Okha ओखा और Bet Dwarka बेट द्वारका को जोड़ने वाले Sudarshan Bridge सुदर्शन
ब्रिज के जोड़ टूटने के बाद उसकी मरम्मत की गई है। पीएम मोदी के उद्घाटन के पांच
महीने के अंदर ही 950 करोड़ की लागत से पुल का निर्माण जोरों पर नजर आने लगा।
बरसात की शुरुआत में सुरक्षा दीवार गिरने के बाद पुल के घटिया कार्य के कारण लोहे
की सरिया दिखने लगी थी।
Dwarka द्वारका जिले में पिछले पांच दिनों से हो रही लगातार बारिश के कारण कई
सड़कें टूट गई हैं। ओखा और बेट द्वारका को जोड़ने वाले सुदर्शन ब्रिज में कई
जगहों पर गैप था। पुल के जोड़ टूटकर गिरने और पुल की छड़ें बाहर निकलने का वीडियो
सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। इसके अलावा कांग्रेस नेता अमित चावड़ा ने भी ट्वीट
किया है, 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भ्रष्टाचार देखिए। चार महीने पहले जिस
सिग्नेचर ब्रिज का उद्घाटन प्रधानमंत्री ने किया था, उसमें पहली बारिश में ही
खामियां नजर आने लगी हैं।' इस मुद्दे पर निशाना साधा।
देखिए @narendramodi जी का गुजरात का करप्शन मॉडल ।
— Amit Chavda (@AmitChavdaINC) July 24, 2024
५ महीने पहले प्रधानमंत्री जी द्वारा उदघाटन किये गये द्वारका ब्रिज में पहली ही बारीश में गड़े पड़ना शुरू हो हुआ ।#curruption #Gujarat https://t.co/9TpgkZZ2Y5 pic.twitter.com/lQkPdlnIda
निर्माण कंपनी के कामकाज पर सवाल
सुदर्शन ब्रिज के निर्माण का काम एसपी सिंगला कंस्ट्रक्शन कंपनी को सौंपा गया था।
यह कंपनी बड़े पुल बनाने के लिए जानी जाती है। जब यहां सुदर्शन ब्रिज का काम चल
रहा था, इसी दौरान बिहार में गंगा नदी पर इस कंपनी द्वारा बनाया गया ब्रिज ढह
गया। इस घटना के बाद इस कंपनी से सुदर्शन सेतु का प्रोजेक्ट वापस लेने की अटकलें
भी शुरू हो गईं।
इससे पहले सुदर्शन ब्रिज की सुरक्षा दीवार ढह गई
बरसात की शुरुआत में ही सुदर्शन पुल की सुरक्षा दीवार ढह गई। इसलिए भ्रष्टाचार का
विवरण सामने आने से पहले तत्काल सुरक्षा दीवार लगा दी गई। सुदर्शन सेतु के घटिया
निर्माण का मुद्दा पूरे द्वारका पंथक में चर्चा का विषय बन रहा था क्योंकि
मेघराजा ने सुदर्शन सेतु के निर्माण पोल का अनावरण किया था।
આજે દ્વારકા ખાતે “સુદર્શન સેતુ” નું ઉદ્ઘાટન કરતા ખૂબજ આનંદ થયો.
— Narendra Modi (@narendramodi) February 25, 2024
આ સેતુનું નિર્માણ એ વિકાસ માટેની અમારી પ્રતિબદ્ધતા દર્શાવે છે અને આનાથી પ્રવાસન પ્રવૃત્તિને મોટા પ્રમાણમાં વેગ મળશે. pic.twitter.com/Cv9X0by8Vb
2017-18 से ओखा और बेट द्वारका के बीच सिग्नेचर ब्रिज बनाया गया
द्वारका से 33 कि.मी. दुर बेट द्वारका को भगवान द्वारकाधीश का निवास स्थान माना
जाता है। बेट द्वारका द्वीप का क्षेत्रफल 25-30 वर्ग किलोमीटर है। जब विश्व हिंदू
परिषद के मंत्री और इतिहासकार विद के का शास्त्री 100 वर्ष के हुए, तो उन्होंने
2002 में अहमदाबाद के टैगोर हॉल में सार्वजनिक रूप से नरेंद्र मोदी सरकार के
सामने द्वारका को विकसित करने की योजना प्रस्तुत की। 20 साल तक कुछ नहीं हुआ।
प्रधानमंत्री ने सितंबर 2017 में घोषणा की थी कि ओखा से बेट द्वारका तक समुद्री
मार्ग को सड़क मार्ग से जोड़ा जाएगा।
बेट द्वारका पुल का काम बिना अनुमति के शुरू कर दिया गया
गुजरात तटीय क्षेत्र प्रबंधन प्राधिकरण और राज्य पर्यावरण प्रभाव आकलन प्राधिकरण
की मंजूरी नहीं ली गई। हस्ताक्षर परियोजना पारिस्थितिक रूप से संवेदनशील क्षेत्र
में बनाई गई थी। पारिस्थितिक रूप से संवेदनशील क्षेत्र घोषित किया गया है। समग्र
मंजूरी नहीं दी गई।
जामनगर के सड़क और भवन विभाग द्वारा पर्यावरण निगरानी और
प्रबंधन के लिए एक योग्य अधिकारी के नेतृत्व में एक स्वतंत्र पर्यावरण प्रबंधन
सेल स्थापित करने का आदेश दिया गया था। Signature Bridge के निर्माण के दौरान
पर्यावरणीय प्रभावों का अध्ययन किया जाना है। पुल के निर्माण की जिम्मेदारी
जामनगर के सड़क एवं भवन कार्यालय की है।
મોદીજી ના ડ્રિમ પ્રોજેકટ સુદર્શન બ્રીજ (દ્વારકા) એક જ વરસાદ મા સળિયા દેખાયા
— Mohmadiliyas Malek (@iliyas_Malek123) July 24, 2024
1000 કરોડ ના સપના ના બ્રિજ ના એક જ વરસાદ માં ગાબડા પડી ગયા@shaktisinhgohil @AmitChavdaINC @INCGujarat pic.twitter.com/WvjsoCN9Ux
भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) ने बताया है कि देवभूमि द्वारका जिले
में बेट द्वारका और ओखा शहर के बीच निर्माणाधीन "सिग्नेचर ब्रिज" को पर्यावरण की
दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्र में बनाए जाने के बावजूद पर्यावरणीय मंजूरी नहीं
मिली है।
NOTE : यहां दी गई जानकारी एक सामान्य अनुमान और धारणा ओ के आधारित हे किसी भी जानाकरी कोई निष्कर्ष पर कृपया ना पोहचे। जानकारी के अनुरूप Expert की सलाह जरूर ले. धन्यवाद
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