सुबह 6 से 12 बजे के बीच क्यों आते हैं सबसे ज़्यादा हार्ट अटैक? कार्डियोलॉजिस्ट ने बताया बड़ा कारण



क्या आपने कभी सोचा है कि हार्ट अटैक (Heart Attack) आने का कोई निश्चित समय होता है? मेडिकल एक्सपर्ट्स और रिसर्च यह बताते हैं कि दिन का एक खास समय होता है जब हृदय रोग (Heart Disease) के दौरे का रिस्क (Risk) काफी बढ़ जाता है। यह समय है सुबह 6 बजे से दोपहर 12 बजे तक। इसे 'गोल्डन आवर्स' (Golden Hours) भी कहा जाता है, लेकिन दुर्भाग्य से, ये वे घंटे हैं जब हमारे हृदय पर सबसे ज़्यादा स्ट्रेस (Stress) होता है। 

 

सुबह 6 से 12 बजे के बीच क्यों आते हैं सबसे ज़्यादा हार्ट अटैक? कार्डियोलॉजिस्ट ने बताया बड़ा कारण

बहुत से लोगों के लिए, सुबह का समय दिन की नई शुरुआत का प्रतीक होता है, लेकिन हमारे शरीर के लिए, यह आंतरिक बदलावों और संभावित खतरों का समय भी हो सकता है। इस टाइम पीरियड (Time Period) के दौरान हार्ट अटैक के मामलों में वृद्धि सिर्फ एक इत्तेफाक नहीं है, बल्कि इसके पीछे कुछ गहरे बायोलॉजिकल (Biological) और फिजिकल (Physical) रीज़न्स (Reasons) हैं। 

 कार्डियोलॉजिस्ट्स (Cardiologists) ने इस मुद्दे पर गहराई से स्टडी (Study) की है और वे इस समय को बेहद सेंसिटिव (Sensitive) मानते हैं। आइए, हम इस रहस्य को उजागर करें और जानें कि सुबह के ये घंटे हृदय के लिए क्यों ज़्यादा चैलेंजिंग (Challenging) होते हैं, और इससे बचने के लिए हम क्या कर सकते हैं। यह जानकारी आपके हार्ट हेल्थ (Heart Health) के लिए बेहद क्रूशियल (Crucial) हो सकती है।

सुबह का समय और शरीर के नेचुरल चेंजेज़ (Natural Changes)

कार्डियोलॉजिस्ट्स के अनुसार, सुबह 6 बजे से दोपहर 12 बजे तक हार्ट अटैक आने की संभावना सबसे ज़्यादा होती है। इसके पीछे का मुख्य कारण हमारे शरीर की सर्कैडियन रिदम (Circadian Rhythm) है, जिसे हमारी बायोलॉजिकल क्लॉक (Biological Clock) भी कहते हैं। यह बायोलॉजिकल क्लॉक हमारे शरीर में दिन भर होने वाले हार्मोनल (Hormonal) और फिजिकल (Physical) चेंजेज़ को कंट्रोल करती है।

  • हार्मोनल फ्लक्चुएशन (Hormonal Fluctuation): सुबह जागते समय, हमारा शरीर कोर्टिसोल (Cortisol) और एड्रेनालिन (Adrenaline) जैसे स्ट्रेस हार्मोन्स का प्रोडक्शन (Production) बढ़ाता है। ये हार्मोन्स हमें जागृत होने और दिन की एक्टिविटीज़ (Activities) के लिए तैयार होने में मदद करते हैं, लेकिन इनके नेगेटिव इफेक्ट्स (Negative Effects) भी होते हैं।
  • ब्लड प्रेशर और हार्ट रेट (Heart Rate): कोर्टिसोल और एड्रेनालिन के लेवल (Level) में वृद्धि से ब्लड प्रेशर (Blood Pressure) बढ़ता है और हार्ट रेट भी तेज़ी से बढ़ती है। जो लोग पहले से ही हाई ब्लड प्रेशर या हृदय रोग से पीड़ित हैं, उनके लिए यह वृद्धि खतरनाक साबित हो सकती है।

ब्लड क्लॉटिंग (Blood Clotting) और प्लेटलेट्स (Platelets) का रोल

सुबह के समय हार्ट अटैक का रिस्क बढ़ाने वाला दूसरा महत्वपूर्ण कारण ब्लड क्लॉटिंग की प्रक्रिया और प्लेटलेट्स की एक्टिविटी (Activity) है।

  • प्लेटलेट्स की सक्रियता: सुबह, हमारे ब्लड (Blood) में प्लेटलेट्स ज़्यादा चिपचिपे और एक्टिव हो जाते हैं। प्लेटलेट्स वे सेल्स (Cells) होते हैं जो ब्लड क्लॉट (Blood Clot) बनाने में मदद करते हैं। यदि शरीर में पहले से ही कोलेस्ट्रॉल (Cholesterol) जमने के कारण ब्लड वेसल्स (Blood Vessels) संकरी हो गई हों, तो इस समय प्लेटलेट्स ज़्यादा एक्टिव होकर ब्लड क्लॉट (थ्रोम्बोसिस - Thrombosis) बना सकते हैं।
  • ब्लड वेसल्स में रुकावट: यह ब्लड क्लॉट हृदय तक पहुँचने वाले ब्लड फ्लो (Blood Flow) को ब्लॉक (Block) कर सकता है, जिसके परिणामस्वरूप हार्ट अटैक आ सकता है। जिन आर्टरीज़ (Arteries) में पहले से ही प्लेक (Plaque) के कारण रुकावट होती है, वहाँ क्लॉट बनने का रिस्क कई गुना बढ़ जाता है।

स्ट्रेस (Stress) और सुबह की एक्टिविटीज़

आंतरिक शारीरिक कारणों के अलावा, सुबह के समय होने वाली एक्टिविटीज़ और स्ट्रेस भी हार्ट अटैक के रिस्क को बढ़ा सकते हैं:

  • सुबह का स्ट्रेस: बहुत से लोगों के लिए सुबह का समय जल्दीबाजी, काम पर पहुँचने की चिंता और दिन भर के टास्क (Tasks) को प्लान (Plan) करने में बीतता है। यह सारा स्ट्रेस ब्लड प्रेशर को बढ़ा सकता है।
  • फिजिकल एक्टिविटीज़: सुबह उठने के तुरंत बाद स्ट्रेसफुल (Stressful) या भारी फिजिकल एक्टिविटीज़ जैसे कि एक्सरसाइज (Exercise), घर का काम, या ऑफिस (Office) का काम शुरू करने से हृदय पर अचानक लोड (Load) आ सकता है।
  • कम नींद (Insufficient Sleep): पर्याप्त नींद न मिलना भी सुबह के समय हृदय पर प्रेशर (Pressure) बढ़ा सकता है।

हार्ट अटैक का रिस्क कम करने के लिए टॉप टिप्स

हालांकि सुबह के समय होने वाले बायोलॉजिकल (Biological) चेंजेज़ को पूरी तरह से टाला नहीं जा सकता, फिर भी कुछ स्टेप्स (Steps) लेकर हार्ट अटैक का रिस्क कम किया जा सकता है:

  • सॉफ्ट स्टार्ट (Soft Start): सुबह उठते ही जल्दीबाजी न करें। कुछ देर बिस्तर पर ही आराम करें, धीरे-धीरे उठें।
  • लाइट एक्सरसाइज (Light Exercise): सुबह तुरंत हैवी एक्सरसाइज करने के बजाय, हल्के स्ट्रेचिंग (Stretching) या योग (Yoga) करें। यदि आप सुबह वर्कआउट (Workout) करना चाहते हैं, तो शरीर को धीरे-धीरे वॉर्म-अप (Warm-up) होने दें।
  • रेगुलर स्लीप (Regular Sleep): हर दिन 7-8 घंटे की पर्याप्त और क्वालिटी स्लीप (Quality Sleep) लें। रेगुलर स्लीप साइकल (Sleep Cycle) बनाए रखें।
  • न्यूट्रिशियस ब्रेकफास्ट (Nutritious Breakfast): सुबह का नाश्ता कभी न छोड़ें। न्यूट्रिशियस और बैलेंस्ड ब्रेकफास्ट (Balanced Breakfast) लें जो शरीर में ग्लूकोज (Glucose) का लेवल स्टेबल (Stable) रखने में मदद करे।
  • पानी का सेवन (Hydration): सुबह उठकर एक गिलास पानी पीने से शरीर हाइड्रेटेड (Hydrated) रहता है और ब्लड को पतला रखने में मदद कर सकता है।
  • स्ट्रेस मैनेजमेंट (Stress Management): मेडिटेशन (Meditation), योग या डीप ब्रीदिंग टेक्निक्स (Deep Breathing Techniques) के माध्यम से स्ट्रेस को कंट्रोल करने की कोशिश करें।
  • रेगुलर चेक-अप (Regular Check-up): खासकर यदि आपको हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज (Diabetes), या हृदय रोग का फैमिली हिस्ट्री (Family History) है, तो नियमित रूप से डॉक्टर की सलाह लें और अपनी दवाएं टाइम पर लें।
  • स्मोकिंग (Smoking) और अल्कोहल (Alcohol) अवॉइड करें: ये दोनों आदतें हृदय रोग के रिस्क को काफी बढ़ाती हैं।

निष्कर्ष (Conclusion)

सुबह 6 से 12 बजे के बीच हार्ट अटैक का रिस्क बढ़ने के पीछे हमारे शरीर के नेचुरल बायोलॉजिकल चेंजेज़ और हार्मोनल फ्लक्चुएशन जिम्मेदार हैं। यह जानकारी होने से हम ज़्यादा सतर्क रह सकते हैं और अपनी सुबह की दिनचर्या में ज़रूरी बदलाव कर सकते हैं। हृदय को स्वस्थ रखने के लिए हेल्दी डाइट (Healthy Diet), रेगुलर एक्सरसाइज, पर्याप्त नींद और स्ट्रेस मैनेजमेंट की (Key) हैं। याद रखें, अपने हृदय का ध्यान रखना आपके हाथ में है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

प्र.1: सुबह 6 से 12 बजे के बीच हार्ट अटैक क्यों ज़्यादा आते हैं?

उ.1: इस समय शरीर में स्ट्रेस हार्मोन्स (कोर्टिसोल, एड्रेनालिन) का लेवल बढ़ता है, ब्लड प्रेशर और हार्ट रेट बढ़ती है, और प्लेटलेट्स ज़्यादा एक्टिव होकर ब्लड क्लॉट बनने का रिस्क बढ़ाते हैं।

प्र.2: सर्कैडियन रिदम क्या होता है?

उ.2: सर्कैडियन रिदम शरीर की नेचुरल बायोलॉजिकल क्लॉक है जो 24 घंटे के साइकल में स्लीप-वेक साइकल (Sleep-Wake Cycle), हार्मोनल लेवल्स और अन्य शारीरिक कार्यों को कंट्रोल करती है।

प्र.3: हार्ट अटैक का रिस्क कम करने के लिए सुबह क्या करना चाहिए?

उ.3: सुबह धीरे-धीरे उठें, लाइट एक्सरसाइज करें, न्यूट्रिशियस ब्रेकफास्ट लें, पर्याप्त पानी पिएं और स्ट्रेस अवॉइड करें। तुरंत हैवी फिजिकल एक्टिविटीज़ शुरू करने से बचें।

प्र.4: क्या कम नींद हार्ट अटैक के रिस्क से जुड़ी है?

उ.4: हाँ, अपर्याप्त या अनियमित नींद हृदय पर प्रेशर बढ़ा सकती है और हृदय रोग का रिस्क बढ़ा सकती है।

प्र.5: क्या स्मोकिंग और अल्कोहल हृदय के लिए खतरनाक हैं?

उ.5: हाँ, स्मोकिंग और अल्कोहल का सेवन हृदय रोग, हाई ब्लड प्रेशर और अन्य कार्डियोवस्कुलर (Cardiovascular) प्रॉब्लम्स (Problems) का रिस्क काफी बढ़ाते हैं।


NOTE : यहां दी गई जानकारी एक सामान्य अनुमान और धारणा ओ के आधारित हे किसी भी जानाकरी कोई निष्कर्ष पर कृपया ना पोहचे। जानकारी के अनुरूप Expert की सलाह जरूर ले. धन्यवाद

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