सोनल माताजी की 98वीं जयंती 2024 Live



 खंभालिया में चारण समाज द्वारा सोनल माताजी की 98वीं जयंती भव्य रूप से मनाई गई। सोनल बिज के चारण समाज (गढ़वी) द्वारा आज खंभालिया में सोनल माताजी की 98वीं जयंती के अवसर पर भव्य उत्सव मनाया गया।देखा गया।

सोनल माताजी की 98वीं जयंती 2024 Live


सोनल बिज का एक और महत्व सौराष्ट्र कच्छ और विदेशों में रहने वाले चरण गढ़वी समुदाय का है। माताजी का मुख्य मंदिर जूनागढ़ के पास मढ़ा गांव में है जहां मैं सोनल माताजी की बहन पूज्य बानू 96 वर्ष की उम्र में आज भी माताजी के वास्तविक रूप में यहां जीवित हूं। सोनल बीजा के दिन समस्त चारण समाज द्वारा बड़ी संख्या में चारण समूह आद्यादेवी प्रथम सोनबाई माताजी का गुणगान करने आते हैं।

98 में जन्मोत्सव समस्त गड़वी समाज द्वारा मनाया गया

समस्त गड़वी समाज द्वारा आई सोनल धाम में माताजी की 98वीं जयंती मनाई गई। सुबह-सुबह माताजी की शोभा यात्रा में बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए। सोनल मंदिर में आरती एवं सामूहिक भोजन (प्रसाद) का आनंद चारण समाज एवं अधर वर्ण के लोगों ने लिया, दोपहर में पारंपरिक वेशभूषा में चारणी समाज का पारंपरिक चारणी खेल हुआ।

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मढडा वाली माँ श्री Sonal Dhaam मात्र 653 लोगों की आबादी वाला यह गांव जहां एक दैवीय आदिम शक्ति का जन्म हुआ जिसे माँ श्री Sonal Mataji के नाम से जाना जाता है। चरण समाज की माँ श्री Sonal पर अटूट आस्था है जिसके कारण माँ श्री Sonal Dhaam साल भर लाखों की संख्या में धड़क रहा है।

मंदिर में बिरजीत आई Sonal की दयालु मूर्ति को श्रद्धांजलि देने के लिए भक्त हर दिन मंदिर में आते हैं। 20 बीघा में फैला यह मंदिर भक्तों के सम्मान में एक परमात्मा है। Sonal Mataji को श्रद्धांजलि देने के लिए देश भर से भक्त आते हैं। इसी गांव में Sonal Mataji का जन्म हुआ था। माताजी का जन्म एक सामान्य इंसान की तरह ही हुआ था और उन्होंने दुनिया में कई लोगों को लाभान्वित किया है। Sonal Mataji के भक्त पूरी दुनिया में फैले हुए हैं। इन सभी भक्तों की माताजी में गहरी आस्था है। माताजी के आदेश के बिना कोई काम नहीं करता।


NOTE : यहां दी गई जानकारी एक सामान्य अनुमान और धारणा ओ के आधारित हे किसी भी जानाकरी कोई निष्कर्ष पर कृपया ना पोहचे। जानकारी के अनुरूप Expert की सलाह जरूर ले. धन्यवाद

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