भाजपा की बादशाहत बरकरार रहने की ये हैं 10 वजहें : फिर एक बार मोदी सरकार

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आज आए जनादेश ने नरेंद्र मोदी और भाजपा की सरकार एक बार फिर बना दी है। तमाम आलोचनाओं और विपक्ष के हमलों, तीखें सवालों के बीच भाजपा ने लगातार दूसरी बार सरकार बनाकर इतिहास रचा है। आइए जानने की कोशिश करते हैं कि भाजपा की बादशाहत बरकरार रहने की 10 वजहें क्या हैं।


मोदी लहर
नतीजों से साफ हो गया कि 2014 की मोदी लहर 2019 में भी बरकरार थी। पिछले पांच साल में मोदी सरकार के कुछ फैसले ऐसे रहे जिनकी खूब आलोचना हुई। नोटबंद, जीएसटी जैसे बड़े फैसलों ने मोदी सरकार पर विपक्ष के हमलों को धार दी। बीच में ऐसा लगा कि मोदी सरकार तेजी से अलोकप्रिय हो रही है, लेकिन नतीजों ने बता दिया कि ये माहौल बस कुछ वक्त तक के लिए ही था। मोदी का मैजिक बरकरार था और मोदी लहर ने विपक्ष को बहा दिया।

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केंद्र की योजनाएं
मोदी सरकार की कई योजनाएं जनता को पसंद आईं और इसका नतीजा अब दिख भी रहा है। दूरदराज के ग्रामीण इलाकों में उज्जवला योजना ने महिलाओं का दिल जीता। स्वच्छ भारत मिशन का भी लोगों पर असर नजर आया, इसे लोगों ने खूब सराहा और अपनाया भी। शौचालय की जरूरत को मुहिम बना देना जनता को भा गया। वहीं मुद्रा, जनधन जैसी योजनाओं ने भी लोगों को सरकार से जोड़ा।

मजबूत विदेश नीति
मोदी सरकार में भारत की विदेश नीति साफ तौर पर मजबूत हुई है। अमेरिका से संबंध इस कदर मजबूत हुए कि भारत को कई मोर्चों पर फायदा हुआ। मोदी सरकार में भारत की छवि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मजबूत हुई। भारत की धमक बड़ी। इसका फायदा मोदी सरकार को मिला।

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कमजोर कांग्रेस विपक्ष
2014 चुनाव में ही तय हो गया था कि मोदी सरकार के सामने एक कमजोर विपक्ष है। पिछले 5 साल के दौरान विपक्ष को ऐसा बड़ा मुद्दा नहीं मिल सका जो मोदी सरकार को घेर सके। नोटबंदी, जीएसटी और राफेल जैसा मुद्दा हाथ लगा तो लेकिन काम नहीं आया।

राष्ट्रवाद
राष्ट्रवाद का मुद्दा इस बार प्रमुखता से चुनाव प्रचार के दौरान छाया रहा। भाजपा ने इसे प्रमुख हथियार बनाया और आक्रामकता के साथ जनता के सामने रखा भी। पीएम मोदी, अमित शाह, योगी आदित्यनाथ जैसे स्टार प्रचारकों ने हर रैली में इस मुद्दे को जोर शोर से जनता के सामने रखा। विपक्ष इसे लेकर भाजपा की आलोचना करती रही लेकिन पार्टी ने अपना अभियान जारी रखा जिसका उसे फायदा भी मिला।

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हिंदुत्व
चुनाव में ये एक ऐसा मुद्दा रहा जिसने भाजपा और विपक्ष के बीच तलवारें खिंच जाने का काम किया। भाजपा ने हर सभा, रैली इसे प्रमुखता से उठाया। कई बार ऐसे बयान दिए गए जो आचार संहिता का उल्लंघन की श्रेणी में आए और चुनाव आयोग की तरफ से नोटिस भी जारी किए गए। लेकिन पीएम मोदी से लेकर अमित शाह और प्रज्ञा ठाकुर ने तक इसे प्रमुखता से उठाया। अंत में पार्टी को इसका फायदा भी मिला।

पाकिस्तान
इस चुनाव में पाकिस्तान की गूंज भी खूब सुनाई दी। पीएम मोदी और अमित शाह की कई रैलियों में पाकिस्तान का जिक्र आया। दोनों नेताओं ने जनता को बताया कि कैसे पाकिस्तान पर इस सरकार ने कार्रवाई की है और उसका नतीजा क्या निकला है। एक तरह से इसने राष्ट्रवाद के मुद्दे को आगे किया।

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सर्जिकल स्ट्राइक
इस चुनाव में सर्जिकल स्ट्राइक भी एक बड़ा मुद्दा रहा और भाजपा ने इसे जोर शोर से उठाया। मोदी सरकार में दो बार बड़े सर्जिकल स्ट्राइक हुए। पहली बार सितंबर 2016 में  पीओके में आतंकी कैंपों को निशाना बनाया गया, दूसरी बार फरवरी 2019 में पाकिस्तान में ही घुसकर कार्रवाई की गई। भारतीय लड़ाकू विमानों ने बालाकोट में आतंकी शिविरों को निशाना बनाया। इस पर सियासत भी खूब हुई, अंत में फायदा भाजपा को मिला।

करप्शन नबी बना मुद्दा
शायद ये ऐसा चुनाव रहा जिसमें भ्रष्टाचार बड़ा मुद्दा नहीं बन पाया। कांग्रेस ने राफेल को भ्रष्टाचार का बड़ा मुद्दा बनाने की कोशिश की, लेकिन कामयाबी नहीं मिली। सुप्रीम कोर्ट में भी कांग्रेस के आरोप ठहर नहीं सके। राफेल मामले के अलावा मोदी सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार का आरोप नहीं लगा। इसका फायदा भी पार्टी को मिला। मोदी-शाह की जोड़ी ने इसे बखूबी अपनी रैलियों में उठाया भी।

महंगाई मुद्दा नहीं बना
इस चुनाव में महंगाई भी मुद्दा नहीं बनी। तेल, सब्जियों, दूध, दालों के दाम काबू में रहे। इसलिए विपक्ष इसे मुद्दा भी नहीं बना सका। स्टार प्रचारकों मोदी-शाह ने इस मुद्दे पर प्रमुखता से जनता के सामने रखा। चुनाव नतीजों में इसका फायदा भी दिख रहा है।




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Note :

किसी भी हेल्थ टिप्स को अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह अवश्य ले. क्योकि आपके शरीर के अनुसार क्या उचित है या कितना उचित है वो आपके डॉक्टर के अलावा कोई बेहतर नहीं जानता


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