क्या आप जानते हैं कि आने वाला विक्रम संवत 2082 आपके लिए क्या रहस्य लेकर आ रहा है? ग्रहों और नक्षत्रों की चाल बदल रही है, और इसके साथ ही हमारे जीवन के महत्वपूर्ण निर्णय लेने का समय भी। इस वर्ष कुछ ऐसे दुर्लभ संयोग बन रहे हैं जो आपके भविष्य को एक नई दिशा दे सकते हैं। कहीं शुभ मुहूर्तों की भरमार है तो कहीं लंबा इंतजार। क्या आपके बड़े सपने इस साल साकार होंगे? क्या विवाह के लिए सही समय मिलेगा? इस लेख में हम केवल तारीखें और त्यौहार ही नहीं, बल्कि उन रहस्यों को भी उजागर करेंगे जो आने वाले वर्ष को खास बनाते हैं। चलिए, विक्रम संवत 2082 के गर्भ में छिपे भविष्य की यात्रा शुरू करते हैं।
विक्रम संवत 2082
वर्ष 2026, जिसे हिंदू पंचांग के अनुसार विक्रम संवत 2082 के रूप में जाना जाता है, हमारे सांस्कृतिक और धार्मिक जीवन में एक विशेष स्थान रखता है। इस वर्ष का नाम 'पिंगल' नामक संवत्सर होगा। यह कैलेंडर चंद्र और सूर्य की गति पर आधारित है, जो हमें व्रत, त्योहारों और शुभ कार्यों के लिए सही समय की जानकारी देता है। इस लेख में, हम आपको गुजराती कैलेंडर 2026 की पूरी जानकारी देंगे, जिसमें पंचांग के पांचों अंग - तिथि, नक्षत्र, योग, करण और वार शामिल हैं।
पंचांग क्या है? 2026 के लिए इसका महत्व
पंचांग पाँच मुख्य अंगों से मिलकर बना है, जो हर दिन के खगोलीय विन्यास को दर्शाते हैं। ये शुभ और अशुभ समय का निर्धारण करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं:
- तिथि: चंद्रमा के चरण को दर्शाती है। एक चंद्र मास में 30 तिथियां होती हैं - 15 शुक्ल पक्ष की और 15 कृष्ण पक्ष की।
- नक्षत्र: आकाश में चंद्रमा की स्थिति को बताता है। कुल 27 नक्षत्र होते हैं।
- योग: सूर्य और चंद्रमा की विशेष स्थिति से बनने वाला एक शुभ या अशुभ समय। कुल 27 योग होते हैं।
- करण: तिथि का आधा भाग करण कहलाता है। कुल 11 करण होते हैं।
- वार: सप्ताह के सात दिन (सोमवार, मंगलवार, आदि)।
गुजराती कैलेंडर 2026 के प्रमुख व्रत और त्यौहार
विक्रम संवत 2082 में आने वाले प्रमुख हिंदू त्योहारों और व्रतों की सूची निम्नलिखित है। यह तिथियां आपको अपने कार्यक्रमों की योजना बनाने में मदद करेंगी।
| त्यौहार/व्रत | तिथि | दिन | मास/पक्ष |
|---|---|---|---|
| मकर संक्रांति | 14 जनवरी, 2026 | बुधवार | पौष, कृष्ण पक्ष |
| महा शिवरात्रि | 15 फरवरी, 2026 | रविवार | माघ, कृष्ण पक्ष |
| होलिका दहन | 3 मार्च, 2026 | मंगलवार | फाल्गुन, शुक्ल पक्ष |
| होली (धुलेंडी) | 4 मार्च, 2026 | बुधवार | चैत्र, कृष्ण पक्ष |
| चैत्र नवरात्रि / गुड़ी पड़वा | 19 मार्च, 2026 | गुरुवार | चैत्र, शुक्ल पक्ष |
| राम नवमी | 26 मार्च, 2026 | गुरुवार | चैत्र, शुक्ल पक्ष |
| हनुमान जयंती | 2 अप्रैल, 2026 | गुरुवार | चैत्र, शुक्ल पक्ष |
| अक्षय तृतीया | 19 अप्रैल, 2026 | रविवार | वैशाख, शुक्ल पक्ष |
| जगन्नाथ रथ यात्रा | 16 जुलाई, 2026 | गुरुवार | आषाढ़, शुक्ल पक्ष |
| गुरु पूर्णिमा | 29 जुलाई, 2026 | बुधवार | आषाढ़, शुक्ल पक्ष |
| रक्षाबंधन | 28 अगस्त, 2026 | शुक्रवार | श्रावण, शुक्ल पक्ष |
| कृष्ण जन्माष्टमी | 4 सितंबर, 2026 | शुक्रवार | भाद्रपद, कृष्ण पक्ष |
| गणेश चतुर्थी | 14 सितंबर, 2026 | सोमवार | भाद्रपद, शुक्ल पक्ष |
| शारदीय नवरात्रि | 11 अक्टूबर, 2026 | रविवार | आश्विन, शुक्ल पक्ष |
| दशहरा (विजयादशमी) | 20 अक्टूबर, 2026 | मंगलवार | आश्विन, शुक्ल पक्ष |
| धनतेरस | 6 नवंबर, 2026 | शुक्रवार | कार्तिक, कृष्ण पक्ष |
| दिवाली (लक्ष्मी पूजन) | 8 नवंबर, 2026 | रविवार | कार्तिक, कृष्ण पक्ष |
| गोवर्धन पूजा | 9 नवंबर, 2026 | सोमवार | कार्तिक, शुक्ल पक्ष |
| भाई दूज | 11 नवंबर, 2026 | बुधवार | कार्तिक, शुक्ल पक्ष |
| देव दीपावली | 24 नवंबर, 2026 | मंगलवार | कार्तिक, शुक्ल पक्ष |
वर्ष 2026 के विवाह मुहूर्त
वर्ष 2026 में विवाह जैसे मांगलिक कार्यों के लिए कई शुभ मुहूर्त हैं। हालांकि, यह जानना महत्वपूर्ण है कि जनवरी, जून और जुलाई में कोई शुभ मुहूर्त नहीं है। नीचे प्रमुख महीनों के अनुसार शुभ तिथियां दी गई हैं:
- फरवरी: 5, 6, 7, 8, 10, 12, 13, 20, 21, 22
- मार्च: 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12, 14
- अप्रैल: 21, 26, 27, 28, 29, 30
- मई: 3, 7, 9, 10, 14
- नवंबर: 16, 22, 23, 24, 25, 26, 27, 30
- दिसंबर: 2, 4, 5, 6
गृह प्रवेश, वाहन खरीद और अन्य शुभ मुहूर्त 2026
नए घर में प्रवेश, वाहन खरीदना या नए व्यवसाय की शुरुआत के लिए शुभ चौघड़िया और मुहूर्त का विशेष महत्व है।
- गृह प्रवेश मुहूर्त: फरवरी (6, 11, 19, 20, 21), मार्च (5, 6, 11), मई, जून, नवंबर और दिसंबर महीने गृह प्रवेश के लिए उत्तम हैं।
- वाहन खरीद मुहूर्त: अप्रैल (19, 26, 27), मई (3, 7, 14, 28), और नवंबर (22, 23, 30) जैसी तिथियां वाहन खरीदने के लिए अत्यंत शुभ हैं।
नोट: कोई भी शुभ कार्य करने से पहले किसी विद्वान ज्योतिषी या पंडित से परामर्श करना हमेशा श्रेष्ठ होता है।
वर्ष 2026 के ग्रहण (Solar & Lunar Eclipses)
ग्रहण एक महत्वपूर्ण खगोलीय घटना है। वर्ष 2026 में कुल 4 ग्रहण लगेंगे, लेकिन भारत में उनकी दृश्यता सीमित होगी।
- चंद्र ग्रहण (आंशिक): 21 फरवरी, 2026। यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा।
- सूर्य ग्रहण (आंशिक): 6 मार्च, 2026। यह ग्रहण भी भारत में दृश्यमान नहीं होगा।
- चंद्र ग्रहण (पूर्ण): 17 अगस्त, 2026। यह ग्रहण भारत के कुछ पूर्वी हिस्सों में आंशिक रूप से दिखाई दे सकता है।
- सूर्य ग्रहण (आंशिक): 31 अगस्त, 2026। यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा।
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)
प्रश्न: विक्रम संवत 2082 कब शुरू होगा?
उत्तर: हिंदू कैलेंडर के अनुसार, विक्रम संवत 2082, दिवाली के अगले दिन, यानी सोमवार, 9 नवंबर, 2026 को शुरू होगा।
प्रश्न: 2026 में दिवाली किस तारीख को है?
उत्तर: वर्ष 2026 में दिवाली का पवित्र त्योहार रविवार, 8 नवंबर, 2026 को मनाया जाएगा।
प्रश्न: क्या 2026 में अधिक मास है?
उत्तर: नहीं, वर्ष 2026 में कोई अधिक मास (पुरुषोत्तम मास) नहीं है। अधिक मास हर तीन साल में एक बार आता है।
प्रश्न: 2026 में विवाह के लिए सबसे अच्छे महीने कौन से हैं?
उत्तर: 2026 में विवाह के लिए फरवरी, मार्च, अप्रैल, मई, नवंबर और दिसंबर महीनों में सबसे अधिक शुभ मुहूर्त हैं। जनवरी, जून, जुलाई, अगस्त, सितंबर और अक्टूबर में कोई विवाह मुहूर्त नहीं है।
प्रश्न: 2026 में भारत में कौन सा ग्रहण दिखाई देगा?
उत्तर: वर्ष 2026 में 17 अगस्त को लगने वाला पूर्ण चंद्र ग्रहण भारत के कुछ पूर्वी भागों में आंशिक रूप से दिखाई दे सकता है। अन्य तीन ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देंगे।
NOTE : यहां दी गई जानकारी एक सामान्य अनुमान और धारणा ओ के आधारित हे किसी भी जानाकरी कोई निष्कर्ष पर कृपया ना पोहचे। जानकारी के अनुरूप Expert की सलाह जरूर ले. धन्यवाद

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