मैराथन फ्यूजन का 'सोना बनाने' का दावा: न्यूक्लियर फ्यूजन से हर साल 5000 KG सोना?



अरे वाह! ऐसा लगता है कि आपके पास एक रोमांचक खबर है जिसे दुनिया के साथ साझा करने की प्रतीक्षा कर रहे हैं! प्राचीन काल से मनुष्य ने जिस सपने को संजोया है, उसे सच करने का दावा करने वाली एक स्टार्टअप कंपनी ने विज्ञान और वित्तीय जगत में हलचल मचा दी है। सोचिए, यदि सचमुच 'पारा' जैसा साधारण दिखने वाला तत्व, न्यूक्लियर फ्यूजन की शक्ति से, चमकते सोने में बदल जाए तो क्या होगा? सैन फ्रांसिस्को स्थित एक स्टार्टअप, मैराथन फ्यूजन, ने कुछ ऐसा ही असाधारण दावा किया है। वे कहते हैं कि उन्होंने ऐसी तकनीक खोज ली है जिससे हर साल 500 किलोग्राम से भी अधिक शुद्ध सोना बनाया जा सकता है, और यह सिर्फ एक विज्ञान-कल्पना नहीं, बल्कि एक वैज्ञानिक संभावना है।

मैराथन फ्यूजन का 'सोना बनाने' का दावा: न्यूक्लियर फ्यूजन से हर साल 5000 KG सोना?


यदि उनके दावे सही साबित होते हैं, तो यह न केवल सोना उत्पादन के तरीके को बदल देगा, बल्कि वैश्विक अर्थव्यवस्था और ऊर्जा क्षेत्र के भविष्य को भी हमेशा के लिए नया आकार दे सकता है। आइए, इस सनसनीखेज दावे की गहराई में उतरें और समझें कि इसके पीछे का विज्ञान क्या है और यह हमारे लिए क्या मायने रखता है।

मैराथन फ्यूजन का 'सोना बनाने' का दावा: क्या यह आधुनिक रसायन विद्या है?

सैन फ्रांसिस्को के एक स्टार्टअप, मैराथन फ्यूजन, ने हाल ही में एक ऐसी घोषणा की है जिसने दुनिया भर का ध्यान अपनी ओर खींचा है। उनका दावा है कि उन्होंने न्यूक्लियर फ्यूजन तकनीक का उपयोग करके पारे (mercury) को सोने (gold) में बदलने का एक तरीका खोज लिया है। यह सदियों पुराने रसायन विद्या (alchemy) के सपने को आधुनिक विज्ञान के माध्यम से साकार करने जैसा लगता है।

मैराथन फ्यूजन और उनके असाधारण दावे

मैराथन फ्यूजन, जिसकी स्थापना 2023 में काइल शिलर (Kyle Schiller) और एडम रुटकोव्स्की (Adam Rutkowski) ने की थी, ने शुरुआत में फ्यूजन ऊर्जा संयंत्रों को अधिक कुशल बनाने के लिए ईंधन-प्रसंस्करण प्रौद्योगिकियों पर ध्यान केंद्रित किया था। हालांकि, उन्होंने हाल ही में एक वैज्ञानिक पेपर (जो अभी तक सहकर्मी-समीक्षित नहीं है) प्रकाशित किया है, जिसमें फ्यूजन प्रक्रिया के उप-उत्पाद के रूप में सोना उत्पादन करने की विधि का प्रस्ताव किया गया है।

उनके मुख्य दावे हैं:

  • पारे से सोने का रूपांतरण (Mercury to Gold Transmutation): वे प्रस्तावित करते हैं कि पारे के एक विशिष्ट समस्थानिक (isotope), मरकरी-198, को एक फ्यूजन रिएक्टर के "ब्रीडिंग ब्लैंकेट" में डाला जा सकता है। जब यह उच्च-ऊर्जा वाले न्यूट्रॉन (जो फ्यूजन प्रतिक्रिया के दौरान उत्पन्न होते हैं) से टकराता है, तो मरकरी-198 मरकरी-197 में बदल जाएगा। यह मरकरी-197 फिर कुछ दिनों (लगभग 64 घंटे) में स्थिर सोना-197 (सोने का स्वाभाविक रूप से पाया जाने वाला रूप) में विघटित हो जाएगा।
  • बड़े पैमाने पर सोना उत्पादन की क्षमता: मैराथन फ्यूजन का अनुमान है कि एक एक-गीगावाट फ्यूजन पावर प्लांट इस विधि का उपयोग करके सालाना लगभग 5,000 किलोग्राम (5 टन) सोना बना सकता है। मौजूदा बाजार कीमतों पर, यह प्रति गीगावाट फ्यूजन ऊर्जा से सालाना $550 मिलियन से $600 मिलियन के बराबर हो सकता है।
  • दोहरी आय का स्रोत (Dual Revenue Stream): कंपनी का दावा है कि यह सोना उत्पादन संयंत्र की बिजली उत्पादन या ईंधन आत्मनिर्भरता (ट्रिटियम उत्पादन) से कोई समझौता किए बिना होगा। इसका मतलब है कि एक फ्यूजन प्लांट संभावित रूप से बिजली से जितनी आर्थिक मूल्य प्राप्त करता है, उतना ही सोने के उत्पादन से भी प्राप्त कर सकता, जिससे इसकी व्यावसायिक व्यवहार्यता दोगुनी हो जाती है और फ्यूजन ऊर्जा निवेशकों के लिए कहीं अधिक आकर्षक हो जाती है।
  • सोने से परे अन्य मूल्यवान धातुएँ: मैराथन फ्यूजन यह भी सुझाव देता है कि इसी तरह की परमाणु प्रक्रियाओं का उपयोग अन्य उच्च-मूल्य वाली सामग्री, जैसे "न्यूक्लियर बैटरी" के घटक, चिकित्सा समस्थानिक (medical isotopes) और पैलेडियम (palladium) जैसी अन्य बहुमूल्य धातुओं को बनाने के लिए भी किया जा सकता है।

चुनौतियाँ और वर्तमान स्थिति

जबकि ये दावे निश्चित रूप से आकर्षक हैं और इन्होंने काफी ध्यान आकर्षित किया है, चुनौतियों और वर्तमान स्थिति को समझना महत्वपूर्ण है:

  • सहकर्मी-समीक्षा लंबित (Peer Review Pending): उनकी विधि का विस्तृत विवरण देने वाला वैज्ञानिक पेपर अभी तक स्वतंत्र सहकर्मी-समीक्षा से नहीं गुजरा है। अनुसंधान निष्कर्षों को मान्य करने के लिए वैज्ञानिक प्रक्रिया में यह एक महत्वपूर्ण कदम है। जब तक यह प्रक्रिया पूरी नहीं हो जाती, तब तक इन दावों को पूरी तरह से सत्यापित नहीं माना जा सकता।
  • रेडियोधर्मी सोने का भंडारण: इस प्रक्रिया से रेडियोधर्मी सोने के समस्थानिकों (radioactive gold isotopes) की थोड़ी मात्रा उत्पन्न हो सकती है। मैराथन फ्यूजन इस बात को स्वीकार करता है, और अनुमान लगाता है कि सोने को सुरक्षित रूप से संभालने या बेचने के लिए 14 से 18 साल तक सुरक्षित रूप से संग्रहीत करने की आवश्यकता होगी। यह भंडारण आवश्यकता एक महत्वपूर्ण व्यावहारिक और आर्थिक विचार जोड़ती है।
  • व्यावसायिक फ्यूजन रिएक्टरों पर निर्भरता: पूरा प्रस्ताव बड़े पैमाने पर, शुद्ध-ऊर्जा-उत्पादक फ्यूजन रिएक्टरों के सफल विकास और व्यावसायीकरण पर निर्भर करता है, जो अभी मौजूद नहीं हैं। दशकों के शोध और हालिया प्रगति के बावजूद, फ्यूजन ऊर्जा को अभी भी व्यापक व्यावसायिक व्यवहार्यता से दशकों दूर माना जाता है। मैराथन फ्यूजन के अनुमान काल्पनिक फ्यूजन रिएक्टरों के "डिजिटल ट्विन" सिमुलेशन पर आधारित हैं।
  • वैज्ञानिक जिज्ञासा बनाम सिद्ध तकनीक: इस अवधारणा ने निश्चित रूप से वैज्ञानिकों और निवेशकों को "जिज्ञासु" किया है, जिसमें डॉ. अहमद डायल (प्रिंसटन प्लाज्मा फिजिक्स लैबोरटरी) जैसे कुछ विशेषज्ञों ने इसकी सैद्धांतिक क्षमता पर सकारात्मक टिप्पणी की है। हालांकि, यह एक सैद्धांतिक प्रस्ताव है और कोई सिद्ध, व्यावसायिक रूप से परिचालित तकनीक नहीं है।

फंडिंग और पृष्ठभूमि

मैराथन फ्यूजन, जिसकी स्थापना 2023 में हुई थी, ने महत्वपूर्ण फंडिंग जुटाई है, जिसमें लगभग $5.9 मिलियन का निजी निवेश (स्ट्रॉन्ग एटॉमिक्स और 1517 फंड जैसे निवेशकों से) और लगभग $4 मिलियन के अमेरिकी सरकारी अनुदान (ARPA-E और ब्रेकथ्रू एनर्जी फेलोज कार्यक्रम जैसी एजेंसियों से) शामिल हैं। यह दर्शाता है कि कुछ निवेशकों और सरकारी निकायों में उनके समग्र फ्यूजन-संबंधित काम की क्षमता में विश्वास है, न कि केवल सोने के दावे में।

निष्कर्ष और भविष्य की संभावनाएँ

मैराथन फ्यूजन के "सोना बनाने" के दावे एक आकर्षक विकास है जो रसायन विद्या के प्राचीन सपने को अत्याधुनिक न्यूक्लियर फ्यूजन विज्ञान के साथ जोड़ता है। यदि उनकी विधि बड़े पैमाने पर वैज्ञानिक और आर्थिक रूप से व्यवहार्य साबित होती है, तो यह निश्चित रूप से ऊर्जा क्षेत्र और बहुमूल्य धातुओं के बाजार दोनों में क्रांति ला सकती है। हालांकि, महत्वपूर्ण बाधाएं बनी हुई हैं, विशेष रूप से सफल व्यावसायिक फ्यूजन पावर प्लांट की आवश्यकता और कठोर वैज्ञानिक सहकर्मी-समीक्षा के माध्यम से उनकी रूपांतरण प्रक्रिया का सत्यापन। रेडियोधर्मी उप-उत्पादों के लिए लंबी भंडारण अवधि भी एक व्यावहारिक चुनौती पेश करती है।

यह निश्चित रूप से एक ऐसी कहानी है जिस पर नज़र रखनी चाहिए, लेकिन अभी के लिए, यह एक अत्यधिक महत्वाकांक्षी वैज्ञानिक प्रस्ताव है न कि तत्काल वास्तविकता। यह समझना महत्वपूर्ण है कि फ्यूजन ऊर्जा का क्षेत्र अभी भी विकास के प्रारंभिक चरणों में है, और ऐसे दावों को सिद्ध होने में समय लग सकता है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

1. मैराथन फ्यूजन क्या दावा कर रहा है?

मैराथन फ्यूजन का दावा है कि उन्होंने न्यूक्लियर फ्यूजन रिएक्टर का उपयोग करके पारे (मरकरी-198) को सोने (सोना-197) में बदलने का एक तरीका खोजा है। उनका अनुमान है कि एक गीगावाट का फ्यूजन प्लांट हर साल 5,000 किलोग्राम सोना बना सकता है।

क्या यह सोना बनाने की विधि वैज्ञानिक रूप से सिद्ध हो चुकी है?

नहीं, मैराथन फ्यूजन ने अपना प्रस्ताव एक वैज्ञानिक पेपर में प्रकाशित किया है, लेकिन यह अभी तक स्वतंत्र सहकर्मी-समीक्षा से नहीं गुजरा है। इसलिए, इसे अभी तक वैज्ञानिक रूप से पूरी तरह से सिद्ध नहीं माना जा सकता है।

इस प्रक्रिया से बना सोना क्या रेडियोधर्मी होगा?

हाँ, कंपनी का कहना है कि उत्पन्न सोने में रेडियोधर्मी समस्थानिकों (radioactive isotopes) की थोड़ी मात्रा हो सकती है। इसलिए, इसे सुरक्षित रूप से संभालने या बेचने से पहले 14 से 18 साल तक सुरक्षित रूप से संग्रहीत करने की आवश्यकता होगी।

क्या यह तकनीक जल्द ही बाजार में आ जाएगी?

यह तकनीक बड़े पैमाने पर और व्यावसायिक फ्यूजन रिएक्टरों पर निर्भर करती है, जो अभी मौजूद नहीं हैं। फ्यूजन ऊर्जा को अभी भी व्यापक व्यावसायिक व्यवहार्यता से दशकों दूर माना जाता है। इसलिए, इसका तत्काल बाजार में आना संभव नहीं है।

सोने के उत्पादन के अलावा और क्या बनाया जा सकता है?

मैराथन फ्यूजन यह भी सुझाव देता है कि इसी तरह की प्रक्रियाओं का उपयोग करके "न्यूक्लियर बैटरी" के घटक, चिकित्सा समस्थानिक (medical isotopes) और पैलेडियम (palladium) जैसी अन्य बहुमूल्य धातुएँ भी बनाई जा सकती हैं।

अगर यह तकनीक सफल होती है तो सोने की कीमतों पर क्या असर पड़ेगा?

यदि यह तकनीक बड़े पैमाने पर सफल होती है और बड़े पैमाने पर सोना उत्पादन संभव होता है, तो यह निश्चित रूप से वैश्विक सोने की कीमतों को प्रभावित कर सकता है, संभवतः उन्हें कम कर सकता है क्योंकि आपूर्ति नाटकीय रूप से बढ़ जाएगी। हालांकि, यह दूर की संभावना है।

विशेष सूचना: यह लेख मैराथन फ्यूजन द्वारा किए गए दावों पर आधारित है और इसे केवल जानकारीपूर्ण उद्देश्यों के लिए प्रस्तुत किया गया है। किसी भी वैज्ञानिक दावे की पुष्टि के लिए स्वतंत्र सहकर्मी-समीक्षा और प्रायोगिक सत्यापन आवश्यक है।

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NOTE : यहां दी गई जानकारी एक सामान्य अनुमान और धारणा ओ के आधारित हे किसी भी जानाकरी कोई निष्कर्ष पर कृपया ना पोहचे। जानकारी के अनुरूप Expert की सलाह जरूर ले. धन्यवाद

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