बचपन में मिट्टी से खेलने और मिट्टी में काम करने वाले मनसुख भाई प्रजापति ने वही किया जो आज लोगों के लिए मिसाल है।
साल 2001 में जब गुजरात में भूकंप आया तो एक अखबार में एक छोटी सी कहानी छपी, जिसका शीर्षक था टूट गया गरीब का Fridge। इस खबर को पढ़ने के बाद, मोरबी के निचमंडल तालुका के एक गाँव के मनसुखभाई प्रजापति के साथ ऐसा हुआ कि एक Fridge बनाया जाए जो गरीबों के काम आए। तब से वे ऐसा करने की कोशिश कर रहे हैं। मनसुख भाई बचपन से ही आर्थिक तंगी के कारण अपनी शिक्षा पूरी नहीं कर सके। फिर वे मिट्टी के बर्तन बनाने लगे। साल 2002 में उन्होंने इस प्रोजेक्ट पर काम करना शुरू किया।
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मनसुखभाई का मिट्टी के बर्तन बनाने का पारिवारिक व्यवसाय था। लेकिन वह व्यवसाय के अस्तित्व से भी डरता था। क्योंकि कारोबार दिन-ब-दिन छोटा होता जा रहा था। वह अपने पारिवारिक व्यवसाय को जीवित रखना चाहते थे। उन्होंने आज के समय की जरूरत को समझते हुए कुछ नया करने की सोची।
उन्होंने Mitticool नाम की एक कंपनी बनाई। कंपनी मिटी के Fridge, Coocker और Water Filter बनाती है। उन्होंने चीजों को प्राकृतिक रूप से ठंडा रखने के सिद्धांत के साथ एक Fridge बनाया है। इस Fridge को चलाने के लिए किसी प्रकार की ऊर्जा की आवश्यकता नहीं होती है। यह Fridge बिना बिजली के चलता है और इस Fridge में चीजें जल्दी खराब नहीं होती हैं। इस Fridge की कीमत करीब 3000 रुपये है।
मनसुख भाई कहते हैं कि मैं सोच रहा था कि फैमिली बिजनेस कैसे बढ़ाया जाए। फिर हमने तय किया कि समय के साथ इस बिजनेस को बदलना होगा। इसलिए हमने उत्पादों को आधुनिक रंगों में रंगने की कोशिश शुरू की। वैज्ञानिक रूप से कुछ नया बनाना शुरू किया। तो यह धंधा चलने लगा।
अब Mitticool की न केवल भारत में बल्कि दुबई, जापान और अमेरिका में भी मांग है।
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अपने पारिवारिक व्यवसाय को नई ऊंचाइयों पर ले जाने वाले मनसुख भाई को अंतर्राष्ट्रीय पत्रिका फोर्ब्स द्वारा ग्रामीण भारत के सबसे शक्तिशाली लोगों में से एक का नाम दिया गया है। पूर्व राष्ट्रपति डॉ. अब्दुल कलाम को ग्रामीण भारत के सच्चे वैज्ञानिक की उपाधि से भी सम्मानित किया गया था।