Bank News : RBI के आदेश के बाद देश के 7 बड़े बैंकों ने किए बड़े बदलाव



क्या आपको कभी अपने बैंक से होने का दावा करने वाला कोई तत्काल SMS मिला है, जिसमें आपको अपना KYC अपडेट करने या अपना खाता अनब्लॉक करने के लिए एक लिंक पर क्लिक करने के लिए कहा गया हो? लाखों भारतीयों को ऐसे संदेश मिले हैं, और उनमें से कई ने इन शातिर फिशिंग घोटालों (Phishing Scams) में अपनी जीवन भर की कमाई खो दी है। धोखेबाज आपका लॉगिन आईडी और पासवर्ड चुराने के लिए एकदम असली जैसी "दिखने वाली" वेबसाइटें बनाते हैं - जैसे `sbi-kyc-update.com`। लेकिन अब, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने इस खतरे को हमेशा के लिए खत्म करने के लिए एक मास्टरस्ट्रोक चला है। इसने भारत के हर एक बैंक के लिए एक बड़ा, अनिवार्य बदलाव लागू किया है, जो अभी-अभी प्रभावी हुआ है। आपके बैंक का वेबसाइट पता अब वह नहीं है जो आप सोचते थे।

Bank News : RBI के आदेश के बाद देश के 7 बड़े बैंकों ने किए बड़े बदलाव

 

यह लेख इस महत्वपूर्ण नए अपडेट की व्याख्या करता है, आपको सुरक्षित रहने के लिए क्या देखना चाहिए, और SBI, HDFC और ICICI जैसे बैंकों के लिए अब *केवल* कौन से नए वेबसाइट पते आधिकारिक हैं।

‘.bank.in’ डोमेन क्या है? RBI का नया "डिजिटल किला"

एक ऐतिहासिक साइबर सुरक्षा कदम में, RBI ने सभी भारतीय बैंकों को अपनी प्राथमिक नेट बैंकिंग और आधिकारिक वेबसाइटों को एक नए, विशिष्ट इंटरनेट डोमेन: **‘.bank.in’** पर माइग्रेट करने का निर्देश दिया है। इस राष्ट्रव्यापी माइग्रेशन की समय सीमा 31 अक्टूबर, 2025 थी।

लेकिन यह सिर्फ एक साधारण नाम परिवर्तन नहीं है। ‘.com’ या ‘.in’ डोमेन के विपरीत, जिसे कोई भी कुछ सौ रुपये में पंजीकृत कर सकता है, ‘.bank.in’ डोमेन एक उच्च-सुरक्षा वाला, प्रतिबंधित क्षेत्र है।

  • विशिष्ट पंजीकरण: केवल वास्तविक, RBI-विनियमित बैंकों को ही कानूनी रूप से ‘.bank.in’ डोमेन पंजीकृत करने की अनुमति है।
  • सख्त सत्यापन: इसे प्राप्त करने के लिए, एक बैंक को NIXI और MeitY के अधिकार के तहत, बैंकिंग प्रौद्योगिकी में विकास और अनुसंधान संस्थान (IDRBT) द्वारा प्रबंधित एक कठोर सत्यापन प्रक्रिया से गुजरना होगा।
  • नकल करने वालों को अनुमति नहीं: इसका मतलब है कि अब किसी धोखेबाज के लिए `icici-rewards.bank.in` जैसी नकली फिशिंग वेबसाइट बनाना असंभव है। सिस्टम बस इसकी अनुमति नहीं देगा।

यह कदम डिजिटल बैंकिंग सुरक्षा (Digital Banking Security) के खेल को मौलिक रूप से बदल देता है। यह ग्राहकों को एक सरल, दृश्य "प्रामाणिकता की मुहर" प्रदान करता है। यदि वेबसाइट का पता ‘.bank.in’ में समाप्त नहीं होता है, तो यह आपका बैंक नहीं है।

कौन से बैंक बदले हैं? नई आधिकारिक सूची

1 नवंबर, 2025 तक, सभी प्रमुख सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के बैंकों ने इस माइग्रेशन को पूरा कर लिया है या अंतिम चरण में हैं। आपके पुराने बुकमार्क अभी भी काम कर सकते हैं (वे रीडायरेक्ट होंगे), लेकिन *केवल* नए पतों का उपयोग शुरू करना और उन पर भरोसा करना महत्वपूर्ण है।

यहाँ भारत के कुछ शीर्ष बैंकों के नए, आधिकारिक URL दिए गए हैं। हम आपको इन नए पतों को तुरंत बुकमार्क करने की सलाह देते हैं:

  • भारतीय स्टेट बैंक (SBI): https://sbi.bank.in
  • एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank): https://hdfc.bank.in
  • आईसीआईसीआई बैंक (ICICI Bank): https://www.icici.bank.in
  • पंजाब नेशनल बैंक (PNB): https://pnb.bank.in
  • एक्सिस बैंक (Axis Bank): https://www.axis.bank.in
  • कोटक महिंद्रा बैंक (Kotak Mahindra Bank): https://www.kotak.bank.in
  • केनरा बैंक (Canara Bank): https://www.canarabank.bank.in/
  • बैंक ऑफ़ बड़ौदा (Bank Of Baroda) : https://bankofbaroda.bank.in
  • इंडसइंड बैंक (Indusind bank ) : https://www.indusind.bank.in
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यह परिवर्तन "विश्वसनीय डिजिटल इंडिया" के निर्माण में एक बड़ा कदम है और इसका उद्देश्य ऑनलाइन धोखाधड़ी (Online Fraud) के उन मामलों को काफी कम करना है जिन्होंने देश को त्रस्त कर रखा है।

इसका आपके लिए क्या मतलब है: एक ग्राहक की कार्य योजना

यह सिर्फ बैंकों के लिए एक तकनीकी अपडेट नहीं है; यह आपके लिए एक नई सुरक्षा आदत है। आपकी जागरूकता इस सुरक्षा श्रृंखला की अंतिम कड़ी है। यहाँ वह है जो आपको आज से ही शुरू कर देना चाहिए।

1. हमेशा "‘.bank.in’ की जाँच करें"

यह आपका नया सुनहरा नियम है। इससे पहले कि आप कभी भी अपना कस्टमर आईडी, पासवर्ड या ओटीपी दर्ज करें, अपने ब्राउज़र में एड्रेस बार को देखें। चाहे आपने किसी ईमेल, एसएमएस, या गूगल सर्च से किसी लिंक पर क्लिक किया हो, आपको दृष्टिगत रूप से पुष्टि करनी होगी कि पता **.bank.in** में समाप्त होता है।

2. अपने बुकमार्क अपडेट करें

अभी अपने ब्राउज़र के बुकमार्क पर जाएँ। यदि आपने अपने बैंक का पुराना ‘.com’ या ‘.co.in’ पता सहेज रखा है, तो उसे हटा दें और ऊपर दी गई सूची से नया ‘.bank.in’ URL सहेजें। यह सुनिश्चित करता है कि आप हमेशा अपने बैंकिंग सत्र को आधिकारिक, सुरक्षित स्रोत से शुरू करते हैं।

3. "ट्रांज़िशन" घोटालों से सावधान रहें

धोखेबाज चालाक होते हैं। वे संभवतः इस परिवर्तन अवधि का फायदा उठाने की कोशिश करेंगे। आपको नए एसएमएस या ईमेल घोटाले मिल सकते हैं, जिनमें लिखा हो, "हमारा बैंक एक नए डोमेन पर चला गया है। अपना खाता अपडेट करने के लिए यहां क्लिक करें।" यह एक जाल है। **आपका बैंक आपको अपना खाता माइग्रेट करने के लिए कभी भी किसी लिंक पर क्लिक करने के लिए नहीं कहेगा।** आपको कुछ भी करने की आवश्यकता नहीं है; परिवर्तन स्वचालित है। केवल वह पता बदलता है जिस पर आप जाते हैं।

4. पुराने लिंक और रीडायरेक्ट का क्या?

अभी के लिए, बैंक अपने पुराने ‘.com’ डोमेन को सक्रिय रखेंगे। जब आप `hdfcbank.com` टाइप करेंगे, तो यह आपको स्वचालित रूप से और सुरक्षित रूप से `hdfc.bank.in` पर रीडायरेक्ट कर देगा। हालांकि यह सुविधाजनक है, लेकिन इस पर निर्भर न रहें। धोखेबाज "टाइपो-स्क्वैटिंग" डोमेन (जैसे, `hdfc-bank.com`) बना सकते हैं जो समान दिखते हैं। सबसे सुरक्षित आदत हमेशा नया ‘.bank.in’ पता सीधे टाइप करना या अपने अपडेट किए गए बुकमार्क का उपयोग करना है।

विशेषज्ञों की सलाह:
साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि हालांकि यह एक बड़ा तकनीकी अपग्रेड है, लेकिन इसकी सफलता जन-शिक्षा पर निर्भर करती है। ‘.bank.in’ डोमेन एक शक्तिशाली हथियार है, लेकिन तभी जब ग्राहक इसका उपयोग करना जानते हों। किसी भी बैंकिंग संचार को जो ‘.bank.in’ ईमेल पते से नहीं आता है या ‘.bank.in’ वेबसाइट से लिंक नहीं होता है, उसे धोखाधड़ी के संभावित प्रयास के रूप में मानें।

भविष्य: NBFC और फिनटेक के लिए ‘.fin.in’

RBI की पहल केवल बैंकों तक ही सीमित नहीं है। इस योजना के अगले चरण में एक समान विशिष्ट डोमेन शुरू करना शामिल है: **‘.fin.in’**। यह गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFCs), बीमा कंपनियों और फिनटेक प्लेटफार्मों जैसी अन्य विनियमित वित्तीय संस्थाओं के लिए आरक्षित होगा। यह एक संपूर्ण, विश्वसनीय पारिस्थितिकी तंत्र बनाएगा जहां ग्राहक तुरंत सत्यापित कर सकते हैं कि कोई वित्तीय वेबसाइट वैध और RBI द्वारा विनियमित है या नहीं।

निष्कर्ष: डिजिटल बैंकिंग में विश्वास का एक नया युग

‘.bank.in’ में अनिवार्य बदलाव भारतीय बैंकिंग के इतिहास में सबसे महत्वपूर्ण और ग्राहक-केंद्रित सुरक्षा उन्नयन में से एक है। यह साइबर अपराध (Cybercrime) से पीड़ित ग्राहकों की मदद की पुकार की सीधी प्रतिक्रिया है। जबकि कोई भी एकल समाधान रामबाण नहीं है, यह कदम धोखेबाजों के खिलाफ एक बहुत ऊंची दीवार बनाता है।

आपके लिए, ग्राहक के तौर पर, सबक सरल है: **‘.bank.in’ पर भरोसा करें**। इसे एक आदत बना लें। हर बार इसकी जाँच करें। यह छोटी, दो-सेकंड की जाँच अब आपकी मेहनत की कमाई को खोने के खिलाफ आपकी सबसे अच्छी रक्षा है।


अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)

1. क्या मुझे नेट बैंकिंग के लिए फिर से पंजीकरण करने या अपना ऐप अपडेट करने की आवश्यकता है?

उत्तर: नहीं। आपको कुछ भी करने की आवश्यकता नहीं है। आपका कस्टमर आईडी, पासवर्ड और पंजीकृत मोबाइल नंबर सभी बिल्कुल वही रहते हैं। आपका मोबाइल ऐप अपने आप अपडेट हो जाएगा। यह परिवर्तन केवल उस वेबसाइट पते (URL) को प्रभावित करता है जिसका आप अपने ब्राउज़र में उपयोग करते हैं।

2. क्या होगा यदि मैं गलती से पुरानी '.com' वेबसाइट का उपयोग करूँ?

उत्तर: निकट भविष्य के लिए, सभी बैंक अपने पुराने डोमेन को बनाए रखेंगे, जो आपको स्वचालित रूप से और सुरक्षित रूप से नई ‘.bank.in’ साइट पर रीडायरेक्ट कर देंगे। इसलिए, आप सुरक्षित हैं, लेकिन सीधे ‘.bank.in’ पते का उपयोग करने की नई आदत बनाना सबसे अच्छा है।

3. क्या यह भारत के सभी बैंकों पर लागू होता है?

उत्तर: हाँ, यह RBI का आदेश भारत के सभी विनियमित बैंकों पर लागू होता है, जिसमें सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक (जैसे SBI, PNB), निजी क्षेत्र के बैंक (जैसे HDFC, ICICI), लघु वित्त बैंक (Small Finance Banks) और सहकारी बैंक शामिल हैं। सभी को अपने नेट बैंकिंग पोर्टल के लिए ‘.bank.in’ डोमेन का उपयोग करना होगा।

4. ‘.bank.in’ डोमेन ‘.com’ से अधिक सुरक्षित क्यों है?

उत्तर: कोई भी व्यक्ति ‘.com’ डोमेन पंजीकृत कर सकता है, जिसमें धोखेबाज भी शामिल हैं। ‘.bank.in’ डोमेन एक "प्रतिबंधित TLD" (टॉप-लेवल डोमेन) है। केवल RBI-विनियमित बैंक जो एक सख्त सत्यापन प्रक्रिया से गुजरते हैं, वही इसे प्राप्त कर सकते हैं। इसका मतलब है कि अगर किसी वेबसाइट के अंत में ‘.bank.in’ है, तो यह 100% एक वास्तविक बैंक के रूप में सत्यापित है, एक ऐसी गारंटी जो ‘.com’ नहीं दे सकता।

5. क्या मुझे नए ‘.bank.in’ डोमेन से ईमेल प्राप्त होंगे?

उत्तर: हाँ। आपको अपने बैंक से आधिकारिक ईमेल संचार ‘@bankname.bank.in’ पर समाप्त होने वाले पतों से मिलना शुरू हो जाना चाहिए। यह सत्यापित करने का एक और शानदार तरीका है कि कोई ईमेल वैध है या नहीं। यदि कोई "तत्काल" ईमेल ‘.com’ या ‘@gmail.com’ पते से आता है, तो यह लगभग निश्चित रूप से एक घोटाला है।




NOTE : यहां दी गई जानकारी एक सामान्य अनुमान और धारणा ओ के आधारित हे किसी भी जानाकरी कोई निष्कर्ष पर कृपया ना पोहचे। जानकारी के अनुरूप Expert की सलाह जरूर ले. धन्यवाद

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