भारत के मशहूर उद्योगपति अनिल अंबानी की मुश्किलें अब खत्म होती नजर आ रही हैं। उनकी कर्ज में डूबी कंपनी रिलायंस कैपिटल अब बिकने के करीब है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, हिंदुजा ग्रुप की कंपनी इंडसइंड इंटरनेशनल होल्डिंग्स लिमिटेड (IIHL) ने रिलायंस कैपिटल को 9,861 करोड़ रुपये में खरीदने की योजना बनाई है। इस सौदे की औपचारिक घोषणा जल्द ही होने की संभावना है।
रिलायंस कैपिटल की मौजूदा स्थिति
रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने 30 नवंबर 2021 को रिलायंस कैपिटल के बोर्ड को भंग कर दिया था और दिवालिया प्रक्रिया शुरू कर दी थी। इसके पीछे सबसे बड़ा कारण था कंपनी का 40,000 करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज। अब हिंदुजा ग्रुप इस कंपनी को खरीदने के लिए सबसे बड़ी बोली लगाकर इसे पुनर्जीवित करने की योजना बना रहा है।
रिलायंस कैपिटल के अंतर्गत 20 से अधिक वित्तीय सेवा कंपनियां आती हैं, जिनमें बीमा, एसेट मैनेजमेंट, कमर्शियल फाइनेंस जैसी सेवाएं शामिल हैं। अगर यह सौदा सफल होता है, तो इंडसइंड इंटरनेशनल होल्डिंग्स लिमिटेड को भारतीय वित्तीय बाजार में एक बड़ी पकड़ मिलेगी।
अनिल अंबानी की संपत्ति में बड़ा बदलाव
कभी कर्ज में डूबे अनिल अंबानी की आर्थिक स्थिति में बदलाव आना शुरू हो गया है। टाइम्स ऑफ इंडिया की 2023 की रिपोर्ट के मुताबिक, उनकी कुल संपत्ति 250 करोड़ रुपये आंकी गई थी। हालांकि, हाल के महीनों में रिलायंस पावर और रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर के शेयरों में जबरदस्त उछाल देखा गया है, जिससे उनकी संपत्ति में भी वृद्धि हो रही है।
डील से जुड़े प्रमुख बिंदु:
✔ डील की संभावित राशि: 9,861 करोड़ रुपये (98.6 अरब रुपये)रिलायंस कैपिटल को खरीदने में हिंदुजा ग्रुप की दिलचस्पी क्यों?
- वित्तीय सेवा क्षेत्र में विस्तार: यह डील हिंदुजा ग्रुप को भारत के वित्तीय बाजार में एक मजबूत स्थिति दिला सकती है।
- रिलायंस कैपिटल के अधीन कंपनियां: बीमा और वित्तीय सेवाओं से जुड़ी 20 कंपनियां ग्रुप को अतिरिक्त लाभ देंगी।
- भारतीय अर्थव्यवस्था में विकास: भारत के बढ़ते फाइनेंशियल सेक्टर में यह निवेश एक बड़ी रणनीतिक चाल साबित हो सकता है।
भविष्य में क्या हो सकता है?
यदि यह डील सफल होती है, तो यह भारतीय वित्तीय बाजार में एक महत्वपूर्ण बदलाव ला सकती है। हिंदुजा ग्रुप की कंपनी इंडसइंड इंटरनेशनल होल्डिंग्स लिमिटेड रिलायंस कैपिटल के माध्यम से बैंकिंग, बीमा और फाइनेंस सेक्टर में अपनी पकड़ मजबूत करेगी।
वहीं, अनिल अंबानी के लिए भी यह राहत की बात होगी। उनके कारोबार में निवेशकों का विश्वास बढ़ रहा है, और उनके बेटों के नेतृत्व में कंपनी में नई जान फूंकी जा रही है।
निष्कर्ष
रिलायंस कैपिटल की बिक्री का यह सौदा भारतीय वित्तीय सेवा क्षेत्र में एक ऐतिहासिक कदम साबित हो सकता है। हिंदुजा ग्रुप द्वारा इस अधिग्रहण से न केवल रिलायंस कैपिटल का कर्ज कम होगा, बल्कि भारतीय फाइनेंशियल मार्केट को भी मजबूती मिलेगी। हालांकि, आधिकारिक घोषणा अभी बाकी है, लेकिन संकेत साफ हैं कि यह डील जल्द ही पूरी हो सकती है।
NOTE : यहां दी गई जानकारी एक सामान्य अनुमान और धारणा ओ के आधारित हे किसी भी जानाकरी कोई निष्कर्ष पर कृपया ना पोहचे। जानकारी के अनुरूप Expert की सलाह जरूर ले. धन्यवाद
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