दुनिया को तबाह करने वाले वायरस की भारत में एंट्री!



आजकल देश-दुनिया में एक बार फिर डर का माहौल बढ़ता जा रहा है। लोगों को एक बार फिर से COVID - 19 कोविड-19 के भयानक दिन याद आ रहे हैं। इसके पीछे का कारण चीन में एक नए वायरस Human Metapneumovirus ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) का तेजी से फैलना है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, चीन में अब तक इस वायरस से कई लोग संक्रमित हो चुके हैं। हालात ऐसे हैं कि अस्पतालों को लोगों के इलाज के लिए बेड तक नहीं मिल रहे हैं। भारत में भी तीन बच्चे एचएमपीवी से संक्रमित हो चुके हैं, जिससे लोग डरे हुए हैं। बेंगलुरु में तीन और आठ महीने की उम्र के दो बच्चे और अहमदाबाद के चांदखेड़ा इलाके में 2 महीने का एक बच्चा एचएमपीवी से संक्रमित पाया गया है। उनका अस्पताल में इलाज चल रहा है।

दुनिया को तबाह करने वाले वायरस की भारत में एंट्री!

आजकल चीन में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) के प्रकोप के कारण कई लोग इससे संक्रमित हो चुके हैं। इससे देश में भी लोगों के बीच डर बढ़ता जा रहा है। लोगों में कोविड-19 जैसा डर देखने को मिल रहा है। क्या HMPV कोरोना वायरस जितना खतरनाक साबित होगा? एचएमपीवी के लक्षण क्या हैं, इससे कैसे बचें, यहां विस्तार से जानें।

HMPV पहले से ही देश में मौजूद है

हालांकि, विशेषज्ञ यह भी कह रहे हैं कि यह वायरस यहां पहले से ही मौजूद है। यह वायरस नया नहीं है। पिछले साल नवंबर में एक बच्चा भी इससे संक्रमित हुआ था। संक्रमित बच्चों का कोई यात्रा इतिहास नहीं है। इन बच्चों का चीन, मलेशिया या किसी अन्य देश का कोई यात्रा इतिहास भी नहीं है। एचएमपीवी एक वायरस है जो भारत में काफी समय से मौजूद है। संभव है कि यह इसका नया वेरिएंट हो। ज्यादा घबराने या चिंता करने की जरूरत नहीं है। आपको सावधान रहना चाहिए कि आप इस वायरस की चपेट में न आ जाएं।

ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) क्या है? / What is HMPV Virus?

ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) एक वायरस है जो मुख्य रूप से ठंड के मौसम में फैलता है। यदि यह अधिक गंभीर हो जाए तो यह फेफड़ों तक पहुंच सकता है और निमोनिया का कारण बन सकता है। इससे सांस संबंधी परेशानियां होने लगती हैं। बच्चों और बुजुर्गों पर ज्यादा असर करता है। इस वायरस की पहचान सबसे पहले 2001 में हुई थी।

HMPV कैसे फैलता है?

यह खांसने, छींकने, हाथ मिलाने या किसी संक्रमित व्यक्ति को छूने से भी फैलता है। संक्रमित होने पर लक्षण पांच दिन बाद दिखाई देते हैं। इसके लक्षण काफी हद तक कोरोना वायरस से मिलते-जुलते हैं। शायद यही वजह है कि लोग इस वायरस से इतना डरे हुए हैं।

HMPV के लक्षण क्या हैं?

शर्दी होनी
गला खराब होना
सिरदर्द
बुखार आ जाना
ठंड लगना
बहती नाक
खाँसी
सांस लेने में दिक्क्त
गंभीर लक्षणों में फेफड़ों का संक्रमण शामिल हो सकता है।
सांस की बीमारी, अस्थमा और फेफड़े की बीमारियों के मरीज सतर्क रहें।

HMPV से बचने के लिए क्या करें?

मास्क पहनकर ही घर से बाहर निकलें।
किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में न आएं।
खांसते और छींकते समय मुंह पर रुमाल रखें।
अधिक पानी पीना। पौष्टिक और घर का बना खाना खाएं।
पर्याप्त नींद।
हाथ साबुन से धोते रहें, सेनिटाइजर का प्रयोग करें।
भोजन करते समय भी हाथों को अच्छी तरह साफ करें।
प्रतिदिन स्नान करें। साफ-सफाई का ध्यान रखें।
यदि आप ऊपर बताए गए लक्षणों का अनुभव करते हैं, तो डॉक्टर से परामर्श लें।


HMPV से बचने के लिए क्या न करें?

लक्षण होने पर स्व-चिकित्सा न करें।
किसी संक्रमित व्यक्ति को छूने या उसके करीब जाने से बचें।
संक्रमित व्यक्ति के रूमाल, सामान आदि का प्रयोग न करें।
भीड़-भाड़ वाली जगहों पर ज्यादा देर तक न रहें।
गंदे हाथों से मुंह, आंख, नाक को बार-बार छूने से बचें।
डॉक्टर की सलाह के बिना अपनी मर्जी से कोई भी दवा न लें।
अपने कपड़े, रूमाल, तौलिया आदि किसी के साथ साझा न करें।

NOTE : यहां दी गई जानकारी एक सामान्य अनुमान और धारणा ओ के आधारित हे किसी भी जानाकरी कोई निष्कर्ष पर कृपया ना पोहचे। जानकारी के अनुरूप Expert की सलाह जरूर ले. धन्यवाद

Post a Comment

Previous Post Next Post
Job WhatsApp Group!