आज की तेज़ रफ्तार जिंदगी में बाहर से खाना मंगवाना अब शौक नहीं, ज़रूरत बन चुका है। ऑफिस में देर तक काम करना हो, घर पर मेहमान आ गए हों, या अचानक पार्टी का मूड बन जाए – फूड डिलीवरी ऐप्स की मदद से कुछ ही मिनटों में मनपसंद खाना दरवाजे तक आ जाता है। लेकिन जो बात अक्सर नजरअंदाज कर दी जाती है, वह है रेस्टोरेंट प्लास्टिक कंटेनर का हमारी सेहत पर पड़ने वाला प्रभाव।
ऐसे कंटेनरों में अक्सर काला या घटिया प्लास्टिक इस्तेमाल किया जाता है, जो न केवल गर्म खाने के संपर्क में आने पर हानिकारक रसायन छोड़ते हैं, बल्कि दीर्घकालिक रूप से यह कई जानलेवा बीमारियों की वजह बन सकते हैं। इस लेख में हम इसी विषय पर विस्तार से चर्चा करेंगे।
प्लास्टिक कंटेनर में खाना पैक करना क्यों खतरनाक है?
1. बिस्फेनॉल-ए (BPA) और थैलेट्स का खतरा
प्लास्टिक कंटेनर, खासकर कम गुणवत्ता वाले, अक्सर बिस्फेनॉल-ए (BPA) और थैलेट्स जैसे रसायनों से बनाए जाते हैं। ये रसायन शरीर के हॉरमोनल सिस्टम को बाधित करते हैं। जब गर्म या तैलीय खाना इन कंटेनरों में रखा जाता है, तो BPA और थैलेट्स भोजन में मिल जाते हैं।
यह रसायन शरीर में धीरे-धीरे जमा होते रहते हैं और इसके परिणामस्वरूप निम्नलिखित समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं:
- स्तन और प्रोस्टेट कैंसर
- हार्मोनल असंतुलन
- बांझपन
- गर्भवती महिलाओं में भ्रूण के विकास पर असर
- लिवर और किडनी की कार्यप्रणाली में गड़बड़ी
2. गर्म खाने और प्लास्टिक की प्रतिक्रिया
गर्म खाना प्लास्टिक के साथ रासायनिक प्रतिक्रिया करता है। इस प्रक्रिया में डायॉक्सिन, फ्यूरन और अन्य विषैले तत्व निकलते हैं। यह तब और भी खतरनाक हो जाता है जब आप उसी कंटेनर को माइक्रोवेव में गर्म करते हैं।
इन विषैले पदार्थों के कारण मेटाबॉलिक डिसऑर्डर, मोटापा, हृदय रोग, और तंत्रिका तंत्र से जुड़ी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
3. रिसाइकिल प्लास्टिक और घटिया सामग्री
अक्सर सस्ते रेस्टोरेंट और लोकल डिलीवरी आउटलेट्स सस्ते रीसाइकिल प्लास्टिक का उपयोग करते हैं। यह प्लास्टिक ना केवल खाद्य मानकों पर खरा नहीं उतरता बल्कि उसमें मौजूद अशुद्धियाँ और पुराने रसायन और भी ज्यादा हानिकारक हो सकते हैं।
प्लास्टिक कंटेनर से जुड़ी प्रमुख बीमारियाँ
नीचे दी गई तालिका से आप समझ सकते हैं कि किस बीमारी का संबंध प्लास्टिक कंटेनर में पैक गर्म खाने से है:
बीमारी का नाम | संभावित कारण |
---|---|
ब्रेस्ट और प्रोस्टेट कैंसर | BPA और थैलेट्स की उपस्थिति |
थायराइड डिसऑर्डर | हार्मोनल असंतुलन |
बांझपन (Infertility) | प्रजनन तंत्र पर हानिकारक प्रभाव |
भ्रूण विकास में समस्या | गर्भावस्था के दौरान विषाक्त तत्वों का प्रभाव |
लिवर और किडनी डैमेज | विषैले रसायनों का संचय |
मेटाबॉलिक सिंड्रोम | प्लास्टिक टॉक्सिन से मेटाबॉलिक गड़बड़ी |
मोटापा और शुगर | इंसुलिन रिसिस्टेंस बढ़ने का खतरा |
प्लास्टिक कंटेनर पर छपा नंबर क्या बताता है?
हर प्लास्टिक कंटेनर के नीचे एक ट्रायंगल में एक नंबर छपा होता है, जो दर्शाता है कि वह प्लास्टिक किस प्रकार का है और क्या वह खाद्य उपयोग के लिए उपयुक्त है।
नंबर | प्रकार | उपयोगिता | स्वास्थ्य के लिए स्थिति |
---|---|---|---|
1 | PETE/PET | बोतलें, एक बार उपयोग | सीमित सुरक्षित |
2 | HDPE | दूध के डिब्बे, जूस कंटेनर | सुरक्षित |
3 | PVC | पाइप्स, टॉयज, फूड रैप्स | हानिकारक |
4 | LDPE | थैलियाँ, सॉफ्ट बोतलें | सीमित सुरक्षित |
5 | PP | टिफिन बॉक्स, दवाइयों की बोतलें | सुरक्षित |
6 | PS | थर्माकोल प्लेट, डिस्पोजेबल कप | विषाक्त, विशेष रूप से गर्म खाने के लिए खतरनाक |
7 | Other/Mixed | BPA प्लास्टिक, PC | अत्यधिक हानिकारक, भोजन के लिए अनुपयुक्त |
विशेषज्ञ मानते हैं कि नंबर 3, 6 और 7 वाले कंटेनर भोजन के लिए पूर्णतः अनुपयुक्त हैं और इनका उपयोग नहीं करना चाहिए।
सुरक्षित रहने के उपाय
1. रेस्टोरेंट से फूड ग्रेड कंटेनर की मांग करें
जब भी आप ऑनलाइन खाना ऑर्डर करें या किसी होटल से टिफिन लें, तो विशेष रूप से कहें कि फूड ग्रेड कंटेनर या एल्युमिनियम फॉयल का ही उपयोग किया जाए।
2. प्लास्टिक कंटेनर से तुरंत निकालें खाना
अगर खाना प्लास्टिक कंटेनर में आया हो, तो उसे तुरंत निकालकर कांच या स्टील के बर्तन में डाल दें। ज्यादा देर रखने से गर्मी के प्रभाव से रसायन खाना में मिल सकते हैं।
3. माइक्रोवेव में प्लास्टिक कंटेनर का उपयोग न करें
कई लोग सुविधा के लिए प्लास्टिक कंटेनर को सीधे माइक्रोवेव में रख देते हैं। यह आदत सबसे ज्यादा हानिकारक होती है, क्योंकि इससे विषैले रसायन निकल कर सीधे भोजन में मिल सकते हैं।
4. सिंगल यूज प्लास्टिक का पुनः उपयोग न करें
कई लोग एक बार उपयोग किए गए कंटेनर को बार-बार स्टोर करने या दोबारा गर्म करने के लिए उपयोग करते हैं। यह आदत शरीर के लिए धीरे-धीरे जहर का काम करती है।
विशेषज्ञों की राय
भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) एवं वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) दोनों ही यह स्पष्ट कर चुके हैं कि फूड ग्रेड प्लास्टिक के अलावा अन्य प्लास्टिक में खाना रखना असुरक्षित है।
एक मेडिकल रिसर्च के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति नियमित रूप से हफ्ते में 3-4 बार प्लास्टिक कंटेनर में भोजन करता है, तो उसके शरीर में BPA और थैलेट्स का स्तर 3 महीनों में सामान्य से 10 गुना तक बढ़ सकता है।
बच्चों और गर्भवती महिलाओं के लिए विशेष खतरा
- प्लास्टिक रसायनों के प्रभाव से गर्भ में पल रहे बच्चे के विकास पर असर पड़ सकता है।
- बच्चों के मस्तिष्क और हार्मोन ग्रंथि पर गहरा प्रभाव पड़ता है, जिससे भविष्य में शारीरिक और मानसिक समस्याएं हो सकती हैं।
विकल्प क्या हैं?
सामग्री का नाम | उपयोग के फायदे | नुकसान |
---|---|---|
कांच का कंटेनर | विषरहित, गर्म खाने के लिए उपयुक्त | नाजुक होता है |
स्टील का कंटेनर | मजबूत, गर्म और ठंडे दोनों प्रकार के खाने के लिए सुरक्षित | भारी होता है |
एल्युमिनियम फॉयल | हल्का, सुरक्षित | अधिक समय तक रखना सुरक्षित नहीं |
निष्कर्ष
रेस्टोरेंट से खाना मंगवाना आज के समय में आम है, लेकिन उसके साथ आने वाले प्लास्टिक कंटेनर आपकी सेहत को चुपचाप नुकसान पहुंचा रहे हैं। यदि आप अपनी और अपने परिवार की लंबी उम्र, अच्छा स्वास्थ्य और बीमारियों से दूरी चाहते हैं, तो आज से ही सजग हो जाएं।
- हर बार खाना मंगवाते समय कंटेनर का ध्यान रखें
- प्लास्टिक के नंबर को देखकर ही खाना रखें
- घर पर भी प्लास्टिक के बर्तन का कम से कम उपयोग करें
एक छोटी सी सावधानी आपको बड़ी बीमारियों से बचा सकती है।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)
प्रश्न 1: क्या सभी प्लास्टिक कंटेनर नुकसानदायक होते हैं?
उत्तर: नहीं, फूड ग्रेड प्लास्टिक जैसे नंबर 2 (HDPE) और 5 (PP) तुलनात्मक रूप से
सुरक्षित होते हैं, लेकिन फिर भी गर्म खाने के लिए इनका उपयोग नहीं करना चाहिए।
प्रश्न 2: माइक्रोवेव सेफ प्लास्टिक कंटेनर सुरक्षित हैं क्या?
उत्तर: यह पूरी तरह से सुरक्षित नहीं माने जाते। गर्मी से रासायनिक बदलाव हो सकते
हैं, इसलिए कांच या स्टील के बर्तनों का उपयोग बेहतर होता है।
प्रश्न 3: क्या एल्युमिनियम फॉयल प्लास्टिक से बेहतर है?
उत्तर: हाँ, कम समय के लिए भोजन को सुरक्षित रखने के लिए एल्युमिनियम फॉयल
प्लास्टिक से अधिक सुरक्षित विकल्प है।
प्रश्न 4: प्लास्टिक कंटेनर का उपयोग एक बार करके फेंक देना चाहिए?
उत्तर: यदि वह फूड ग्रेड नहीं है या नंबर 3, 6 या 7 है तो उसे तुरंत फेंक देना
चाहिए।
NOTE : यहां दी गई जानकारी एक सामान्य अनुमान और धारणा ओ के आधारित हे किसी भी जानाकरी कोई निष्कर्ष पर कृपया ना पोहचे। जानकारी के अनुरूप Expert की सलाह जरूर ले. धन्यवाद
Post a Comment