कहते है आज के समय में इंसान के पास पैसों हो तो वह दुनिया की कोई भी महंगी से महंगी चीज खरीद सकता है। वह अपने हर ख्वाब को पैसे के दम पर पूरा कर सकता है। आज के समय में यह चीज मायने नहीं रखती कि आपने वह पैसा सही तरीके के कमाया है या गलत तरीके। लेकिन दुनिया में कुछ चीज ऐसी है जिन्हें अपना बनाने के लिए आपके पास पैसे के साथ एक अच्छी हैसियत या इमेज का होना भी आवश्यक है। अब आप सोच रहे होंगे दुनिया में ऐसी कौन सी चीज आएगी जो आदमी पैसे के दम पर नहीं खरीद सकता है,
भारत पहुँच कर महाराजा जयसिंह ने सभी छ: कारों को अलवर नगरपालिका को दे दी और आदेश दिया कि हर कार का उपयोग (उस समय के दौरान 8320 वर्ग कि.मी) अलवर राज्य में कचरा उठाने के लिए किया जाए।
उसके लिए उसके पास हैसियत का भी होना जरूरी है। आपने लग्जरी कार कंपनी रोल्स रॉयस का नाम तो सुन ही रखा होगा। रोल्स रॉयस का नाम जुबान पर आते ही हमारे दिमाग में लग्जरी और रॉयल लुक वाली कारें की इमेज घूमने लगती है। ये ही वो कंपनी जिसकी कार खरीदने के लिए आपके पास पैसों के साथ-साथ एक अच्छी हैसियत को होना भी जरूरी है। कंपनी से जुड़े सूत्रों का कहना है कि रोल्स रॉयल की कार खरीदना हर किसी के बस की बात नहीं है क्योकि इसके लिए पैसे के साथ-साथ व्यक्ति के पास एक अच्छी हैसियत का होना बहुत जरूरी है।
सूत्र बताते है कि कंपनी ने बॉलीवुड एक्ट्रेस मल्लिका शेरावत तक को कार देने से इनकार कर दिया है। इसका कारण यह बताया कि इंडस्ट्री में उनकी एक क्लासी इमेज नहीं है। इस कार का देने से पहले कंपनी आपकी प्रोफाइल की पूरी डिटेल मालूम करती है। जैसे कि आप बिजनैसमैन हो, कलाकार हो या और कोई विशिष्ट पहचान रखते हो। साथ ही किसी क्षेत्र में आपकी कोई विशिष्ट पहचान है या नहीं। इसके अलावा आप कहां रहते है, आपका कानूनी रिकॉर्ड कैसा कहने का मतलब आपके ऊपर कोई आपराधिक मुकदमा तो नहीं चल रहा आदि। आपकी दी हुई इन सभी जानकारी से यदि कंपनी पूर्ण रूप से संतुष्ट होती है तो आप रोल्स रॉयकी की लग्जरी कार को अपना बना सकते हो
कुछ देर बाद जब महाराजा रजवाड़ी पोशाक में और अपने पूरे दबदबे के साथ शोरूम पर पहुंचे तब तक शोरूम में उनके स्वागत में “रेड कार्पेट” बिछ चुका था। वही अंग्रेज मैनेजर और सेल्समेन्स उनके सामने नतमस्तक खड़े थे। महाराजा ने उस समय शोरूम में पड़ी सभी छ: कारों को खरीदकर, कारों की कीमत के साथ उन्हें भारत पहुँचाने के खर्च का भुगतान कर दिया।
Real Story
इंगलैण्ड
की राजधानी लंदन में यात्रा के दौरान एक शाम महाराजा जयसिंह सादे कपड़ों
में बॉन्ड स्ट्रीट में घूमने के लिए निकले और वहां उन्होने रोल्स रॉयस
कम्पनी का भव्य शो
रूम देखा और मोटर कार का भाव जानने के लिए अंदर चले गए। शॉ रूम के अंग्रेज
मैनेजर ने उन्हें “कंगाल भारत” का सामान्य नागरिक समझ कर वापस भेज दिया।
शोरूम के सेल्समैन ने भी उन्हें बहुत अपमानित किया, बस उन्हें “गेट आऊट”
कहने के अलावा अपमान करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी।अपमानित महाराजा
जयसिंह वापस होटल पर आए और रोल्स रॉयस के उसी शोरूम पर फोन लगवाया और
संदेशा कहलवाया कि अलवर के महाराजा कुछ मोटर कार खरीदने चाहते हैं।
कुछ देर बाद जब महाराजा रजवाड़ी पोशाक में और अपने पूरे दबदबे के साथ शोरूम पर पहुंचे तब तक शोरूम में उनके स्वागत में “रेड कार्पेट” बिछ चुका था। वही अंग्रेज मैनेजर और सेल्समेन्स उनके सामने नतमस्तक खड़े थे। महाराजा ने उस समय शोरूम में पड़ी सभी छ: कारों को खरीदकर, कारों की कीमत के साथ उन्हें भारत पहुँचाने के खर्च का भुगतान कर दिया।
भारत पहुँच कर महाराजा जयसिंह ने सभी छ: कारों को अलवर नगरपालिका को दे दी और आदेश दिया कि हर कार का उपयोग (उस समय के दौरान 8320 वर्ग कि.मी) अलवर राज्य में कचरा उठाने के लिए किया जाए।
विश्व की अव्वल नंबर मानी जाने वाली सुपर क्लास रोल्स रॉयस कार
नगरपालिका के लिए कचरागाड़ी के रूप में उपयोग लिए जाने के समाचार पूरी
दुनिया में फैल गया और रोल्स रॉयस की इज्जत तार-तार हुई। युरोप-अमरीका में
कोई अमीर व्यक्ति अगर ये कहता “मेरे पास रोल्स रॉयस कार” है तो सामने वाला
पूछता “कौनसी?” वही जो भारत में कचरा उठाने के काम आती है! वही?
बदनामी के कारण और कारों की बिक्री में एकदम कमी आने से रोल्स रॉयस कम्पनी के मालिकों को बहुत नुकसान होने लगा। महाराज जयसिंह को उन्होने क्षमा मांगते हुए टेलिग्राम भेजे और अनुरोध किया कि रोल्स रॉयस कारों से कचरा उठवाना बन्द करवावें। माफी पत्र लिखने के साथ ही छ: और मोटर कार बिना मूल्य देने के लिए भी तैयार हो गए।
महाराजा जयसिंह जी को जब पक्का विश्वास हो गया कि अंग्रेजों को वाजिब बोधपाठ मिल गया है तो महाराजा ने उन कारों से कचरा उठवाना बन्द करवाया
1. Amitabh Bachchan - Rolls Royce Phantom
2. Vijay
8. Vijay Mallya
13. Govind Bhai Dholakiya
14. Lavjibhai Daliya (Lavji Badshah)
15. Meraman Parmar (Jamnagar)
बदनामी के कारण और कारों की बिक्री में एकदम कमी आने से रोल्स रॉयस कम्पनी के मालिकों को बहुत नुकसान होने लगा। महाराज जयसिंह को उन्होने क्षमा मांगते हुए टेलिग्राम भेजे और अनुरोध किया कि रोल्स रॉयस कारों से कचरा उठवाना बन्द करवावें। माफी पत्र लिखने के साथ ही छ: और मोटर कार बिना मूल्य देने के लिए भी तैयार हो गए।
महाराजा जयसिंह जी को जब पक्का विश्वास हो गया कि अंग्रेजों को वाजिब बोधपाठ मिल गया है तो महाराजा ने उन कारों से कचरा उठवाना बन्द करवाया