टोल टैक्स में 50% की कटौती: सरकार का ऐतिहासिक फैसला, जानें किसे मिलेगा फायदा!



आप अपनी गाड़ी लेकर राष्ट्रीय राजमार्ग पर फर्राटा भर रहे हैं, और अचानक सामने आ जाता है एक टोल प्लाजा... और आपकी जेब पर पड़ने वाला बोझ! लेकिन, क्या हो अगर सरकार एक ऐसा ऐलान कर दे जिससे यह बोझ आधा हो जाए? क्या हो अगर आपकी यात्रा लागत में 50% तक की कटौती हो जाए? यह कोई सपना नहीं, बल्कि एक हकीकत है! भारत सरकार ने वाहन चालकों को एक ऐसी खुशखबरी दी है जो आपकी हर यात्रा को पहले से कहीं ज्यादा किफायती बना देगी। यह बदलाव भारतीय सड़कों पर सफर करने के तरीके को हमेशा के लिए बदल देगा। 

टोल टैक्स में 50% की कटौती: सरकार का ऐतिहासिक फैसला, जानें किसे मिलेगा फायदा!

 

भारत सरकार ने देश भर के वाहन चालकों के लिए एक बड़ी सौगात का ऐलान किया है। अब राष्ट्रीय राजमार्गों पर लगने वाले टोल टैक्स में 50% तक की कटौती की जाएगी। यह फैसला उन खास सड़क खंडों पर लागू होगा, जहां सड़क का बड़ा हिस्सा (50% से अधिक) पुल (ब्रिज), सुरंग (टनल), फ्लाईओवर या एलिवेटेड स्ट्रक्चर से निर्मित है। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) द्वारा 2 जुलाई, 2025 को जारी इस संशोधित अधिसूचना से करोड़ों लोगों को सीधे तौर पर आर्थिक राहत मिलेगी और सफर का खर्च कम होगा। यह नया नियम 4 जुलाई, 2025 से प्रभावी हो गया है, जिससे दैनिक यात्रियों और व्यावसायिक वाहनों दोनों को बड़ी राहत मिलेगी।

टोल टैक्स में कटौती के नए नियम क्या हैं?

सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) ने राष्ट्रीय राजमार्ग शुल्क (दरों का निर्धारण और संग्रह) नियम, 2008 में महत्वपूर्ण संशोधन किए हैं। नए नियम विशेष रूप से उन राष्ट्रीय राजमार्गों के लिए बनाए गए हैं जिनमें जटिल और महंगे ढांचे जैसे कि सुरंग, बड़े पुल, फ्लाईओवर और एलिवेटेड सड़कें शामिल हैं। इस कदम का उद्देश्य टोल दरों को तर्कसंगत बनाना और सड़क उपयोगकर्ताओं को राहत प्रदान करना है, जबकि बुनियादी ढांचे की लागत की वसूली और सामर्थ्य के बीच संतुलन बनाए रखना है।

पुराना नियम बनाम नया नियम:

पहले, इन जटिल संरचनाओं पर टोल दर सामान्य सड़क खंडों की तुलना में 10 गुना अधिक होती थी, जो उनकी उच्च निर्माण और रखरखाव लागत को दर्शाती थी। अब, टोल शुल्क की गणना के लिए एक नया फॉर्मूला पेश किया गया है, जो अधिक उपयोगकर्ता-अनुकूल और किफायती है।

नए फॉर्मूले के अनुसार, टोल शुल्क अब इस तरह से तय होगा:

  1. ढांचे की लंबाई का 10 गुना: संरचना(ओं) की लंबाई को 10 से गुणा किया जाएगा और इसे राजमार्ग के शेष खंड (संरचनाओं को छोड़कर) की लंबाई में जोड़ा जाएगा।
  2. पूरे खंड (ढांचे समेत) की लंबाई का 5 गुना: राजमार्ग के पूरे खंड की कुल लंबाई (जिसमें वह संरचना शामिल है) को 5 से गुणा किया जाएगा।

इन दोनों गणनाओं में से जो भी कम होगा, उसी के आधार पर टोल वसूला जाएगा। 'संरचना' का अर्थ एक स्वतंत्र पुल, सुरंग, फ्लाईओवर या एलिवेटेड हाईवे है।

उदाहरण से समझें:

मंत्रालय ने एक उदाहरण दिया है: यदि एक 40 किलोमीटर लंबा राजमार्ग खंड पूरी तरह से पुल या सुरंग जैसे ढांचागत तत्वों से बना है।

  • पुराने नियम के अनुसार: टोल 400 किलोमीटर (40 किमी x 10) के लिए वसूला जाता था।
  • नए फॉर्मूले के अनुसार:
    • संरचना की लंबाई का 10 गुना = 40 किमी x 10 = 400 किमी
    • पूरे खंड की कुल लंबाई का 5 गुना = 40 किमी x 5 = 200 किमी

इन दोनों में से कम (200 किमी) के हिसाब से टोल लगेगा। इसका मतलब है कि यात्रियों के लिए प्रभावी रूप से टोल लागत आधी हो जाएगी।

किसे मिलेगी 50% तक की छूट?

यह 50% टोल कटौती निम्नलिखित पर लागू होगी:

  • निजी वाहन चालक: जो भी यात्री ऐसे राष्ट्रीय राजमार्गों पर यात्रा कर रहे हैं जहां 50% से अधिक हिस्सा पुल, सुरंग या फ्लाईओवर से बना है। इससे लंबी दूरी के यात्रियों को खासकर फायदा होगा।
  • वाणिज्यिक वाहन (Commercial Vehicles): ट्रकों, बसों और अन्य वाणिज्यिक वाहनों के लिए भी यह छूट लागू होगी। वाणिज्यिक वाहन अक्सर निजी वाहनों की तुलना में 4 से 5 गुना अधिक टोल का भुगतान करते हैं, इसलिए उन्हें सबसे अधिक लाभ होगा।
  • विशेष संरचना वाले राजमार्ग: यह कटौती विशेष रूप से उन राष्ट्रीय राजमार्ग खंडों के लिए है जिन पर महंगी और जटिल इंजीनियरिंग संरचनाएं जैसे सुरंगें, बड़े पुल, फ्लाईओवर और एलिवेटेड सड़कें बनी हैं।

महत्वपूर्ण: यह छूट सभी टोल प्लाजा पर लागू नहीं होगी, बल्कि केवल उन विशिष्ट खंडों पर होगी जहां बताई गई शर्तें पूरी होती हैं।

टोल टैक्स में कटौती से आम जनता को क्या फायदा होगा?

इस फैसले से आम जनता को कई महत्वपूर्ण फायदे होंगे, जिससे उनका सफर का खर्च कम होगा:

  1. यात्रा लागत में भारी कमी: सबसे सीधा और महत्वपूर्ण लाभ यह है कि सड़क यात्रा अब अधिक किफायती हो जाएगी। खासकर उन लोगों के लिए जो नियमित रूप से इन विशेष राजमार्गों का उपयोग करते हैं, जैसे कि मेट्रो शहरों के बाहरी रिंग रोड या पहाड़ी क्षेत्रों की लंबी सुरंगें।
  2. लॉजिस्टिक्स और परिवहन लागत में कमी: वाणिज्यिक वाहनों के लिए टोल में कटौती से माल ढुलाई की लागत कम होगी। इसका सीधा असर वस्तुओं की कीमतों पर पड़ सकता है, जिससे महंगाई कम होने में मदद मिल सकती है और उद्योगों को भी लाभ होगा।
  3. पारदर्शिता और तर्कसंगतता: नए नियम टोल दरों को अधिक तर्कसंगत और पारदर्शी बनाएंगे। इससे यात्रियों को यह समझने में आसानी होगी कि वे क्यों और कितना टोल चुका रहे हैं। यह उपयोगकर्ता-आधारित शुल्क मॉडल को मजबूत करता है।
  4. यात्रा में सुगमता और उपयोग में वृद्धि: कम टोल से लोग इन बेहतर सड़कों का अधिक उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित होंगे, जिससे यात्रा सुगम और तेज होगी। यह राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क के उपयोग को बढ़ावा देगा।
  5. बढ़ी हुई पहुंच: कुछ क्षेत्रों, विशेषकर दूरदराज के या पहाड़ी इलाकों में, जहां पुलों और सुरंगों के कारण टोल अधिक था, वहां लोगों के लिए यात्रा अब अधिक सुलभ हो जाएगी, जिससे क्षेत्रीय कनेक्टिविटी में सुधार होगा।
  6. आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा: परिवहन लागत में कमी से अंतर-राज्यीय व्यापार और वाणिज्यिक गतिविधियाँ बढ़ेंगी, जिससे समग्र आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा।

सरकार का दूरगामी दृष्टिकोण और अन्य पहलें

यह कदम राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क को अधिक उपयोगकर्ता-अनुकूल और किफायती बनाने की दिशा में सरकार के प्रयासों का हिस्सा है। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी लगातार टोल प्लाजा पर लगने वाले समय और लागत को कम करने के तरीकों पर जोर दे रहे हैं। यह कटौती इसी बड़े लक्ष्य का एक हिस्सा है।

सरकार टोल भुगतान के तरीके को और अधिक आधुनिक बनाने के लिए कई अन्य पहलों पर भी काम कर रही है:

  • किलोमीटर-आधारित टोलिंग (KM Based Tolling): सरकार "जितना चलेंगे... उतना कटेगा पैसा!" वाली ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम (GNSS) आधारित टोलिंग जैसी नई तकनीकों पर काम कर रही है। हालांकि, PIB ने 18 अप्रैल, 2025 को स्पष्ट किया था कि 1 मई, 2025 से देशव्यापी उपग्रह-आधारित टोलिंग प्रणाली शुरू करने का कोई निर्णय नहीं लिया गया है। इसके बजाय, चुनिंदा टोल प्लाजा पर ANPR-FASTag-आधारित बैरियर-लेस टोलिंग सिस्टम लागू किया जा रहा है।
  • FASTag आधारित वार्षिक पास (FASTag Annual Pass): नितिन गडकरी ने 24 जून, 2025 को ₹3,000 के FASTag-आधारित वार्षिक पास की घोषणा की, जो 15 अगस्त, 2025 से प्रभावी होगा। यह पास निजी, गैर-वाणिज्यिक वाहनों (कारों, जीपों, वैन) के लिए है और सक्रियण की तारीख से एक वर्ष या 200 यात्राओं तक (जो भी पहले हो) मान्य होगा। यह बार-बार टोल भुगतान की आवश्यकता को समाप्त कर देगा और लगातार यात्रा करने वालों के लिए लागत बचत प्रदान करेगा।

ये सभी पहलें भारतीय सड़क परिवहन को अधिक कुशल, पारदर्शी और यात्रियों के लिए आरामदायक बनाने की दिशा में सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं।

निष्कर्ष

टोल टैक्स में 50% तक की कटौती का यह फैसला भारतीय सड़कों पर यात्रा करने वाले सभी लोगों के लिए एक बड़ी राहत लेकर आया है। यह दर्शाता है कि सरकार नागरिकों के वित्तीय बोझ को कम करने और परिवहन व्यवस्था को अधिक कुशल बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। यह कदम न केवल आर्थिक रूप से फायदेमंद है, बल्कि यह सड़क यात्रा को अधिक सुलभ और आकर्षक बनाकर देश की कनेक्टिविटी को भी बढ़ावा देगा। यह निश्चित रूप से भारतीय परिवहन क्षेत्र में एक ऐतिहासिक बदलाव है, जो 'ईज़ ऑफ ट्रैवल' (Ease of Travel) के लक्ष्य को साकार करने में मदद करेगा।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)

Q1: टोल टैक्स में 50% की कटौती किन सड़कों पर लागू होगी?
A1: यह कटौती राष्ट्रीय राजमार्गों के उन खंडों पर लागू होगी जहां सड़क का 50% से अधिक हिस्सा पुल, सुरंग, फ्लाईओवर या एलिवेटेड स्ट्रक्चर से बना है। यह नियम उन जगहों पर लागू नहीं होगा जहां ऐसे ढांचे नहीं हैं। 
 
Q2: यह नया नियम कब से लागू हुआ है?
A2: यह नया नियम 2 जुलाई, 2025 को अधिसूचित किया गया था और 4 जुलाई, 2025 से प्रभावी हो गया है। 
 
Q3: टोल टैक्स की गणना के लिए नया फॉर्मूला क्या है?
A3: नए फॉर्मूले के अनुसार, टोल या तो ढांचे की लंबाई का 10 गुना (शेष राजमार्ग को जोड़कर) होगा या पूरे खंड (ढांचे समेत) की लंबाई का 5 गुना। इन दोनों में से जो भी कम होगा, उसी के आधार पर टोल वसूला जाएगा, जिससे अक्सर 50% तक की कमी आएगी। 
 
Q4: क्या यह कटौती सभी प्रकार के वाहनों पर लागू होगी?
A4: हां, यह कटौती निजी कारों और वाणिज्यिक वाहनों (जैसे ट्रक और बस) दोनों पर लागू होगी, बशर्ते वे निर्धारित राजमार्ग खंडों से गुजर रहे हों। 
 
Q5: इस कटौती से आम जनता को क्या फायदा होगा?
A5: इस कटौती से यात्रा लागत में कमी आएगी, परिवहन खर्च घटेगा (जिससे वस्तुओं की कीमतें कम हो सकती हैं), और सड़क यात्रा अधिक किफायती, सुगम और सुलभ बनेगी। यह आर्थिक गतिविधियों को भी बढ़ावा देगा।
 
Q6: क्या यह सालाना फास्टैग पास के प्रस्ताव से जुड़ा है? 
A6: नहीं, यह 50% की कटौती सीधे तौर पर ₹3,000 के वार्षिक फास्टैग पास के प्रस्ताव से अलग है, जिसकी घोषणा 24 जून, 2025 को हुई है और यह 15 अगस्त, 2025 से प्रभावी होगा। यह कटौती उन विशेष राजमार्ग खंडों पर लागू होगी जहां महंगी संरचनाएं बनी हैं। 
 
Q7: क्या GPS आधारित टोलिंग अब लागू हो गई है?
A7: नहीं, PIB ने स्पष्ट किया है कि 1 मई, 2025 से देशव्यापी GPS आधारित टोलिंग लागू करने का कोई निर्णय नहीं लिया गया है। इसके बजाय, चुनिंदा टोल प्लाजा पर ANPR-FASTag आधारित बैरियर-लेस टोलिंग सिस्टम लागू किया जा रहा है।

NOTE : यहां दी गई जानकारी एक सामान्य अनुमान और धारणा ओ के आधारित हे किसी भी जानाकरी कोई निष्कर्ष पर कृपया ना पोहचे। जानकारी के अनुरूप Expert की सलाह जरूर ले. धन्यवाद

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