गंभीर वित्तीय संकट से जूझ रहे प्राइवेट सेक्टर के Yes Bank को RBI ने प्रतिबंधित कर दिया है। RBI के इस प्रतिबंध के बाद, कोई भी खाताधारक अपने खाते से 50,000 रुपये से अधिक नहीं निकाल सकता है। रिज़र्व बैंक ने सरकार के परामर्श के बाद, बैंक के निदेशक मंडल को तोड़ते हुए यह निर्णय लिया। इस फैसले से कल देर रात अहमदाबाद में बैंक के एटीएम के बाहर लंबी कतार देखी गई। दूसरी ओर, राजकोट के रेसकोर्स में यस बैंक में भी पैसे जुटाने के लिए लोगों की लाइनें लगी हैं। लोग एटीएम से पैसे निकाल रहे हैं। जैसे-जैसे लोगों को पता चल रहा है, लोग एटीएम तक पहुंच रहे हैं
RBI ने यह फैसला बैंक की खराब वित्तीय स्थिति को देखते हुए लिया है। एसबीआई के पूर्व मुख्य वित्तीय अधिकारी प्रशांत कुमार को Yes Bank का प्रशासक नियुक्त किया गया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, जमाकर्ता अपनी बचत, चालू या अन्य जमा खाते में 50,000 रुपये से अधिक नहीं निकाल पाएंगे। अधिसूचना में कहा गया है कि अगर किसी व्यक्ति का Yes Bank News में एक से अधिक खाता है, तो भी सभी खाते मिलकर कुल 50 हजार रुपये निकाल सकेंगे।
सूत्रों ने गुरुवार को कहा कि भारतीय स्टेट बैंक और अन्य वित्तीय संस्थान यस बैंक के साथ मिलकर इस स्थिति से बाहर निकल सकते हैं। मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि एसबीआई को केंद्र सरकार से इसकी मंजूरी मिल गई है।
यस बैंक से 50,000 रुपये से अधिक निकाल नहीं सकेंगे। आपके कितने भी खाते हो बैंक में
कुछ परिस्थितियों में खाताधारक अपने खाते से 50,000 रुपये से अधिक निकाल सकेंगे।
कब निकाल सकते है 50000 से ज्यादा ?
1. यदि जमाकर्ता या कोई व्यक्ति जो वास्तव में उसके / उसके आश्रित है, के लिए एक चिकित्सा व्यय होना है।
2. भारत या भारत के बाहर शिक्षा पर खर्च करने के लिए जमाकर्ता या उस पर निर्भर वास्तविक व्यक्ति पर निर्भर करता है।
3. खाताधारक जमाकर्ता या उस पर आश्रित व्यक्ति के आधार पर शादी या अन्य समारोह होने पर 50 हजार से अधिक रुपये निकाल सकते हैं।
खाता धारकों की बैंक से पैसा निकालने की सीमा 50 हजार रुपए महीना तय कर दी गई है. विशेष परिस्थितियों में 5 लाख रुपए तक खाते से निकाले जा सकते हैं. विशेष परिस्थिति का मतलब, पढ़ाई, इलाज और शादी है.
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Yes Bank क्या है पूरा मामला ?
RBI ने यह फैसला बैंक की खराब वित्तीय स्थिति को देखते हुए लिया है। एसबीआई के पूर्व मुख्य वित्तीय अधिकारी प्रशांत कुमार को Yes Bank का प्रशासक नियुक्त किया गया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, जमाकर्ता अपनी बचत, चालू या अन्य जमा खाते में 50,000 रुपये से अधिक नहीं निकाल पाएंगे। अधिसूचना में कहा गया है कि अगर किसी व्यक्ति का Yes Bank News में एक से अधिक खाता है, तो भी सभी खाते मिलकर कुल 50 हजार रुपये निकाल सकेंगे।
सूत्रों ने गुरुवार को कहा कि भारतीय स्टेट बैंक और अन्य वित्तीय संस्थान यस बैंक के साथ मिलकर इस स्थिति से बाहर निकल सकते हैं। मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि एसबीआई को केंद्र सरकार से इसकी मंजूरी मिल गई है।
Yes Bank कितने पैसे निकाल सकेंगे ?
अधिसूचना में दी गई जानकारी के अनुसार,यस बैंक से 50,000 रुपये से अधिक निकाल नहीं सकेंगे। आपके कितने भी खाते हो बैंक में
कुछ परिस्थितियों में खाताधारक अपने खाते से 50,000 रुपये से अधिक निकाल सकेंगे।
कब निकाल सकते है 50000 से ज्यादा ?
1. यदि जमाकर्ता या कोई व्यक्ति जो वास्तव में उसके / उसके आश्रित है, के लिए एक चिकित्सा व्यय होना है।
2. भारत या भारत के बाहर शिक्षा पर खर्च करने के लिए जमाकर्ता या उस पर निर्भर वास्तविक व्यक्ति पर निर्भर करता है।
3. खाताधारक जमाकर्ता या उस पर आश्रित व्यक्ति के आधार पर शादी या अन्य समारोह होने पर 50 हजार से अधिक रुपये निकाल सकते हैं।
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Yes Bank पर RBI का फैसला क्या है?
2019 में 3 लाख 80 हजार 826 करोड़ रुपए की पूंजी वाले यस बैंक पर 2 लाख 41 हजार 500 करोड़ रुपए का कर्ज है. बैंक का एनपीए बढ़ा तो RBI ने कमान अपने हाथ में ली. बैंक के निदेशक मंडल को 30 दिन के लिए भंग किया है. बैंक की देखरेख के लिए प्रशासक नियुक्त किया गया. SBI के पूर्व डिप्टी मैनेजिंग डायरेक्टर और चीफ फाइनेनशियल ऑफिसर प्रशांत कुमार यस बैंक के नए प्रशासक हैं.खाता धारकों की बैंक से पैसा निकालने की सीमा 50 हजार रुपए महीना तय कर दी गई है. विशेष परिस्थितियों में 5 लाख रुपए तक खाते से निकाले जा सकते हैं. विशेष परिस्थिति का मतलब, पढ़ाई, इलाज और शादी है.
RBI को क्यों उठाना पड़ा ऐसा कदम?
आरबीआई ने कदम इसलिए उठाया है ताकि बैंक की वित्तीय हालत को सुधारा जा सके. खाता धारकों के पैसों को डूबने से बचाया जा सके. RBI को ग्राहकों और बैंक की मदद के इसलिए आना पड़ा क्योंकि 2004 में शुरू हुए यस बैंक की आर्थिक आर्थिक हालत ठीक नहीं थी.Yes Bank कब से गड़बड़ी कर रहा था?
बैंक पर कर्ज का बोझ बढ़ा रहा था और बैंक के शेयर लगातार गिर रहे थे. ग्राहकों को अपने पैसों की चिंता हो रही थी. 2018 से RBI को लग रहा था कि बैंक अपने NPA और बैलेंसशीट में गड़बड़ी की है. इसके बाद RBI के दबाव में यस बैंक के चेयरमैन राणा कपूर को पद छोड़ना पड़ा.NOTE : यहां दी गई जानकारी एक सामान्य अनुमान और धारणा ओ के आधारित हे किसी भी जानाकरी कोई निष्कर्ष पर कृपया ना पोहचे। जानकारी के अनुरूप Expert की सलाह जरूर ले. धन्यवाद
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