यह एक गाँव की कहानी है, एक भाई रोज सुबह गाँव से दूध इकट्ठा करके शहर जाता था। और यह उनकी दिनचर्या थी, किसी भी समय, वे सुबह 5 बजे गाँव से बाहर चले जाते थे, और लगभग तीन घंटे दूध बेचने के बाद शहर लौटते थे।
हर एक दिन की दिनचर्या ने इसे सालों तक बनाए रखा। और व्यवसाय में ईमानदारी भी, किसी भी दिन दूध में कुछ भी नहीं मिलाया।
एक सुबह, वे दूध के केन में दूध के भर कर घर के अंदर कुछ काम की वजह से अंदर गए, और इस दौरान दो दूध के डिब्बे थे जो स्कूटर के दोनों ओर रखे गए थे। अब, सुबह-सुबह एक मजाकिया लड़का वहाँ से निकल गया और उसे कुछ मस्ती करना सुजा और दूध के केन का ढ़कन खोलके उसके अंदर एक-एक मेढ़क डाल दिया
वो भाई इस बात से अनजान थे कि दूध के कैन के अंदर मेंढक थे। वह घर का काम पूरा करके बहार आये, तुरंत चले गए और अपनी गाडी से शहर जाने के लिए निकल गए।
जब यात्रा शुरू हुई, तो डिब्बे में मेंढक ने तुरंत सोचा कि अरे, मैं कुछ परेशानी में पड़ गया, ये ढक्कन मेरे से नहीं खुलेगा और मैंने पहले कभी दूध में नहाया नहीं हु। और मेरे पास ढक्कन तोड़ने की हिम्मत भी नहीं है। मुझे लगता है कि मेरा जीवन खत्म हो जाएगा और मेढ़क जीने की कोशिश करना छोड़ दिया।
तो जब ढक्कन पहले केन का ढकन खोला जाएगा तब क्या मेढ़क जीवित होगा? क्योकि मेढक ने जीवन जीने की राह छोड़ दी थी, आप आसानी से बता सकते हैं कि क्या मेढ़क मर चुका होगा। क्योंकि अगर वह जिस तरह सोच रहा है था, तो ढक्कन खुलने से पहले मेंढक मर गया होना चाहिए।
दूसरी कैन में भी एक मेंढक था। उसकी स्थिति भी पहले केन के मेढ़क जैसी ही थी, लेकिन वो हार मान कर नहीं बैठा। वह सोच रहा था कि भले ही मैं इस भारी कैन के ढक्कन को में नहीं खोल सकता, लेकिन प्रकृति ने मुझे तैरने की शक्ति दी है। इसलिए भले ही मैं इसे ठकन खोल न सकूं लेकिन मैं तैरूंगा जब तक बहार ना निकल सकू तब तक ।
और इस तरह के बोलते बोलते मेढ़क ने तैरना शुरू कर दिया, और थोड़ी देर बाद मेढ़क तैरना सीख गया। और जब वह तैर रहा था, दूध का एक घोल उसके नजदीक आया मेढ़क उछल कर उस पर आकर बैठ गया। चूंकि मेंढक अधिक वजन का नहीं था, इसलिए वो डूबा नहीं | जैसे ही कैन का ढक्कन खोला गया, वह कूद कर बाहर कूद गया।
यहाँ कहानी समाप्त होती है, भले ही यह एक काल्पनिक कहानी है, लेकिन बहुत ही महत्वपूर्ण सबक हमें सिखाता है कि हमें मुसीबत के समय में हार नहीं माननी चाहिए। ईश्वर ने हमें जो भी शक्ति दी है, हमें उस क्षमता और शक्ति का पूरा उपयोग करने की कोशिश करनी चाहिए।
इसीलिए कहा जाता है कि विजेता कभी मैदान नहीं छोड़ता और जो मैदान छोड़ता है वो कभी विजेता नहीं बन सकता। अंग्रेजी में भी उनके लिए एक कहावत है कि Never Give Up। यानी जो भी स्थिति खराब हो जाए लेकिन कोशिश करना न छोड़ें। और हिंदी में भी लगभग सभी को पता है कि कोशिश करने वालो की कभी हार नहीं होती है।
अगर आपको यह कहानी पसंद आई है, तो बेझिझक कमेंट में लिखें और इस कहानी को दूसरों तक भी पहुंचाएं।
हर एक दिन की दिनचर्या ने इसे सालों तक बनाए रखा। और व्यवसाय में ईमानदारी भी, किसी भी दिन दूध में कुछ भी नहीं मिलाया।
एक सुबह, वे दूध के केन में दूध के भर कर घर के अंदर कुछ काम की वजह से अंदर गए, और इस दौरान दो दूध के डिब्बे थे जो स्कूटर के दोनों ओर रखे गए थे। अब, सुबह-सुबह एक मजाकिया लड़का वहाँ से निकल गया और उसे कुछ मस्ती करना सुजा और दूध के केन का ढ़कन खोलके उसके अंदर एक-एक मेढ़क डाल दिया
वो भाई इस बात से अनजान थे कि दूध के कैन के अंदर मेंढक थे। वह घर का काम पूरा करके बहार आये, तुरंत चले गए और अपनी गाडी से शहर जाने के लिए निकल गए।
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जब यात्रा शुरू हुई, तो डिब्बे में मेंढक ने तुरंत सोचा कि अरे, मैं कुछ परेशानी में पड़ गया, ये ढक्कन मेरे से नहीं खुलेगा और मैंने पहले कभी दूध में नहाया नहीं हु। और मेरे पास ढक्कन तोड़ने की हिम्मत भी नहीं है। मुझे लगता है कि मेरा जीवन खत्म हो जाएगा और मेढ़क जीने की कोशिश करना छोड़ दिया।
तो जब ढक्कन पहले केन का ढकन खोला जाएगा तब क्या मेढ़क जीवित होगा? क्योकि मेढक ने जीवन जीने की राह छोड़ दी थी, आप आसानी से बता सकते हैं कि क्या मेढ़क मर चुका होगा। क्योंकि अगर वह जिस तरह सोच रहा है था, तो ढक्कन खुलने से पहले मेंढक मर गया होना चाहिए।
दूसरी कैन में भी एक मेंढक था। उसकी स्थिति भी पहले केन के मेढ़क जैसी ही थी, लेकिन वो हार मान कर नहीं बैठा। वह सोच रहा था कि भले ही मैं इस भारी कैन के ढक्कन को में नहीं खोल सकता, लेकिन प्रकृति ने मुझे तैरने की शक्ति दी है। इसलिए भले ही मैं इसे ठकन खोल न सकूं लेकिन मैं तैरूंगा जब तक बहार ना निकल सकू तब तक ।
और इस तरह के बोलते बोलते मेढ़क ने तैरना शुरू कर दिया, और थोड़ी देर बाद मेढ़क तैरना सीख गया। और जब वह तैर रहा था, दूध का एक घोल उसके नजदीक आया मेढ़क उछल कर उस पर आकर बैठ गया। चूंकि मेंढक अधिक वजन का नहीं था, इसलिए वो डूबा नहीं | जैसे ही कैन का ढक्कन खोला गया, वह कूद कर बाहर कूद गया।
यहाँ कहानी समाप्त होती है, भले ही यह एक काल्पनिक कहानी है, लेकिन बहुत ही महत्वपूर्ण सबक हमें सिखाता है कि हमें मुसीबत के समय में हार नहीं माननी चाहिए। ईश्वर ने हमें जो भी शक्ति दी है, हमें उस क्षमता और शक्ति का पूरा उपयोग करने की कोशिश करनी चाहिए।
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इसीलिए कहा जाता है कि विजेता कभी मैदान नहीं छोड़ता और जो मैदान छोड़ता है वो कभी विजेता नहीं बन सकता। अंग्रेजी में भी उनके लिए एक कहावत है कि Never Give Up। यानी जो भी स्थिति खराब हो जाए लेकिन कोशिश करना न छोड़ें। और हिंदी में भी लगभग सभी को पता है कि कोशिश करने वालो की कभी हार नहीं होती है।
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NOTE : यहां दी गई जानकारी एक सामान्य अनुमान और धारणा ओ के आधारित हे किसी भी जानाकरी कोई निष्कर्ष पर कृपया ना पोहचे। जानकारी के अनुरूप Expert की सलाह जरूर ले. धन्यवाद
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