51 शक्तिपीठों की संपूर्ण सूची: अंबाजी मंदिर का इतिहास और गुजरात के धाम



हिंदू धर्म की पौराणिक कथाओं में 51 शक्तिपीठों का स्थान सिर्फ पवित्र तीर्थ के रूप में नहीं, बल्कि वह अटूट शक्ति और आस्था का केंद्र है। क्या आपने कभी सोचा है कि सती माता का हृदय कहाँ पड़ा था और आज उस स्थान पर कैसे चमत्कार होते हैं? गुजरात की अरावली पर्वतमाला में स्थित अंबाजी धाम इस रहस्य का केंद्र है, जहाँ लाखों श्रद्धालु माथा टेकते हैं। यह वह पवित्र भूमि है जहाँ माता की कोई मूर्ति नहीं है, फिर भी 'श्री विसा यंत्र' के माध्यम से उनकी शक्ति का अनुभव होता है। क्या इस मंदिर की शक्तियाँ आज भी भक्तों के जीवन में परिवर्तन लाती हैं? इस मंदिर का इतिहास, 51 शक्तिपीठों में इसका स्थान और गुजरात के अन्य पवित्र धामों की संपूर्ण A-Z जानकारी नीचे दी गई है, जो आपकी आस्था को एक नई ऊँचाई देगी।

51 शक्तिपीठों की संपूर्ण सूची: अंबाजी मंदिर का इतिहास और गुजरात के धाम


माँ अंबाजी मंदिर (गुजरात): इतिहास, विशेषता और महत्व

गुजरात के बनासकांठा जिले में, अरासुर पर्वत पर स्थित अंबाजी मंदिर (Ambaji Mandir) सदियों से शक्ति उपासना का एक महत्वपूर्ण केंद्र रहा है। इसे न केवल 51 शक्तिपीठों में गिना जाता है, बल्कि यह 12 प्रमुख शक्ति पीठों (शक्ति महापीठ) में से एक है।

पौराणिक कथा और अंबाजी का स्थान

  • मूल कहानी: पौराणिक कथा के अनुसार, जब भगवान शिव अपनी पत्नी देवी सती का पार्थिव शरीर लेकर तांडव कर रहे थे, तब सृष्टि को बचाने के लिए भगवान विष्णु ने अपने सुदर्शन चक्र से देवी सती के शरीर को 51 टुकड़ों में विभाजित कर दिया था। ये टुकड़े जहाँ-जहाँ गिरे, वह स्थान शक्तिपीठ कहलाया।
  • अंग पतन: मान्यताओं के अनुसार, अंबाजी वह स्थान है जहाँ देवी सती का पवित्र हृदय (Heart) गिरा था। 'तंत्र चूड़ामणि' में भी इसका उल्लेख मिलता है। इसी कारण यह स्थान भक्तों के लिए परम पूजनीय है।
  • गब्बर पर्वत: अंबाजी कस्बे से लगभग 3 किलोमीटर दूर गब्बर पहाड़ी को माता अंबा का मूल पीठस्थान माना जाता है। यहाँ भक्त 999 सीढ़ियाँ चढ़कर या रोप-वे द्वारा दर्शन करने जाते हैं। कहा जाता है कि यहाँ देवी के पदचिह्न और रथचिह्न मौजूद हैं।

मंदिर की अनोखी विशेषता: बिना मूर्ति के पूजा

अंबाजी मंदिर की सबसे अनूठी विशेषता यह है कि यहाँ देवी की कोई प्रतिमा या मूर्ति नहीं है:

मंदिर के गर्भगृह में, माँ अंबा की पूजा उनके श्री विसा यंत्र (Shree Visa Yantra) के रूप में की जाती है। यह यंत्र अत्यंत पवित्र और गुप्त माना जाता है। यहाँ तक कि पुजारी भी इस यंत्र की पूजा करते समय अपनी आँखों पर पट्टी बाँध लेते हैं। इस अनोखी परंपरा ने इस मंदिर की रहस्यमयता और आस्था को और बढ़ाया है।

गुजरात के अन्य प्रमुख शक्ति धाम

अंबाजी के अलावा, गुजरात में शक्ति-उपासना के कई अन्य महत्वपूर्ण केंद्र हैं:

  • प्रभास/चंद्रभागा (जूनागढ़): कुछ मान्यताओं के अनुसार यह भी 51 शक्तिपीठों में से एक है, जहाँ देवी सती का उदर भाग (पेट) गिरा था। यह सोमनाथ मंदिर के पास स्थित है।
  • बहुचરાજી માતા મંદિર (मेहसाणा): यह गुजरात के सबसे प्रमुख तीर्थों में से एक है, जहाँ देवी बहुचરા माता पूजी जाती हैं।
  • पावागढ़ (पंचमहल): महाकाली माता का यह प्रसिद्ध मंदिर भी एक शक्तिपीठ माना जाता है, जहाँ माना जाता है कि देवी का दायाँ पैर का अंगूठा गिरा था।

 

गुजरात के तीन प्रमुख शक्ति धामों के लाइव दर्शन: अंबाजी, पावागढ़ और बहुचराजी

 

आज के डिजिटल युग में, लाखों भक्तों की सुविधा के लिए गुजरात के पवित्र शक्तिपीठों द्वारा घर बैठे माताजी के दर्शन करने की व्यवस्था प्रदान की जाती है। श्रद्धालु आधिकारिक वेबसाइट या चैनलों के माध्यम से इंटरनेट पर माताजी के दैनिक दर्शन और आरती देख सकते हैं। 

१. अंबाजी मंदिर लाइव दर्शन (Ambaji Live Darshan)

 

अंबाजी धाम (Ambaji Dham) वह स्थान है जहाँ माताजी श्री विसा यंत्र के रूप में विराजमान हैं। यह 51 शक्तिपीठों में से एक है, जहाँ देवी सती का हृदय गिरा था।

विवरण जानकारी
धाम अंबाजी, बनासकांठा (गुजरात)
मंदिर ट्रस्ट श्री आरासुरी अंबाजी माता देवस्थान ट्रस्ट
लाइव दर्शन लिंक आप आधिकारिक वेबसाइट (Official Website) पर जाकर माताजी के दैनिक दर्शन कर सकते हैं।
यात्रा सुझाव यात्रा को सरल बनाने के लिए, Ambaji online booking (धर्मशाला, गेस्ट हाउस) और गब्बर पर्वत पर जाने के लिए रोप-वे की जानकारी पहले से लेना मददगार होगा।

 

२. पावागढ़ मंदिर लाइव दर्शन (Pavagadh Live Darshan)

 

पावागढ़ (Pavagadh) में माताजी महाकाली स्वरूप में विराजमान हैं। यह धाम भी 51 शक्तिपीठों में शामिल है। पौराणिक मान्यता है कि माताजी ने इसी स्थान पर रक्‍तबीज राक्षस का संहार किया था।

विवरण जानकारी
धाम पावागढ़, पंचमहाल (गुजरात)
मंदिर ट्रस्ट श्री महाकाली मंदिर ट्रस्ट
लाइव दर्शन लिंक आधिकारिक लाइव दर्शन चैनल या Pavagadh Live Darshan पेज पर उपलब्ध।
विशेषता ऊँचे पर्वत पर स्थित इस मंदिर तक पहुँचने के लिए रोप-वे (Rope-way) की सुविधा उपलब्ध है।

 

३. बहुचराजी मंदिर लाइव दर्शन (Bahucharaji Live Darshan)

 

बहुचराजी माता (Bahucharaji Mata) का धाम गुजरात के अन्य प्रमुख शक्ति धामों में से एक है और लाखों भक्तों की आस्था का केंद्र है।

विवरण जानकारी
धाम बहुचराजी, मेहसाणा (गुजरात)
मंदिर ट्रस्ट श्री बहुचराजी माताजी मंदिर ट्रस्ट
लाइव दर्शन लिंक Official Darshan (आधिकारिक लाइव दर्शन पोर्टल) पर जाकर दर्शन किए जा सकते हैं।
सुविधा भक्त घर बैठे इंटरनेट के माध्यम से माताजी के दैनिक दर्शन का लाभ उठा सकते हैं।

निष्कर्ष:

गुजरात के ये तीनों धाम—अंबाजी (यंत्र स्वरूप), पावागढ़ (महाकाली स्वरूप), और बहुचराजी—श्रद्धा और आस्था के प्रतीक हैं। आज के डिजिटल युग में, इन धामों के लाइव दर्शन की सुविधा भक्तों को भौगोलिक दूरी के बावजूद माताजी से जुड़े रहने में मदद करती है।

 

51 शक्तिपीठों की संपूर्ण सूची (स्थान और अंग पतन)

देवी सती के विभिन्न अंग और आभूषण जिन 51 स्थानों पर गिरे, वे आज शक्तिपीठों के रूप में पूजे जाते हैं। इन स्थानों पर शक्ति (देवी) और भैरव (शिव का रूप) दोनों विराजमान हैं:

क्र. सं. शक्तिपीठ (स्थान) राज्य/देश गिरा हुआ अंग
1 हिंगलाज (कोटटरी) बलूचिस्तान, पाकिस्तान ब्रह्मरंध्र (सिर)
2 शर्कररे (सुनंदा) सुगंधा, बांग्लादेश नासिका (नाक)
3 ज्वालामुखी (सिद्धिता) कांगड़ा, हिमाचल प्रदेश जिह्वा (जीभ)
4 त्रिपुरमालिनी जालंधर, पंजाब वाम स्तन (बायाँ स्तन)
5 अंबाजी बनासकांठा, गुजरात हृदय (Heart)
6 प्रभास (चंद्रभागा) जूनागढ़, गुजरात उदर भाग (पेट)
7 महाकाली (अवंती) उज्जैन, मध्य प्रदेश ऊपरी होंठ
8 भ्रामरी (भद्रा काली) नासिक, महाराष्ट्र ठोड़ी (Chin)
9 जोगुलम्बा (विशालाक्षी) आलमपुर, तेलंगाना ऊपरी दाँत
10 कामाख्या (योनि) गुवाहाटी, असम योनि (Genitals)
11 मगध (सर्वमंगला) पटना, बिहार शरीर का दाहिना भाग
12 मिथिलेश्वर (उमा) जनकपुर, नेपाल/बिहार वाम स्कंध (बायाँ कंधा)
13 गंडकी चंडी पोखरा, नेपाल कपोल (गाल)
14 दाक्षायणी मानसरोवर, तिब्बत दायाँ हाथ
15 विशालाक्षी (मणिकर्णी) वाराणसी, उत्तर प्रदेश कुंडल/मणिकर्णिका
16 ललिता (कुमारी) प्रयागराज, उत्तर प्रदेश हाथ की उंगलियाँ
17 शिवानी (रामगिरि) चित्रकूट, उत्तर प्रदेश दायाँ स्तन
18 जयंती शक्तिपीठ जयंतिया हिल्स, मेघालय वाम जंघा (बायाँ जाँघ)
19 त्रिपुरा सुंदरी त्रिपुरा दायाँ पाँव
20 महाकाली (कात्यायनी) मथुरा, उत्तर प्रदेश केश (बाल)
21 कालमाधव (शोण) अमरकंटक, मध्य प्रदेश वाम नितम्ब (बायाँ कूल्हा)
22 वक्रेश्वर (महिषमर्दिनी) बीरभूम, पश्चिम बंगाल भ्रूमध्य (भौंहों के बीच)
23 बहुला शक्तिपीठ वर्धमान, पश्चिम बंगाल वाम बाहु (बायाँ हाथ)
24 फुल्लारा (अट्टहास) बीरभूम, पश्चिम बंगाल ओष्ठ (निचला होंठ)
25 नन्दिकेश्वरी (नंदिनी) बीरभूम, पश्चिम बंगाल गले का हार
26 युगाद्या (भीमकन्या) वर्धमान, पश्चिम बंगाल दाएँ पाँव का अँगूठा
27 कालिका/दक्षिणा काली कालीघाट, कोलकाता दाएँ पाँव का अँगूठा
28 कपलिनी (विभाष) पूर्वी मेदिनीपुर, पश्चिम बंगाल वाम टखना (बायाँ टखना)
29 रत्नावली (कुमारी) हुगली, पश्चिम बंगाल दायाँ कंधा
30 भ्रामरांबा (श्रीपर्वत) श्रीशैलम, आंध्र प्रदेश ग्रीवा (गर्दन)
31 सावित्री (भद्रकाली) कुरुक्षेत्र, हरियाणा दाएँ पाँव का टखना
32 अपर्णा (भवानी) शेरपुर, बांग्लादेश वाम पाँव की पायल
33 महाकाली (पावागढ़) पंचमहल, गुजरात दायाँ पैर का अंगूठा/स्तन
34 उज्जयिनी (मंगल चंडिका) वर्धमान, पश्चिम बंगाल दाहिनी कलाई
35 शिवहर्करे (महाशिरा) कराची, पाकिस्तान तीन आँखें
36 कणार्ट (कणार्ट) बृजेश्वरी, हिमाचल प्रदेश दोनों कान
37 शुचि (नारायणी) कन्याकुमारी, तमिलनाडु ऊपरी दाँत/दंत पंक्ति
38 सारदा (गोदावरी) राजमुंदरी, आंध्र प्रदेश बायाँ गाल
39 भैरवी (चंबा) चंबा, हिमाचल प्रदेश आँख
40 जय दुर्गा (वैद्यनाथ) झारखंड हृदय (कुछ मान्यताओं में)
41 विरजा (नाभि) जाजपुर, ओडिशा नाभि (Navel)
42 कमला (कश्यप) कन्याकुमारी, तमिलनाडु रीढ़ की हड्डी
43 श्रीसुंदरी श्रीपर्वत, लद्दाख दाएँ पाँव की पायल
44 त्रिपुरेश्वरी त्रिपुरा दायाँ पाँव
45 पञ्चसागर वाराणसी/अन्य निचला दाढ़
46 भ्रामरी (जलपाईगुड़ी) जलपाईगुड़ी, पश्चिम बंगाल बायाँ पाँव
47 माधवेश्वरी (ललिता) प्रयागराज, उत्तर प्रदेश उंगलियाँ
48 नारायणी (वरुणेश्वर) कन्याकुमारी, तमिलनाडु निचला दाँत
49 नागपूशनी (शंकरी) जाफना, श्रीलंका पायल
50 महाकाली (कोल्हापुर) कोल्हापुर, महाराष्ट्र तीसरी आँख
51 कालिका (नलहाटी) बीरभूम, पश्चिम बंगाल पाँव की हड्डी

 

अंबाजी दर्शन और आपकी आस्था

एक श्रद्धालु और विशेषज्ञ के तौर पर, यह समझना आवश्यक है कि इन शक्तिपीठों का दर्शन क्यों महत्वपूर्ण है। अंबाजी मंदिर में मूर्ति के स्थान पर यंत्र की पूजा होना, यह दर्शाता है कि देवी की शक्ति किसी भौतिक रूप तक सीमित नहीं है। यह स्थान आध्यात्मिक ऊर्जा का एक केंद्र है।

गुजरात सरकार द्वारा अंबाजी मंदिर के जीर्णोद्धार और श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए किए गए प्रयासों ने इसकी विश्वसनीयता (Trustworthiness) को बढ़ाया है। मंदिर पर सोने का कलश, रोप-वे की सुविधा, और स्वच्छता का ध्यान रखना, यह दिखाता है कि यह सिर्फ एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि एक व्यवस्थित, सुरक्षित और सुगम तीर्थयात्रा केंद्र है।

अनुभव (Experience): अंबाजी के दर्शन के लिए जाने वाले भक्तों को मंदिर के पवित्र वातावरण, गब्बर पर्वत की यात्रा और मानसरोवर कुंड में डुबकी लगाने का अनुभव मिलता है। इन सभी अनुभवों को मिलाकर, यह तीर्थयात्रा न केवल धार्मिक होती है, बल्कि मन को शांति और शक्ति भी प्रदान करती है। कई श्रद्धालु यहाँ Online Temple Donation India के माध्यम से भी अपना योगदान देते हैं, जो मंदिर के रख-रखाव और विकास के लिए महत्वपूर्ण है।

ध्यान दें: गुजरात में धार्मिक यात्राओं के दौरान, खासकर भाद्रवी पूर्णिमा और नवरात्रि के समय, लाखों भक्तों की भीड़ उमड़ती है, इसलिए यात्रा की योजना पहले से बना लेनी चाहिए।

 

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)

प्र: अंबाजी मंदिर में किस अंग की पूजा की जाती है?

ज: अंबाजी मंदिर में देवी की कोई मूर्ति नहीं है। यहाँ 'श्री विसा यंत्र' की पूजा की जाती है। पौराणिक मान्यता के अनुसार, इसी स्थान पर देवी सती का हृदय गिरा था।

प्र: क्या अंबाजी मंदिर 51 शक्तिपीठों में शामिल है?

ज: हाँ, अंबाजी मंदिर को 51 शक्तिपीठों में से एक और 12 प्रमुख शक्ति महापीठों में से एक माना जाता है।

प्र: अंबाजी के पास गब्बर पर्वत का क्या महत्व है?

ज: गब्बर पर्वत को माता अंबा का मूल पीठस्थान माना जाता है। श्रद्धालु यहाँ रोप-वे या सीढ़ियों से जाकर माता के पदचिह्नों के दर्शन करते हैं।

प्र: 51 शक्तिपीठों की पूरी सूची में गुजरात के कौन से धाम शामिल हैं?

ज: मुख्य रूप से अंबाजी (हृदय) और प्रभास/चंद्रभागा (उदर भाग) को 51 शक्तिपीठों में शामिल किया जाता है। इसके अलावा, पावागढ़ को भी एक शक्तिपीठ के रूप में मान्यता प्राप्त है।

प्र: अंबाजी मंदिर में दर्शन का सबसे अच्छा समय क्या है?

ज: अंबाजी जाने का सबसे अच्छा समय नवरात्रि और भाद्रवी पूर्णिमा (सितंबर/अक्टूबर) के दौरान होता है, जब यहाँ भव्य मेले और उत्सव का आयोजन होता है। हालांकि, इन दिनों भीड़ भी बहुत अधिक होती है।


NOTE : यहां दी गई जानकारी एक सामान्य अनुमान और धारणा ओ के आधारित हे किसी भी जानाकरी कोई निष्कर्ष पर कृपया ना पोहचे। जानकारी के अनुरूप Expert की सलाह जरूर ले. धन्यवाद

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