लॉकडाउन ने तंबाकू (Tobacco) के आदी लोगों की हालत और खराब कर दी है। जिनके मुंह में प्रतिदिन पचास-सौ रुपये का मावा खाते हैं, वे इस समय एक-दो महीने से बिना मावा के हैं। पान-मावा की बिक्री बंद होने से तंबाकू (Tobacco) और सुपारी की कालाबाजारी भी कुछ हद तक बढ़ गई है। एक किलो सुपारी बारहसो पंद्रहसौ रुपये की कीमत पर बेचा जाता है।
इन सबका समाधान क्या है? मावा खाना बंद करना ही एकमात्र उपाय है! यहां कहना आसान है लेकिन नशेड़ी के लिए आसान नहीं है। मावा खाने वाला हर आदमी जानता है कि इस तंबाकू में निकोटिन एक दिन उसका टिकट काट देगा। लेकिन लोग हार नहीं मानते। लेकिन कुछ ऐसा होता है कि, अगर मुंह में कुछ ऐसा है जिसका स्वाद अदल मावा जैसा है, लेकिन वह चीज मावा जितनी हानिकारक नहीं है, इसके विपरीत यह शरीर के लिए फायदेमंद है? अगर ऐसा हुआ तो मावा को नशे की लत से मुक्ति मिलेगी या नहीं? कोई ज़रुरत नहीं है! क्योंकि लोग सोचते हैं कि हम सिर्फ मावा खा रहे हैं!
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यह अनोखा प्रकार, लेकिन इसका स्वाद बिल्कुल मावा जैसा है, लेकिन शरीर के लिए बिल्कुल भी हानिकारक नहीं है, हर्बल मावा (Herbal Mawa) है! यहां हर्बल मावा (Herbal Mawa) के बारे में सारी जानकारी दी गई है, जिसे आप घर पर बना सकते हैं।
हर्बल मावा (Herbal Mawa) कौन बनाता है?
जूनागढ़ के जंजारदा रोड पर गोकुलधाम-2 नामक सोसायटी के निवासियों ने एक नई पहल शुरू की है: हर्बल मावा (Herbal Mawa) बनाने के लिए! इस मावा को बनाने वाले मुख्य रसायनज्ञ कांतिभाई जंजारुकिया हैं। लॉकडाउन में मसाले की दुकानों के शटर गिरने के बाद यहां हर्बल मावा (Herbal Mawa) खूब बिक गया।। हैरानी की बात यह है कि इस मावा को खाने वाले 90% लोगों ने एक बार इस निकोटीन युक्त मावा को खाना बंद कर दिया था! लोग कहते हैं कि इस मावा का स्वाद बिल्कुल तंबाकू मावा जैसा होता है, फर्क इतना है कि इसमें तंबाकू नहीं होता!
हर्बल मावा (Herbal Mawa) कैसा है?
हर्बल मावा (Herbal Mawa) में करीब एक दर्जन व्यंजन मिलाए जाते हैं जिसका स्वाद तंबाकू मावा जैसा होता है। और मिश्रण का स्वाद जीभ को भी भाता है। हर्बल मावा (Herbal Mawa) में सूखे सुपारी, भुनी हुई सौंफ, कुचली हुई लौंग, अजमान पाउडर, कपूर, जेठी शहद, लिंडी काली मिर्च, इज्मत फूल, पत्ती के टुकड़े और अमृत शामिल हैं।
हर्बल मावा (Herbal Mawa) की कीमत क्या है?
लोगों का कहना है कि फिलहाल काला बाजार में मावा की कीमत 50 रुपये से 70 रुपये के बीच पहुंच गई है। इसकी तुलना में, हर्बल मावा (Herbal Mawa) सस्ता है, बहुत सस्ता है! एक हर्बल पेस्ट की कीमत लगभग रुपये 5 से 7 है। कांतिभाई कहते हैं, ''हमने सोचकर कीमत कम की है, गुणवत्ता में कोई अंतर नहीं है.'' अगर आप इस मावा मिश्रण का एक पैकेट खरीदना चाहते हैं, तो यह आपको 450 रुपये में मिल सकता है, जिसमें से आप घर पर लगभग 50-60 मावा बना सकते हैं! जब निकोटीन की कीमत आसमान छूती है, तो क्या आप शरीर के लिए उपयोगी किसी चीज पर 5-6 रुपये बर्बाद करना चुनेंगे?
थूकने की जरूरत नहीं!
अब गुजरात के महानगरों और शहरों में थूकने पर कठोर जुर्माना लगाया गया है। शहर के बाकी हिस्सों में जहां-जहां भूरी दीवारें खड़ी की गई हैं, वहां मावा खाने वालों ने काम किया है। खाना और थूकना अनिवार्य है! जबकि हर्बल मावा (Herbal Mawa) एक और प्लस है। इस मावा को खाने और लार को निगलने से होता है उल्टा फायदा! अंदर जड़ी-बूटियां ही चलेंगी, जिसका स्वागत करने के लिए शरीर भी तैयार है।
कांतिभाई जंजरुकिया ने अक्सर गुजरात के विभिन्न शहरों में हर्बल मावा (Herbal Mawa) पर डेमो दिए हैं। पहले लोग अच्छी बातों पर संदेह करते थे, लेकिन अब उन्हें कोई आपत्ति नहीं है। कांतिभाई उन लोगों को मुफ्त मावा देते हैं जो पहली बार हर्बल मावा (Herbal Mawa) का सेवन करना चाहते हैं। परिणाम यह होता है कि व्यक्ति तंबाकू युक्त मावा का त्याग कर इस औषधीय मावा का सेवन करता है!
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कांतिभाई जंजारुकिया के अनुसार, व्यसन छोड़ने का यह सबसे अच्छा तरीका है। उनके अनुसार 90% स्वाद अदल मावा जैसा होता है। नशा करना है तो दस प्रतिशत थोडा सा मन से सामंजस्य बिठाना पड़ेगा ! गौरतलब है कि इस मावा में इस्तेमाल होने वाली जड़ी-बूटियों को इकट्ठा करके आप घर पर भी इस मावा को तैयार कर सकते हैं।
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NOTE : यहां दी गई जानकारी एक सामान्य अनुमान और धारणा ओ के आधारित हे किसी भी जानाकरी कोई निष्कर्ष पर कृपया ना पोहचे। जानकारी के अनुरूप Expert की सलाह जरूर ले. धन्यवाद
BHAI, RAJKOT MA MALE?
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