अब नहीं देना होगा लाइट बिल! सरकार ने सोलर पॉलिसी में किया बड़ा बदलाव



आपको Light Bill लाइट बिल के तौर पर एक भी रुपया न देना पड़े, इसके लिए सरकार कवायद कर रही है। आने वाले दिन ऐसे भी आएंगे जब आप जीरो लाइट बिल में भी घर की सभी सुख-सुविधाएं आसानी से चला सकेंगे। हर महीने आपको 5 से 7 हजार रुपये की बचत होगी। आम आदमी की समस्या को समझते हुए सरकार आपके पास आई है। इस मास्टर प्लान को खुद प्रधानमंत्री मोदी ने तैयार किया है। सरकार की शीर्ष नीति में बड़ा बदलाव किया गया है।

अब नहीं देना होगा लाइट बिल! सरकार ने सोलर पॉलिसी में किया बड़ा बदलाव

अभी तक यदि 10 किलोवाट क्षमता तक के Rooftop Solar Yojana रूफटॉप कनेक्शन की जरूरत होती थी तो इसके लिए टेक्नो फिजिबिलिटी रिपोर्ट ली जाती थी, जिसमें यह जांचा जाता था कि ट्रांसफार्मर की क्षमता नए लोड को संभाल सकेगी या नहीं। इस प्रक्रिया में समय लगने के कारण आवेदक को कनेक्शन जल्दी नहीं मिल पा रहा था। अब नियम बदल गए हैं।

इस संबंध में बिजली मंत्रालय के आदेश पर 'जर्क' की ओर से एक विशेष अधिसूचना जारी की गई है। जिसमें साफ कहा गया है कि अब सोलर का चार्ज नहीं लिया जाएगा। यानी रूफटॉप सोलर में 6KW क्षमता तक ग्राहक से कोई कनेक्शन शुल्क नहीं लिया जाएगा। इतना ही नहीं, इस संशोधन के साथ नीति में यह भी कहा गया है कि 10 किलोवाट की क्षमता वाले एप्लिकेशन को अब विलंबित तकनीकी-व्यवहार्यता प्रक्रिया से नहीं गुजरना पड़ेगा।

बता दें कि Pradhan Mantri Surya Ghar Yojana प्रधानमंत्री सूर्यघर योजना को लेकर Rooftop Policy रूफटॉप पॉलिसी में कुछ अहम बदलाव हुए हैं, जिसे लेकर Gujarat Electicity Regulatory Commission गुजरात इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन- GERC 'जर्क' ने दो दिन पहले एक नोटिफिकेशन जारी किया है, जिसमें 6 किलोवाट क्षमता तक के सोलर पैनल अब उपभोक्ता से सीधे शुल्क नहीं लिया जाएगा।

अभी तक छह किलोवाट तक के लिए सरकारी बिजली कंपनी या टोरंट कंपनी को डेढ़ से दो हजार पियानो चार्ज देने के बाद ग्राहक को ग्रिड कनेक्टिविटी मुहैया कराई जाती थी। अब नए नियम के मुताबिक ये खर्च सीधे ग्राहक से नहीं वसूला जाएगा। अब से इन लागतों को लाइसेंसधारी कंपनी द्वारा अपने सामान्य खर्चों में शामिल किया जाएगा और टैरिफ की लागत के रूप में माना जाएगा, इसलिए संक्षेप में ग्राहक से सीधे लिया जाने वाला कनेक्शन शुल्क टैरिफ में प्रभावी होगा। इसके अलावा, 'जर्क' द्वारा एक और महत्वपूर्ण सुधार किया गया है।

अभी तक यदि 10 किलोवाट क्षमता तक के रूफटॉप कनेक्शन की जरूरत होती थी तो इसके लिए टेक्नो फिजिबिलिटी रिपोर्ट ली जाती थी, जिसमें यह जांचा जाता था कि ट्रांसफार्मर की क्षमता नए लोड को संभाल सकेगी या नहीं। प्रक्रिया में समय लगने के कारण आवेदक को जल्दी कनेक्शन नहीं मिल पा रहा था, लेकिन अब ऊर्जा मंत्रालय ने ऐसे आवेदनों में तकनीकी व्यवहार्यता मानते हुए आवेदनों पर कार्रवाई करने का आदेश दिया है।

'जर्क' के मुताबिक अब 10 किलोवाट तक की क्षमता वाले आवेदनों पर सीधे कार्रवाई होगी, ट्रांसफार्मर क्षमता का विषय लाइसेंसधारी कंपनी को देखना होगा। इस प्रक्रिया से ग्राहकों को अब तेजी से रूफटॉप सोलर कनेक्शन मिल सकेगा।

प्रधानमंत्री मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट में से एक है सौर ऊर्जा। सौर ऊर्जा से बिजली उत्पादन और आम आदमी को बिजली बिल से मुक्ति।

भारत सरकार द्वारा लागू की गई यह योजना आपके अच्छे खासे पैसे बचाएगी। यह योजना आम आदमी के लिए वरदान साबित होगी।

NOTE : यहां दी गई जानकारी एक सामान्य अनुमान और धारणा ओ के आधारित हे किसी भी जानाकरी कोई निष्कर्ष पर कृपया ना पोहचे। जानकारी के अनुरूप Expert की सलाह जरूर ले. धन्यवाद

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