घर खरीदते समय बिल्ट-अप एरिया Vs सुपर बिल्ट-अप एरिया: कम बजट में खरीदें बड़ा घर



घर खरीदना हर किसी के जीवन का एक महत्वपूर्ण पड़ाव होता है, खासकर भारत जैसे देश में जहां घर को सिर्फ एक जगह नहीं, बल्कि एक सुरक्षित भविष्य और सामाजिक प्रतिष्ठा का प्रतीक माना जाता है। लेकिन, इस सपने को पूरा करते समय अक्सर खरीदार कुछ तकनीकी शब्दों जैसे बिल्ट-अप एरिया (Built-up Area) और सुपर बिल्ट-अप एरिया (Super Built-up Area) को लेकर भ्रमित हो जाते हैं। इन दोनों के बीच के सूक्ष्म अंतर को समझना आपके लिए एक स्मार्ट वित्तीय निर्णय साबित हो सकता है, खासकर जब आप अपने सीमित बजट में सबसे बड़ा और सबसे उपयुक्त घर ढूंढ रहे हों।

घर खरीदते समय बिल्ट-अप एरिया Vs सुपर बिल्ट-अप एरिया: कम बजट में खरीदें बड़ा घर


यह लेख आपको बिल्ट-अप एरिया और सुपर बिल्ट-अप एरिया के बीच के अंतर को विस्तार से समझने में मदद करेगा। हम यह भी जानेंगे कि ये अवधारणाएं आपकी खरीद और घर की वास्तविक लागत को कैसे प्रभावित करती हैं।

1. कारपेट एरिया (Carpet Area): आपकी वास्तविक रहने योग्य जगह

इससे पहले कि हम बिल्ट-अप और सुपर बिल्ट-अप एरिया को समझें, कारपेट एरिया (Carpet Area) को समझना बेहद ज़रूरी है। यह इन तीनों में सबसे छोटा और सबसे सटीक माप है जो वास्तव में उस जगह को दर्शाता है जिसका आप अपने घर के अंदर उपयोग कर सकते हैं।



1. कारपेट एरिया (Carpet Area): आपकी वास्तविक रहने योग्य जगह


  • क्या शामिल है? आपके घर के भीतर की वह जगह जिसे आप कालीन से ढक सकते हैं। इसमें बेडरूम, लिविंग रूम, किचन, बाथरूम और आंतरिक दीवारें शामिल होती हैं (आंतरिक दीवारों की मोटाई को कभी-कभी 50% तक कारपेट एरिया में गिना जा सकता है, लेकिन बाहरी दीवारें इसमें शामिल नहीं होतीं)।
  • क्या शामिल नहीं है? बालकनी, खुली छत, बाहरी दीवारें, सामान्य सीढ़ियां, लिफ्ट शाफ्ट और अन्य साझा सुविधाएं।
  • महत्व:
    • पारदर्शिता: RERA (रियल एस्टेट नियामक प्राधिकरण) अधिनियम 2016 के तहत, डेवलपर्स के लिए कारपेट एरिया को स्पष्ट रूप से बताना अनिवार्य है। इससे खरीदारों को पूरी पारदर्शिता मिलती है।
    • वास्तविक उपयोग: यह आपको बताता है कि आपके पास वास्तव में कितनी उपयोग योग्य जगह है। एक ही सुपर बिल्ट-अप एरिया के दो फ्लैटों का कारपेट एरिया अलग-अलग हो सकता है, जिससे उनकी वास्तविक उपयोगिता प्रभावित होती है।
    • मूल्य निर्धारण: यदि डेवलपर कारपेट एरिया के आधार पर कीमत बता रहा है, तो यह खरीदार के लिए अधिक निष्पक्ष सौदा माना जाता है।

क्विक टिप: हमेशा कारपेट एरिया पर सबसे पहले ध्यान दें। यह आपकी वास्तविक ज़रूरतों को पूरा करने वाली जगह को दर्शाता है।

2. बिल्ट-अप एरिया (Built-up Area): दीवारों के साथ आपकी निजी जगह

बिल्ट-अप एरिया वह क्षेत्र है जो कारपेट एरिया के साथ-साथ आपकी यूनिट की बाहरी और आंतरिक दीवारों द्वारा घेरी गई जगह को भी शामिल करता है। यह आपकी यूनिट की सीमाओं के भीतर की कुल जगह को दर्शाता है।

2. बिल्ट-अप एरिया (Built-up Area): दीवारों के साथ आपकी निजी जगह

  • क्या शामिल है?
    • कारपेट एरिया: आपके घर के अंदर की वास्तविक उपयोग योग्य जगह।
    • बाहरी और आंतरिक दीवारों की मोटाई: आमतौर पर, बिल्ट-अप एरिया में दीवारों की मोटाई का 10-15% हिस्सा जोड़ा जाता है। यदि दीवार साझा है, तो उसका 50% हिस्सा गिना जाता है।
    • बालकनी: आपकी यूनिट से जुड़ी बालकनी का क्षेत्रफल।
    • यूटिलिटी शाफ्ट: यदि आपकी यूनिट के भीतर कोई छोटा यूटिलिटी शाफ्ट है (जैसे डक्ट्स या पाइपलाइन के लिए), तो वह भी इसमें शामिल होता है।
  • क्या शामिल नहीं है? इमारत के साझा क्षेत्र जैसे लिफ्ट, सीढ़ियां, लॉबी, क्लब हाउस, जिम, स्विमिंग पूल, पार्किंग स्थल आदि।
  • गणना: बिल्ट-अप एरिया आमतौर पर कारपेट एरिया से 10-20% अधिक होता है।
    • सूत्र: बिल्ट-अप एरिया = कारपेट एरिया + दीवारों का क्षेत्र + बालकनी का क्षेत्र (यदि लागू हो)
  • महत्व:
    • यह आपको आपकी यूनिट की कुल भौतिक सीमा के बारे में बताता है।
    • कुछ डेवलपर्स अभी भी बिल्ट-अप एरिया के आधार पर कीमतों का उद्धरण देते हैं, हालांकि RERA के बाद कारपेट एरिया को प्राथमिकता दी जाती है।
    • यह सुपर बिल्ट-अप एरिया से अधिक वास्तविक माप है क्योंकि यह केवल आपकी निजी यूनिट से संबंधित है।

क्विक टिप: यदि आप बजट में घर ढूंढ रहे हैं, तो बिल्ट-अप एरिया पर ध्यान देना एक बेहतर रणनीति है, क्योंकि यह अभी भी आपकी निजी यूनिट की जगह को दर्शाता है, साझा क्षेत्रों को नहीं।

3. सुपर बिल्ट-अप एरिया (Super Built-up Area): साझा सुविधाओं के साथ कुल क्षेत्रफल

सुपर बिल्ट-अप एरिया वह सबसे बड़ा माप है और यह बिल्ट-अप एरिया के साथ-साथ पूरी इमारत के साझा क्षेत्रों (Common Areas) का आनुपातिक हिस्सा भी शामिल करता है। यह वह क्षेत्र है जिसके आधार पर डेवलपर्स अक्सर अपने अपार्टमेंट बेचते हैं।

सुपर बिल्ट-अप एरिया (Super Built-up Area): साझा सुविधाओं के साथ कुल क्षेत्रफल

  • क्या शामिल है?
    • बिल्ट-अप एरिया: आपकी निजी यूनिट का क्षेत्र।
    • साझा क्षेत्र (Common Areas): इनमें लिफ्ट, लिफ्ट लॉबी, सीढ़ियां, गलियारे, मुख्य प्रवेश द्वार लॉबी, क्लब हाउस, जिम, स्विमिंग पूल, सामुदायिक हॉल, सुरक्षा कक्ष, गार्ड रूम, जनरेटर रूम, सब-स्टेशन, पानी की टंकी, पार्किंग स्थल और अन्य सभी सुविधाएं शामिल हैं जिनका उपयोग पूरी इमारत के निवासी करते हैं।
  • गणना: सुपर बिल्ट-अप एरिया की गणना के लिए एक 'लोडिंग फैक्टर' (Loading Factor) का उपयोग किया जाता है।
    • लोडिंग फैक्टर: यह वह प्रतिशत होता है जिसे बिल्ट-अप एरिया में जोड़ा जाता है ताकि साझा क्षेत्रों का हिसाब दिया जा सके। यह डेवलपर द्वारा अपनी लागतों को खरीदारों के बीच विभाजित करने का एक तरीका है।
    • सूत्र: सुपर बिल्ट-अप एरिया = बिल्ट-अप एरिया × (1 + लोडिंग फैक्टर)
    • उदाहरण के लिए, यदि लोडिंग फैक्टर 25% है (यानी 0.25), तो 1000 वर्ग फुट बिल्ट-अप एरिया वाला फ्लैट 1250 वर्ग फुट सुपर बिल्ट-अप एरिया का होगा। लोडिंग फैक्टर आमतौर पर 25% से 40% तक होता है, लेकिन कुछ परियोजनाओं में यह अधिक भी हो सकता है।
  • महत्व:
    • कुल लागत: डेवलपर्स आमतौर पर प्रति वर्ग फुट के आधार पर सुपर बिल्ट-अप एरिया पर कीमत लगाते हैं। इसका मतलब है कि आप अपनी वास्तविक रहने योग्य जगह के साथ-साथ उन साझा सुविधाओं के लिए भी भुगतान कर रहे हैं जिनका आप उपयोग करेंगे (या शायद नहीं भी करेंगे)।
    • बजट पर प्रभाव: एक उच्च लोडिंग फैक्टर का मतलब है कि आप उन क्षेत्रों के लिए अधिक भुगतान कर रहे हैं जो आपकी निजी यूनिट का हिस्सा नहीं हैं। कम बजट में घर खरीदने वालों के लिए यह एक बड़ी चिंता का विषय हो सकता है।
    • भ्रम: यह खरीदारों के बीच सबसे अधिक भ्रम पैदा करता है क्योंकि यह वास्तविक उपयोग योग्य स्थान को गलत तरीके से दर्शाता है।

क्विक टिप: यदि कोई डेवलपर आपको बहुत कम कीमत पर बड़ा सुपर बिल्ट-अप एरिया वाला फ्लैट दे रहा है, तो हमेशा कारपेट एरिया और लोडिंग फैक्टर की जांच करें। हो सकता है कि आप साझा सुविधाओं के लिए ज़रूरत से ज़्यादा भुगतान कर रहे हों।

कम बजट में बड़ा घर कैसे खरीदें: स्मार्ट रणनीतियाँ

जब आपका बजट सीमित हो, तो बिल्ट-अप एरिया और सुपर बिल्ट-अप एरिया के बीच का अंतर समझना आपको एक बड़ा घर खरीदने में मदद कर सकता है। यहाँ कुछ रणनीतियाँ दी गई हैं:

  • कारपेट एरिया पर फोकस करें: अपनी ज़रूरत के अनुसार अधिकतम कारपेट एरिया वाले फ्लैट की तलाश करें। यह आपकी वास्तविक रहने योग्य जगह है। डेवलपर्स से सीधे कारपेट एरिया के बारे में पूछें और इसे समझौते में शामिल करवाएं।
  • लोडिंग फैक्टर को समझें: डेवलपर्स से लोडिंग फैक्टर के बारे में स्पष्ट जानकारी लें। एक कम लोडिंग फैक्टर का मतलब है कि आप अपनी यूनिट के लिए अधिक भुगतान कर रहे हैं और साझा क्षेत्रों के लिए कम। कम लोडिंग फैक्टर वाले प्रोजेक्ट अक्सर आपके बजट के लिए बेहतर होते हैं।
  • साझा सुविधाओं का मूल्यांकन करें: क्या आपको वास्तव में क्लब हाउस, स्विमिंग पूल, जिम और अन्य सभी महंगी साझा सुविधाओं की ज़रूरत है? यदि नहीं, तो ऐसे प्रोजेक्ट चुनें जिनमें कम सुविधाएं हों, क्योंकि उनमें आमतौर पर लोडिंग फैक्टर कम होता है और इसलिए सुपर बिल्ट-अप एरिया भी कम होता है। यह आपकी लागत को काफी कम कर सकता है।
  • सेकेंडरी मार्केट पर विचार करें: पुराने या रीसेल घरों में अक्सर लोडिंग फैक्टर का कांसेप्ट उतना प्रभावी नहीं होता और आप सीधे बिल्ट-अप या कारपेट एरिया के आधार पर बेहतर डील पा सकते हैं। पुराने घरों में कीमतें अक्सर नई परियोजनाओं की तुलना में अधिक बातचीत योग्य होती हैं।
  • स्थान बनाम आकार: कभी-कभी, आप शहर के मुख्य क्षेत्रों से थोड़ा दूर जाकर अपने बजट में बड़ा घर पा सकते हैं। हालांकि, आवागमन और सुविधाओं तक पहुंच का भी ध्यान रखें।
  • छोटे डेवलपर्स: बड़े, ब्रांडेड डेवलपर्स की तुलना में छोटे या स्थानीय डेवलपर्स के पास अक्सर कम लोडिंग फैक्टर होता है क्योंकि उनके पास उतनी व्यापक और महंगी साझा सुविधाएं नहीं होतीं। यह आपके लिए एक अच्छा बजट विकल्प हो सकता है।
  • समझौते को ध्यान से पढ़ें: हमेशा खरीद समझौते (Agreement for Sale) को ध्यान से पढ़ें। सुनिश्चित करें कि उसमें कारपेट एरिया, बिल्ट-अप एरिया और सुपर बिल्ट-अप एरिया (यदि लागू हो) स्पष्ट रूप से परिभाषित हों।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)

Q1: कारपेट एरिया (Carpet Area) क्या है?

A1: कारपेट एरिया वह वास्तविक क्षेत्र है जिसे आप अपने घर के अंदर 'कालीन' से ढक सकते हैं। इसमें दीवारों की मोटाई, बालकनी या साझा क्षेत्र शामिल नहीं होते हैं। यह तीनों में सबसे छोटा और सबसे सटीक माप है जो आपकी रहने योग्य जगह को दर्शाता है।

Q2: कम बजट में बड़ा घर कैसे खरीदें?

A2: कम बजट में बड़ा घर खरीदने के लिए, कारपेट एरिया और बिल्ट-अप एरिया पर ध्यान दें। ऐसे डेवलपर्स की तलाश करें जो बिल्ट-अप एरिया के आधार पर कीमतें बताएं या जिनके लोडिंग फैक्टर कम हों। साझा सुविधाओं की अपनी ज़रूरतों का मूल्यांकन करें - क्या आपको वाकई सभी महंगी सुविधाओं की ज़रूरत है? सेकेंडरी मार्केट (पुराने घर) भी एक अच्छा विकल्प हो सकता है।

Q3: क्या RERA (रियल एस्टेट नियामक प्राधिकरण) कारपेट एरिया को अनिवार्य करता है?

A3: जी हां, RERA एक्ट 2016 के तहत डेवलपर्स के लिए कारपेट एरिया को स्पष्ट रूप से बताना अनिवार्य है। इससे खरीदारों को पारदर्शिता मिलती है और वे अपनी खरीदी गई जगह के बारे में बेहतर जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

Q4: लोडिंग फैक्टर क्या होता है?

A4: लोडिंग फैक्टर वह प्रतिशत होता है जिसे बिल्ट-अप एरिया में जोड़ा जाता है ताकि सुपर बिल्ट-अप एरिया तक पहुंचा जा सके। यह साझा सुविधाओं के लिए आवंटित स्थान का प्रतिनिधित्व करता है। एक उच्च लोडिंग फैक्टर का मतलब है कि आप साझा क्षेत्रों के लिए अधिक भुगतान कर रहे हैं और आपकी वास्तविक रहने योग्य जगह (कारपेट एरिया) अपेक्षाकृत कम है।

निष्कर्ष:

घर खरीदना एक बड़ा निवेश है, और सही जानकारी के साथ आप एक स्मार्ट निर्णय ले सकते हैं। बिल्ट-अप एरिया और सुपर बिल्ट-अप एरिया के बीच के अंतर को समझना आपको अपनी गाढ़ी कमाई का अधिकतम मूल्य प्राप्त करने में मदद करेगा। हमेशा कारपेट एरिया को अपनी प्राथमिकता बनाएं, लोडिंग फैक्टर पर ध्यान दें, और अपनी वास्तविक ज़रूरतों के अनुसार सुविधाओं का मूल्यांकन करें। इन युक्तियों का पालन करके, आप निश्चित रूप से अपने बजट में एक बड़ा, आरामदायक और उपयुक्त घर ढूंढ पाएंगे।

तो, अब जब आप अंतर जानते हैं, तो क्या आप अपने सपनों का घर ढूंढने के लिए तैयार हैं?


NOTE : यहां दी गई जानकारी एक सामान्य अनुमान और धारणा ओ के आधारित हे किसी भी जानाकरी कोई निष्कर्ष पर कृपया ना पोहचे। जानकारी के अनुरूप Expert की सलाह जरूर ले. धन्यवाद

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