आपने लोगों को रंग बदलते देखा होगा लेकिन क्या आपने कार को रंग बदलते देखा है?
हां, अमेरिका के लास वेगास में दुनिया के सबसे बड़े टेक शो कंज्यूमर
इलेक्ट्रॉनिक्स शो (CES) में अब कई आइटम हैं जैसे कि Colour Change Car, बिना
ड्राइवर के ट्रैक्टर, एक फ्रीस्टाइल प्रोजेक्टर और एक विशाल कॉफी टेबल गेम
टैबलेट।
इस इलेक्ट्रॉनिक शो में BMW ने बटन दबाने के तरीके में बदलाव किया है। डिजिटल
पेपर पर आधारित इस ई-लिंक तकनीक का उपयोग केंडल या कोबो जैसे ई-रीडर में किया गया
है। BMW ने कहा कि IX ई-कार पेंट स्कीम में नवोन्मेषी बदलाव का एक विकल्प है,
हालांकि कार अभी भी अपनी प्रारंभिक अवस्था में है। यह वर्तमान में बाजार में
उपलब्ध नहीं है।
AC - Cooler भूल जाइए, कमरे को ठंडा कर देगा ये प्लास्टिक ! घर का बिल भी बचेगा।
Taksho CES 2022 के दौरान, कंपनी ने IX Flow नाम से एक कॉन्सेप्ट कार पेश की। इस
कार में ई-इंक तकनीक का उपयोग करके पूरी कार के रंग और डिजाइन पैटर्न को पलक
झपकते ही बदला जा सकता है। इसके लिए कार की बाहरी सतह को एक खास तरह की ई-इंक से
कोट किया जाता है। इस कोट को इलेक्ट्रिक चार्ज देकर कलर पिगमेंट को बदला जा सकता
है, यानी कार का मालिक अपने मूड के अनुसार कार का रंग और पैटर्न बदल सकता है!
बेशक यह फीचर फिलहाल सिर्फ ब्लैक, व्हाइट और ग्रे कलर में ही उपलब्ध है।
कंपनी के मुताबिक ई-इंक का इस्तेमाल करने के और भी फायदे हैं। यदि कार के बाहरी
हिस्से को गर्म दिनों में सफेद रखा जाता है, तो कार का इंटीरियर अपेक्षाकृत ठंडा
हो सकता है क्योंकि यह अधिक धूप को दर्शाता है। अगर ठंड के दिनों में कार का
बाहरी हिस्सा काला है, तो यह अधिक धूप सोख लेगा, जिससे कार के अंदर का हिस्सा
गर्म रहेगा। हालांकि, जैसा कि पहले बताया गया है, यह सिर्फ एक कॉन्सेप्ट कार है।
फिलहाल यह पता नहीं चल पाया है कि वह इस कार का प्रॉडकशन करेंगे यह नहीं।
आपका नंबर किसी के मोबाइल में सेव है या नहीं- जानिए यहाँ आसान तरीका
कंपनी ने इसके लिए जिस इंक टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया है, वही किंडल जैसे
ई-रीडर टैबलेट में इस्तेमाल की जाने वाली तकनीक है। ई-इंक लाखों माइक्रो-कैप्सूल
से बना है। ऐसा हर एक कैप्सूल हमारे बालों जितना पतला होता है। प्रत्येक कैप्सूल
में सफेद या काले रंग के बहुत महीन कण होते हैं। इनमें से प्रत्येक कण को
प्राप्त होने वाले प्लस या माइनस इलेक्ट्रिक चार्ज के प्रकार के अनुसार चार्ज
किया जाता है और कैप्सूल के शीर्ष पर एक पतली फिल्म से टकराता है, जिससे स्क्रीन
पर अक्षर बनते हैं। कंपनी ने कार में भी यही तकनीक का इस्तेमाल किया है!