What is article 370 info -धारा 370 क्या है ? धारा 370 कब शुरू हुई और क्या है इसका इतिहास जाने पूरी सचाई






इस पोस्ट में धारा 370 के बारे में जानकारी आपको  मिलेगा  की  किसने धारा 370 लागू की और यह किसने बनाई थी और पहली बार इसको कब लागू किया गया , क्योंकि धारा 370 भारत में एक बहुत बड़ी समस्या बनी हुई है. और यह एक बहुत ही खतरनाक धारा है. और इसको समाप्त करने के लिए भारतीय जनता पार्टी वह दूसरे अन्य पार्टियों ने बहुत कोशिश की है. लेकिन इसको समाप्त नहीं किया जा सका और यह हमारे लिए बहुत बड़ा खतरा बन सकती है.

धारा 370 क्या है ? जाने पूरी सचाई क्या है नुकसान - Reporter17.com
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यह हमारे देश के लोगों को बहुत नुकसान भी होता है. अगर आपके पास धारा 370 हटाने के उपाय है तो नीचे कमेंट में बताये अब हम  आपको धारा 370 के बारे में पूरी और विस्तार से जानकारी देंगे  तो आप इस जानकारी को अच्छी तरह से पढ़े ताकि आपको भी हमारे देश की इस धारा के बारे में पता चले कि आखिर क्यों हमारे देश के लोग इस धारा का विरोध करते हैं .

धारा 370 कब शुरू हुई और इसका इतिहास

धारा 370 भारतीय संविधान का एक ऐसा कानून है. जिसके अनुसार जम्मू कश्मीर को भारत के दूसरे राज्यों से अलग विशेष दर्जा प्राप्त है जब भारत आजाद हुआ था. 15 अगस्त 1947 में जब से लेकर अब तक यह धारा भारतीय राजनीति दलों में बहुत विवादों में रही है. भारतीय जनता पार्टी में दूसरे राष्ट्रीय दल इसे देश विरोधी बता रहे हैं. और यह दल इस धारा 370 को समाप्त करना चाहते हैं. लेकिन अभी तक इस धारा को समाप्त नहीं किया गया है.

आप यह जानने की कोशिश जरूर करते होंगे. कि आखिरकार इस धारा को समाप्त करने की कोशिश क्यों की जा रही है. ऐसा क्या है. इस धारा में जो कि राष्ट्रीय दल राजनीतिक दल इसको समाप्त करने की कोशिश कर रहे है. और क्या यह धारा हमारे देश के लिए फायदेमंद है. तो मैं आपको बता दूं कि जब 1947 में भारत पाकिस्तान का बंटवारा हुआ था उस समय जम्मू कश्मीर के राजा हरिसिंह थे. और राजा हरि सिंह स्वतंत्र रहना चाहते थे. लेकिन उसी समय पाकिस्तान के समर्थक कबीलाई ने जम्मू कश्मीर पर आक्रमण कर दिया. उसके बाद राजा हरि सिंह ने जम्मू कश्मीर को भारत में शामिल करने की मांग की ताकि जम्मू कश्मीर को पाकिस्तान के आक्रमण से बताया जा सके और वहां की जनता की जान और अपनी प्रजा की रक्षा की जा सके. लेकिन जब भारत के पास इतना समय नहीं था कि कश्मीर को भारत में शामिल करने के लिए काम शुरू किया जा सके.





लेकिन इन परिस्थितियों को देखते हुए संघीय संविधान सभा में नेहरू के चेले गोपाल स्वामी आयंगर ने धारा 306 A का ड्राफ्ट प्रस्तुत किया जो कि बाद में धारा 370 बन गई और धारा 306 A का ड्राफ्ट खुद नेशनल कांफ्रेंस के नेता शेख अब्दुल्ला ने अपने हाथों से तैयार किया था. और नेहरू ने अपने दोस्त से एक अब्दुल्ला की खुशी के लिए इस धारा को हमारे देश पर लागू कर दिया. नेहरू की वजह से ही महाराजा हरि सिंह को जम्मू कश्मीर का शासन शेख अब्दुल्ला के हाथों में सौंपना पड़ा. और सरदार पटेल को इस बात से गुमशुदा रखकर धारा 370 लागू करवा दी गई और इसी वजह से नेहरू और सरदार पटेल की दोस्ती टूट गई धारा 370 इतनी खतरनाक थी. कि उस समय उस समय के कानून मंत्री और संविधान के निर्माता डॉ भीमराव अंबेडकर ने भी इस धारा को लागू करने से मना कर दिया था. लेकिन नेहरू के जबरदस्ती करने से आखिरकार जम्मू-कश्मीर में इस धारा को लागू कर दिया गया. और उसके कारण जम्मू-कश्मीर को कुछ विशेष अधिकार मिल गए. तो वे कोन-कौन से विशेष अधिकार थे जो कि धारा 370 को लागू करने के बाद जम्मू-कश्मीर को मिल गए तो उसके बारे में मैं आपको नीचे का स्टेप पढ़े इसमें आपको जम्मू कश्मीर के धारा 370 को लागू करने के बाद क्या क्या प्रभाव पड़ा






जम्मू कश्मीर के धारा 370 को लागू करने के बाद क्या क्या प्रभाव पड़ा जम्मू कश्मीर और इंडिया में  

जम्मू कश्मीर के लोगों के पास दो नागरिकता होती है एक जम्मू-कश्मीर की और एक भारत की जम्मू कश्मीर का अपना अलग राष्ट्रीय झंडा है. जम्मू कश्मीर में भारत के राष्ट्रीय ध्वज का अपराध नहीं माना जाता जम्मू कश्मीर की विधानसभा का कार्यकाल 6 वर्ष का होता है. जबकि भारत की विधानसभा का कार्यकाल 5 वर्ष का होता है.

जम्मू कश्मीर में भारतीय सुप्रीम कोर्ट के कानून को नहीं माना जाता है. यदि जम्मू कश्मीर की कोई लड़की भारत की किसी अन्य राज्य के लड़के से शादी करती लेती है तो उस लड़की की नागरिकता समाप्त हो जाती है. और यदि जम्मू कश्मीर की लड़की पाकिस्तान के किसी लड़के से शादी कर लेती है. तो उस लड़के को भी जम्मू कश्मीर की नागरिकता मिल जाती है धारा 370 की वजह से कश्मीर में Right To Information CAG RTE भी लागू नहीं है. अगर हम सीधे तौर पर बात करें तो भारत का कोई भी कानून जम्मू-कश्मीर में लागू नहीं है. कश्मीर में रहने वाले अल्पसंख्यक जो कि हिंदू और सिख हैं. उन को 16% आरक्षण भी नहीं मिलता है.





कश्मीर में महिलाओं पर शरियत कानून लागू है. धारा 370 के अनुसार कश्मीर में बाहर के लोग जमीन नहीं खरीद सकते हैं. और जबकि कश्मीर का कोई भी नागरिक भारत के किसी अन्य राज्य की जमीन खरीद सकता है. जम्मू कश्मीर का अपना अलग संविधान है भारत की संसद जम्मू कश्मीर में रक्षा, विदेश मामले, और संचार के अलावा कोई दूसरे कानून नहीं बना सकती है. धारा 370 के अनुसार राष्ट्रपति के पास राज्य के संविधान को बर्खास्त करने का अधिकार भी नहीं है. और ना ही जम्मू कश्मीर में राष्ट्रपति शासन को लागू किया जा सकता है.



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NOTE : यहां दी गई जानकारी एक सामान्य अनुमान और धारणा ओ के आधारित हे किसी भी जानाकरी कोई निष्कर्ष पर कृपया ना पोहचे। जानकारी के अनुरूप Expert की सलाह जरूर ले. धन्यवाद

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