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🌀महात्मा बुध ने विवाह किया था परंतु वे पत्नी को छोड़ कर सत्य की खोज में निकल गये।उनकी पत्नी ने एकाकी जीवन जिया। उनकी पत्नी का नाम यशोधरा था।*
🌀महावीर स्वामी ने भी विवाह किया था परंतु वे भी पत्नी को छोड़ कर सन्यासी हो गये। उनकी पत्नी ने एकाकी जीवन जिया। उनकी पत्नी का नाम यशोदा था।
🌀मोदी ने भी विवाह किया परंतु अपनी पत्नी को छोड़ दिया और अपना जीवन देश सेवा में लगा दिया। उनकी पत्नी भी एकाकी जीवन व्यतीत कर रही हैं।उनकी पत्नी का नाम यशोदाबेन है ।
यशोदा, यशोधरा एवम यशोदाबेन. !!!
महात्मा, महाबीर, एवम् मोदी√√√
*यह सिर्फ संयोग है या फिर इतिहास अपने आप को दोहरा रहा है. ।
कृपया जरूर शेयर करे*
🤔 दुर्योधन और राहुल गांधी -
दोनों ही अयोग्य होने पर भी सिर्फ राजपरिवार में पैदा होने के कारन शासन पर अपना अधिकार समझते हैं।
🤔 भीष्म और आडवाणी -
कभी भी सत्तारूढ़ नही हो सके फिर भी सबसे ज्यादा सम्मान मिला। उसके बाद भी जीवन के अंतिम पड़ाव पे सबसे ज्यादा असहाय दिखते हैं।
🤔 अर्जुन और नरेंद्र मोदी-
दोनों योग्यता से धर्मं के मार्ग पर चलते हुए शीर्ष पर पहुचे जहाँ उनको एहसास हुआ की धर्म का पालन कर पाना कितना कठिन होता है।
🤔 कर्ण और मनमोहन सिंह -
बुद्धिमान और योग्य होते हुए भी अधर्म का पक्ष लेने के कारण जीवन में वांछित सफलता न पा सके।
🤔 जयद्रथ और केजरीवाल-
दोनों अति महत्वाकांक्षी एक ने अर्जुन का विरोध किया दूसरे ने मोदी का। हालांकि इनको राज्य तो प्राप्त हुआ लेकिन घटिया राजनीतिक सोच के कारण बाद में इनकी बुराई ही हुयी।
🤔 शकुनि और दिग्विजय-
दोनों ही अपने स्वार्थ के लिए अयोग्य मालिको की जीवनभर चाटुकारिता करते रहे।
🤔 धृतराष्ट्र और सोनिया -
अपने पुत्र प्रेम में अंधे है।
--यह है भारत और महाभारत
अगर आप को अच्छा लगा तो आगे share जरूर करे 👋
🌀महात्मा बुध ने विवाह किया था परंतु वे पत्नी को छोड़ कर सत्य की खोज में निकल गये।उनकी पत्नी ने एकाकी जीवन जिया। उनकी पत्नी का नाम यशोधरा था।*
🌀महावीर स्वामी ने भी विवाह किया था परंतु वे भी पत्नी को छोड़ कर सन्यासी हो गये। उनकी पत्नी ने एकाकी जीवन जिया। उनकी पत्नी का नाम यशोदा था।
🌀मोदी ने भी विवाह किया परंतु अपनी पत्नी को छोड़ दिया और अपना जीवन देश सेवा में लगा दिया। उनकी पत्नी भी एकाकी जीवन व्यतीत कर रही हैं।उनकी पत्नी का नाम यशोदाबेन है ।
यशोदा, यशोधरा एवम यशोदाबेन. !!!
महात्मा, महाबीर, एवम् मोदी√√√
*यह सिर्फ संयोग है या फिर इतिहास अपने आप को दोहरा रहा है. ।
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दोनों ही अयोग्य होने पर भी सिर्फ राजपरिवार में पैदा होने के कारन शासन पर अपना अधिकार समझते हैं।
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कभी भी सत्तारूढ़ नही हो सके फिर भी सबसे ज्यादा सम्मान मिला। उसके बाद भी जीवन के अंतिम पड़ाव पे सबसे ज्यादा असहाय दिखते हैं।
🤔 अर्जुन और नरेंद्र मोदी-
दोनों योग्यता से धर्मं के मार्ग पर चलते हुए शीर्ष पर पहुचे जहाँ उनको एहसास हुआ की धर्म का पालन कर पाना कितना कठिन होता है।
🤔 कर्ण और मनमोहन सिंह -
बुद्धिमान और योग्य होते हुए भी अधर्म का पक्ष लेने के कारण जीवन में वांछित सफलता न पा सके।
🤔 जयद्रथ और केजरीवाल-
दोनों अति महत्वाकांक्षी एक ने अर्जुन का विरोध किया दूसरे ने मोदी का। हालांकि इनको राज्य तो प्राप्त हुआ लेकिन घटिया राजनीतिक सोच के कारण बाद में इनकी बुराई ही हुयी।
🤔 शकुनि और दिग्विजय-
दोनों ही अपने स्वार्थ के लिए अयोग्य मालिको की जीवनभर चाटुकारिता करते रहे।
🤔 धृतराष्ट्र और सोनिया -
अपने पुत्र प्रेम में अंधे है।
--यह है भारत और महाभारत
“मै एक छोटा आदमी हु जो छोटे लोगो के ही लिये कुछ बड़ा करना चाहता हु.”
"राजनीति में कोई पूर्ण विराम नहीं होता।"
मेरे लिए राजनीति महत्वाकांक्षा नहीं है, बल्कि एक मिशन है.
लोकतंत्र में , जनमत हमेशा निर्णायक होता है और हमें विनम्रता के साथ इसे स्वीकार करना होगा।
कड़ी मेहनत कभी थकान नहीं लाती , वह संतोष लाती है.
"समाज की सेवा करने का अवसर हमें अपना ऋण चुकाने का मौका देता है"
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NOTE : यहां दी गई जानकारी एक सामान्य अनुमान और धारणा ओ के आधारित हे किसी भी जानाकरी कोई निष्कर्ष पर कृपया ना पोहचे। जानकारी के अनुरूप Expert की सलाह जरूर ले. धन्यवाद
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