश करें। यहाँ बहुत जोर मत दो। शरीर के सामने के हिस्से में महत्वपूर्ण अंग होते हैं जैसे हृदय, फेफड़े आदि। इसीलिए सामने वाले हिस्से की जोर से मालिश नहीं करनी चाहिए।
- कमर को नीचे से ऊपर तक मालिश करना उचित माना जाता है। कमर पर मालिश के दौरान उंगली से हल्की सी झांकें।
- जांघ से पैर तक पर मालिश करें। धीरे से घुटनों पर मालिश करें। पैरों के तलवों पर एड़ी से लेकर उंगलियों तक मालिश करें।
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- सिर की मालिश करने के लिए कमरे के तापमान पर तेल रखें और बाकी मसाज करने के लिए गर्म तेल का इस्तेमाल करना चाहिए।
- मालिश के 15 मिनट बाद नाहना चाहिए। नहाने के लिए गर्म पानी का इस्तेमाल करें। साबुन की जगह उबटन लगाए।
- उबटन बनाने के लिए 1 चम्मच जौ, आधा चम्मच बेसन, 1/4 चम्मच हल्दी पाउडर और चंदन पाउडर लें। इसमें दही या गुलाब जल के साथ सादा पानी मिलाकर उबटन बनाएँ। इस उबटन को शरीर पर रगड़ें और पानी से धो लें। फिर शरीर को साफ तौलिये से पोंछ लें। नहाने के लगभग 15 मिनट बाद नाश्ता करें। नाश्ते के लिए दलिया, पोहे और कठोल आदि खाएं। फिर दिनचर्या शुरू करें।
मालिश कई बीमारियों की दवा है। नियमित मालिश से शरीर की मांसपेशियां मजबूत होती हैं और शरीर का रंग सुधरता है। मालिश की जानकारी डॉ. पाराशर ने दी है।
NOTE : यहां दी गई जानकारी एक सामान्य अनुमान और धारणा ओ के आधारित हे किसी भी जानाकरी कोई निष्कर्ष पर कृपया ना पोहचे। जानकारी के अनुरूप Expert की सलाह जरूर ले. धन्यवाद
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