जीत के बाद भी रार? बिहार में 'स्पीकर' पद पर फंसा पेंच, BJP-JDU में नई खींचतान



पटना के गांधी मैदान में शपथ ग्रहण की तैयारियां जोरों पर हैं, लेकिन सत्ता के गलियारों में एक अजीब सी बेचैनी है। 2025 के चुनाव नतीजों ने NDA को ऐतिहासिक बहुमत तो दे दिया, लेकिन जीत के जश्न के बीच दिल्ली में बंद दरवाजों के पीछे एक नई 'जंग' शुरू हो गई है। मसला मुख्यमंत्री की कुर्सी का नहीं, बल्कि उस 'रिमोट कंट्रोल' का है जो विधानसभा को चलाता है—यानी स्पीकर (Speaker) का पद। खबर है कि बीजेपी इस बार यह पद किसी भी कीमत पर छोड़ना नहीं चाहती, जबकि नीतीश कुमार इसे अपने 'सुरक्षा कवच' के तौर पर देख रहे हैं। क्या यह रस्साकशी नई सरकार के गठन में कोई रोड़ा अटकाएगी? जानिए पर्दे के पीछे की पूरी कहानी।

जीत के बाद भी रार? बिहार में 'स्पीकर' पद पर फंसा पेंच, BJP-JDU में नई खींचतान


बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजे आ चुके हैं और जनता ने NDA की झोली सीटों से भर दी है। लेकिन सरकार गठन (Government Formation) की प्रक्रिया के बीच 'स्पीकर' (Vidhan Sabha Speaker) का पद गले की फांस बन गया है। सूत्रों के मुताबिक, दिल्ली में चल रही हाई-लेवल मीटिंग्स में इसी एक मुद्दे पर पेंच फंसा हुआ है।

1. बिहार चुनाव 2025: फाइनल रिजल्ट (Final Election Results)

सबसे पहले नजर डालते हैं उन आंकड़ों पर, जिन्होंने बीजेपी को 'बड़ा भाई' और नीतीश कुमार को फिर से किंगमेकर बना दिया है। NDA ने कुल 243 में से 202 सीटों पर बंपर जीत दर्ज की है।

पार्टी (Party) सीटें जीतीं (Seats Won) गठबंधन (Alliance)
BJP (भारतीय जनता पार्टी) 89 (सबसे बड़ी पार्टी) NDA
JDU (जनता दल यूनाइटेड) 85 NDA
LJP (राम विलास) - चिराग पासवान 19 NDA
HAM (जीतन राम मांझी) 05 NDA
RJD (राजद) 25 Mahagathbandhan
Congress (कांग्रेस) 06 Mahagathbandhan
बड़ा उलटफेर: तेजस्वी यादव की RJD, जो पिछले चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी थी, इस बार मात्र 25 सीटों पर सिमट गई है। वहीं, चिराग पासवान 19 सीटों के साथ एक मजबूत 'पावर प्लेयर' बनकर उभरे हैं।

2. स्पीकर पद पर क्यों है झगड़ा? (The Conflict Explained)

नियमों के अनुसार, जिस गठबंधन की सरकार बनती है, स्पीकर उसी का होता है। लेकिन पेंच BJP vs JDU के बीच फंसा है।

बीजेपी का तर्क (BJP's Stand)

  • बीजेपी 89 सीटों के साथ गठबंधन में सबसे बड़ी पार्टी (Single Largest Party) है।
  • परंपरागत रूप से, सीएम पद अगर छोटे घटक (JDU) के पास है, तो स्पीकर पद बड़ी पार्टी (BJP) के पास होना चाहिए।
  • पार्टी कैडर का मानना है कि विधानसभा पर नियंत्रण रखना भविष्य की राजनीति के लिए जरूरी है।

जेडीयू की चिंता (JDU's Concern)

  • नीतीश कुमार को डर है कि अगर स्पीकर बीजेपी का हुआ, तो उनकी पार्टी में 'ऑपरेशन लोटस' (दल-बदल) का खतरा बढ़ सकता है।
  • महाराष्ट्र के हालिया राजनीतिक घटनाक्रमों को देखते हुए, जेडीयू स्पीकर का पद अपने पास रखकर अपनी सरकार की 'लाइफ इंश्योरेंस' चाहती है।

3. क्या है दिल्ली का फॉर्मूला? (The Likely Solution)

सूत्रों के हवाले से खबर है कि 20 नवंबर को शपथ ग्रहण से पहले एक बीच का रास्ता निकाला जा रहा है। फॉर्मूला 'महाराष्ट्र पैटर्न' पर हो सकता है:

  1. सीएम (CM): नीतीश कुमार (JDU)
  2. डिप्टी सीएम (Deputy CMs): बीजेपी से दो चेहरे (जैसे सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा)।
  3. स्पीकर (Speaker): बीजेपी को मिलने की प्रबल संभावना है, लेकिन JDU को आश्वासन दिया जाएगा कि पार्टी तोड़ने की कोई कोशिश नहीं होगी।

4. बाजार और अर्थव्यवस्था पर असर (Economic Impact)

राजनीतिक स्थिरता का सीधा असर बिहार के Infrastructure Projects और Real Estate Investment पर पड़ता है। पूर्ण बहुमत की सरकार बनने से निवेशकों (Investors) में भरोसा जगा है, जिससे राज्य में रोजगार के अवसर बढ़ने की उम्मीद है।

निष्कर्ष (Conclusion)

बिहार ने अपना जनादेश दे दिया है—विकास और स्थिरता के लिए। अब यह एनडीए के शीर्ष नेताओं पर निर्भर करता है कि वे 'कुर्सी' की इस लड़ाई को कितनी जल्दी सुलझाते हैं। 20 नवंबर को गांधी मैदान में शपथ ग्रहण समारोह भव्य होगा, लेकिन सबकी नजरें इस बात पर होंगी कि विधानसभा के अध्यक्ष की कुर्सी पर कौन विराजमान होता है—कमल का फूल या तीर का निशान?

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

Q1: बिहार का नया मुख्यमंत्री कौन होगा?

A: NDA की जीत के बाद यह तय है कि नीतीश कुमार ही 10वीं बार बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे।

Q2: स्पीकर का पद इतना महत्वपूर्ण क्यों है?

A: स्पीकर के पास दल-बदल कानून (Anti-Defection Law) के तहत विधायकों को अयोग्य घोषित करने की शक्ति होती है, जो सरकार बचाने या गिराने में निर्णायक साबित हो सकती है।

Q3: तेजस्वी यादव की हार का मुख्य कारण क्या रहा?

A: विश्लेषकों के अनुसार, 'महिला वोट बैंक' (जिन्होंने नीतीश की शराबबंदी और सुरक्षा को वोट दिया) और अति-पिछड़ा वर्ग का NDA की तरफ झुकाव RJD की हार का बड़ा कारण बना।


NOTE : यहां दी गई जानकारी एक सामान्य अनुमान और धारणा ओ के आधारित हे किसी भी जानाकरी कोई निष्कर्ष पर कृपया ना पोहचे। जानकारी के अनुरूप Expert की सलाह जरूर ले. धन्यवाद

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