हर सब्जी में आयुर्वेदिक गुण होते हैं जो किसी न किसी तरह से शरीर के लिए फायदेमंद होते हैं और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में उपयोगी होते हैं। आज हम एक ऐसी ही सब्जी के बारे में बताने जा रहे हैं जिसके औषधीय फायदे जानकर आप भी इसका इस्तेमाल शुरू कर देंगे।
आज हम बात करने जा रहे हैं Bottle Gourd लौकी की सब्जियों के बारे में। कहा जाता है कि लौकी में दूध जैसे गुण होते हैं। लौकी की तासीर ठंडी होती है। इससे तेल भी निकलता है और यह तेल बालों के लिए बहुत फायदेमंद होता है। लौकी का तेल बालों और मस्तिष्क को शीतलता प्रदान करता है।
Benefits of Bottle Gourd ज्यादातर लोगों को लौकी का सेवन बिल्कुल भी पसंद नहीं होता है। लेकिन इसके फायदे इतने हैं कि हम इन्हें नजरअंदाज नहीं कर सकते। लौकी में एंटीऑक्सीडेंट प्रचुर मात्रा में होते हैं। फाइबर भी उपलब्ध है। लौकी दो प्रकार का आता है। मीठा लौकी और कड़वा लौकी।
सुबह व्यायाम या प्राणायाम के आधे घंटे बाद Benefits of Bottle Gourd Juice लौकी का रस शरीर के लिए बहुत फायदेमंद होता है। लौकी में मौजूद प्राकृतिक शर्करा शरीर में ग्लाइकोसिन के स्तर को बनाए रखती है और शरीर में कार्बोहाइड्रेट की कमी को भी पूरा करती है।
हृदय रोग में लौकी का जूस पीना बहुत फायदेमंद होता है। रोजाना सुबह खाली पेट एक गिलास लौकी का जूस पीना दिल के मरीजों के लिए फायदेमंद होता है। बाल झड़ने की समस्या में लौकी और इसका तेल बहुत फायदेमंद होता है। लौकी को चीनी में पीसकर बालों में लगाने से सिरदर्द से राहत मिलती है और सिर को ठंडक मिलती है।
लौकी के रस में शहद, चीनी या घी मिलाकर पीने से शरीर की सूजन, रक्त विकार, फोड़े, पित्ती, बुखार और नाक या गले से खून आना आदि ठीक हो जाते हैं। तेज बुखार और मस्तिष्क में गर्मी हो तो लौकी को कद्दुस या दो भाग कर के सिर या माथे पर लगाने से ठंडक मिलती है।
लौकी के छोटे-छोटे टुकड़े करके उसमें इमली और चीनी डालकर कम तापमान पर पानी में उबालकर कपड़े से छानकर पीने से मस्तिष्क की गर्मी, सिरदर्द में लाभ होता है। लौकी थीस्ल तेल कोलेस्ट्रॉल कम करता है और हृदय को मजबूत बनाता है। यह रक्तवाहिकाओं को भी स्वस्थ बनाता है। आंतों की कमजोरी, कब्ज, पीलिया, हाई बीपी, हृदय रोग, मधुमेह, शरीर में सूजन या मानसिक उत्तेजना आदि में लौकी का उपयोग बहुत उपयोगी है।
यदि अल्सर हो तो कुछ दिनों तक लौकी का सेवन करने से अल्सर ठीक हो जाता है। लौकी के रस में तिल का तेल मिलाकर पैरों के तलवों पर मालिश करने से नींद आ जाती है। कब्ज से पीड़ित लोगों को अधिक फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ खाने की जरूरत होती है। लौकी में फाइबर प्रचुर मात्रा में होने से कब्ज से पीड़ित लोगों को मल में फंसे पदार्थों को बाहर निकालने में मदद मिलती है। लौकी पाचन तंत्र को भी मजबूत बनाता है।
लौकी के गर्भ से ताजा पानी लें और इसे तिल के तेल, बादाम के तेल के साथ पकाएं। जब सारा पानी जल जाए तो तेल निकाल लें। तेल का उपयोग नींद लाने, गर्म खांसी को शांत करने के लिए किया जाता है।
लौकी का जूस कैसे बनाये
1 छोटी लौकी को छीलकर छोटे-छोटे टुकड़ों में काट लीजिए और मिक्सर में थोड़ा सा पानी डालकर पीस लीजिए। फिर इसे छलनी की मदद से छान लें और इसमें काली मिर्च पाउडर, सिंधा नमक डालकर पी लें। सुबह खाली पेट लौकी का जूस पीना जरूरी है।
NOTE : यहां दी गई जानकारी एक सामान्य अनुमान और धारणा ओ के आधारित हे किसी भी जानाकरी कोई निष्कर्ष पर कृपया ना पोहचे। जानकारी के अनुरूप Expert की सलाह जरूर ले. धन्यवाद
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