शादी में क्यों चोरी होती है दूल्हे की मोजड़ी? - जाने वजह

Admin
0
“जूते दो पैसे लो, पैसे दो जूते लो”….. फिल्म “हम आपके हैं कौन” का यह गाना और इसमें निभाई जाने वाली रस्म लगभग हर शादी का हिस्सा होती है। Marriage (शादी) में Groom (दूल्हे) का Custom of Stealing Shoes (जूता चुराने का रिवाज) पीढ़ियों से चला आ रहा है। हर कोई इस रिवाज के लिए खूब तैयारी करता है और इसे खूब एंजॉय भी करता है। लेकिन इस प्रथा को मनाने के पीछे की वजह बहुत कम लोग जानते होंगे। आज हम आपको शादी में Shoes Stolen (जूते चोरी) करने के रिवाज के बारे में कुछ खास बातें बताने जा रहे हैं, जो शायद ही कुछ लोग जानते हों। इसके अलावा शादी के दूसरे पहलुओं की भी जानकारी देंगे।

शादी में क्यों चोरी होती है दूल्हे की मोजड़ी?



Bride and Groom (दूल्हा और दुल्हन) की शादी पीठी चोलवा रस्म से शुरू होती है। कई लोगों का मानना ​​है कि हल्दी लगाने से त्वचा में निखार आता है, इसलिए इस परंपरा का पालन किया जाता है। लेकिन इसके पीछे यह मान्यता है कि किसी शादी में जितने मेहमान आते हैं, उनमें से कइयों को इंफेक्शन हो सकता है। दुल्हन को हल्दी लगाई जाती है ताकि दुल्हन को संक्रमण न हो। ऐसा इसलिए क्‍योंकि हल्दी एक एंटीबायोटिक के रूप में काम करती है।

मां और पत्नी दोनों में से किसका पक्ष लें - जाने यहाँ

सभी महिलाएं दुल्हन को मेंहदी लगाती हैं। ऐसा माना जाता है कि मेहंदी का रंग जितना गहरा होगा, भविष्य में वैवाहिक जीवन उतना ही बेहतर होगा और एक और मान्यता है कि शादी के दौरान कई तरह के तनाव होते हैं। इस बीच, मेंहदी मन को शांति देती है।

दूल्हा घर से निकल जाता है और घोड़े पर बैठ जाता है। घोड़ी को सभी जानवरों में सबसे चंचल और कामुक माना जाता है। इसलिए घोड़ी की पीठ पर बैठाकर दूल्हे की बारात निकाली जाती है। ऐसा माना जाता है कि दूल्हे को घोड़ी की पीठ पर बिठाया जाता है ताकि ये दोनों चीजें उसे अभिभूत न कर दें।

विवाह समारोह में दूल्हा और दुल्हन हाथ जोड़कर अग्नि के सामने सात वचन लेते हैं। पहले तीन फेरे में दूल्हा आगे होता है, उसके बाद चौथे फेरे में दुल्हन आगे होती है। दूल्हा दुल्हन और सात का वादा करता है। साथ ही दुल्हन दूल्हे से सात वादे करती है, जिसके बाद शादी की रस्में पूरी होती हैं।

शादी में जब दूल्हा मंडप में आता है तो वह अपनी मोजड़ी निकालता है। इसी बीच दुल्हन की बहनें यानी दूल्हे की सालिया मोजड़ी चुराने की कोशिश करती हैं। दूसरी तरफ दूल्हे का भाई और दोस्त अपनी मोजड़ी को बचाने की कोशिश करते हैं। लेकिन दूल्हे के ससुराल वालों के सामने कुछ नहीं होता। उसके बाद दूल्हा को मोजड़ी तब तक वापस नहीं मिलती जब तक कि वह साली को शगुन नहीं देता। यह एक बहुत ही रोचक और मजेदार प्रथा है। इसमें दूल्हा-दुल्हन पक्ष अपना पक्ष रखते हैं।

शादी में मोजड़ी चुराने की प्रथा के कई कारण बताए गए हैं। अक्सर यह भी कहा जाता है कि किसी भी व्यक्ति के मोजड़ी उसके बारे में कई राज खोल देते हैं। उसमें दुल्हन की बहन या उसकी सहेलियां मोजड़ी चुराने के इस रिवाज के साथ-साथ अपने जीजा के व्यक्तित्व का भी इम्तिहान लेती हैं। कुल मिलाकर यह देखा जाता है कि दूल्हे कितनी समझदारी से अपनी मोजड़ी वापस पाते हैं। साथ ही एक अन्य कारण के अनुसार फेरा के बाद विदाई का समय नजदीक आ जाता है, जिससे लोग उदास रहने लगते हैं। लेकिन उससे पहले मोजड़ी चुराने की प्रथा को खुशी और उल्लास के माहौल में बनाया जाता है और लोगों के चेहरे पर मुस्कान आ जाती है।

सेव टमाटर की सब्जी खाने से शरीर को होता है इतना बड़ा नुकसान

इस मोजड़ी चुराने की प्रथा के दौरान वर और वधू दोनों के परिवारों के बीच संवाद होता है, जो रिश्ते को मजबूत और महान बनाता है। दोनों परिवारों के लोगों के बीच हंसी-खुशी के साथ बातें भी शेयर की जाती हैं। साथ ही वे आपस में बात भी करते हैं। इस तरह एक रिश्ते की मजबूत शुरुआत होती है।

इसके अलावा शादी संपन्न होने के बाद दुल्हन की बहनें अपने जीजाजी से शगुन लेकर मोजड़ी वापस कर देती हैं। इस रिवाज का कोई वैज्ञानिक कारण नहीं है, बल्कि यह जीजा-साली के मधुर, प्यारे रिश्ते और मस्ती के लिए है। कहा जाता है कि यह प्रथा रामायण काल ​​से चली आ रही है।

Advertisement

rashi par thi jano patner no nature

Note :

किसी भी हेल्थ टिप्स को अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह अवश्य ले. क्योकि आपके शरीर के अनुसार क्या उचित है या कितना उचित है वो आपके डॉक्टर के अलावा कोई बेहतर नहीं जानता


Tags

Post a Comment

0Comments
Post a Comment (0)