अब Tik Tok नहीं होगा भारत में डाउनलोड ? - ये तरीके से कर सकते है डाउनलोड
TikTok काफी पॉपुलर ऐप बन चुकी है, इस ऐप को दुनियाभर में करीब 100 करोड़ से ज्यादा बार डाउनलोड भी किया जा चुका है। लेकिन अब TikTok को तगड़ा झटका लगा है। भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) ने Google और Apple से ये एप हटाने को कहा है। इससे पहले सोमवार को सुप्रीम कोर्ट कोर्ट ने कहा था कि यह चाइनीज एप बच्चों के लिए खतरनाक है।
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को मद्रास हाई कोर्ट की तरफ से इस एप पर लगाई गई पाबंदी पर स्टे देने से इनकार कर दिया था। इसके बाद मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स ऐंड इंफॉर्मेशन टेक्नॉलजी (Meity) ने यह कदम उठाया है। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अगुवाई वाली बेंच ने इस मामले की सुनवाई की अगली तारीख 22 अप्रैल रखी है, क्योंकि मद्रास हाई कोर्ट 16 अप्रैल को इस मामले की सुनवाई कर सकता है। याद रहे जिन लोगों के फ़ोन में पहले से ही TikTok एप डाउनलोड है, केवल वही इसका इस्तेमाल कर सकेंगे। नए यूजर्स इसे डाउनलोड नहीं कर सकेंगे।
मद्रास हाईकोर्ट की मदुरै पीठ ने 3 अप्रैल को एक आदेश पारित कर सरकार को आदेश दिया था कि देश में TikTok के डाउनलोड पर रोक लगाई जाए। फिर इस मामले को सुप्रीम कोर्ट ले जाया गया, जिसने इस आधार पर आदेश को रोकने से इनकार कर दिया कि यह मामला अभी भी विचाराधीन है।
वहीं न्यूज रिपोर्ट्स के मुताबिक TikTok ने अपने बचाव में कहा है कि इसे उस तरह की सामग्री के लिए उत्तरदायी नहीं ठहराया जा सकता है, जो प्लेटफ़ॉर्म पर अन्य लोगों द्वारा अपलोड किया जाता है।
आपको बता दें कि TikTok कंपनी के अधिकार चीनी कंपनी बाइटडांस (Bytedance) के पास है, जो दुनिया की सबसे ज्यादा वैल्यू वाली स्टार्टअप कंपनी है। पिछले एक साल में TikTok ऐप तेजी से लोकप्रिय हुआ है। पहले इसका नाम musically रखा गया था लेकिन बाद इस नाम को बदलकर TikTok कर दिया गया। इस ऐप को दुनियाभर में तकरीबन 100 करोड़ से ज्यादा बार डाउनलोड किया जा चुका है।
वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी इस मामले में टिकटॉक पर मालिकाना हक वाली कंपनी बाइट डांस की ओर से पेश हुए। उन्होंने कहा कि इस एप को एक अरब से भी ज्यादा बार डाउनलोड किया जा चुका है। मद्रास उच्च न्यायालय की मदुरै पीठ ने इस मामले में दूसरे पक्ष की अनुपस्थिति में एक तरफा फैसला सुनाया है।
उन्होंने कहा कि अदालत ने इस संबंध में कोई नोटिस जारी नहीं किया और उनकी दलील सुने बिना ही आदेश जारी कर दिया। पीठ ने कहा कि यह मामला इस समय उच्च न्यायालय के विचाराधीन है और प्रतिबंध का आदेश मात्र एक अंतरिम आदेश है। पीठ ने कहा कि हम मामले को बंद नहीं कर रहे हैं। पहले उच्च अदालत को मामले पर विचार कर लेने दीजिए। हम इस पर अगली सुनवायी 22 अप्रैल को करेंगे।
अमेरिका में टिक टॉक ऐप को लेकर काफी आलोचना हुई है। बीते साल इंडोनेशिया की सरकार ने 1,70,00 लोगों के अपील पर हस्ताक्षर करने के बाद टिक टॉक को बैन कर दिया। इंडोनेशिया की सरकार ने कहा कि टिक टॉक बच्चों के लिए ठीक नहीं है। हालांकि, बाद में बैन हटा दिया गया जब टिक टॉक के अधिकारियों ने आपत्तिजनक कंटेंट हटाने का वादा किया।
1. अपने मोबाइल मैं अमेज़ॅन अप्प स्टोर से डाउनलोड करे
2. tik tok ऐप सर्च करे
3. Select Buy Now, Get Now, or Download.
2. अमेज़ॉन वेबसाइट पर जाए
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ये वेबसाइट आपको टिक टोक का Tik Tok Latest Version फ्री में देंगा.
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को मद्रास हाई कोर्ट की तरफ से इस एप पर लगाई गई पाबंदी पर स्टे देने से इनकार कर दिया था। इसके बाद मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स ऐंड इंफॉर्मेशन टेक्नॉलजी (Meity) ने यह कदम उठाया है। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अगुवाई वाली बेंच ने इस मामले की सुनवाई की अगली तारीख 22 अप्रैल रखी है, क्योंकि मद्रास हाई कोर्ट 16 अप्रैल को इस मामले की सुनवाई कर सकता है। याद रहे जिन लोगों के फ़ोन में पहले से ही TikTok एप डाउनलोड है, केवल वही इसका इस्तेमाल कर सकेंगे। नए यूजर्स इसे डाउनलोड नहीं कर सकेंगे।
वहीं न्यूज रिपोर्ट्स के मुताबिक TikTok ने अपने बचाव में कहा है कि इसे उस तरह की सामग्री के लिए उत्तरदायी नहीं ठहराया जा सकता है, जो प्लेटफ़ॉर्म पर अन्य लोगों द्वारा अपलोड किया जाता है।
आपको बता दें कि TikTok कंपनी के अधिकार चीनी कंपनी बाइटडांस (Bytedance) के पास है, जो दुनिया की सबसे ज्यादा वैल्यू वाली स्टार्टअप कंपनी है। पिछले एक साल में TikTok ऐप तेजी से लोकप्रिय हुआ है। पहले इसका नाम musically रखा गया था लेकिन बाद इस नाम को बदलकर TikTok कर दिया गया। इस ऐप को दुनियाभर में तकरीबन 100 करोड़ से ज्यादा बार डाउनलोड किया जा चुका है।
वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी इस मामले में टिकटॉक पर मालिकाना हक वाली कंपनी बाइट डांस की ओर से पेश हुए। उन्होंने कहा कि इस एप को एक अरब से भी ज्यादा बार डाउनलोड किया जा चुका है। मद्रास उच्च न्यायालय की मदुरै पीठ ने इस मामले में दूसरे पक्ष की अनुपस्थिति में एक तरफा फैसला सुनाया है।
उन्होंने कहा कि अदालत ने इस संबंध में कोई नोटिस जारी नहीं किया और उनकी दलील सुने बिना ही आदेश जारी कर दिया। पीठ ने कहा कि यह मामला इस समय उच्च न्यायालय के विचाराधीन है और प्रतिबंध का आदेश मात्र एक अंतरिम आदेश है। पीठ ने कहा कि हम मामले को बंद नहीं कर रहे हैं। पहले उच्च अदालत को मामले पर विचार कर लेने दीजिए। हम इस पर अगली सुनवायी 22 अप्रैल को करेंगे।
अमेरिका में टिक टॉक ऐप को लेकर काफी आलोचना हुई है। बीते साल इंडोनेशिया की सरकार ने 1,70,00 लोगों के अपील पर हस्ताक्षर करने के बाद टिक टॉक को बैन कर दिया। इंडोनेशिया की सरकार ने कहा कि टिक टॉक बच्चों के लिए ठीक नहीं है। हालांकि, बाद में बैन हटा दिया गया जब टिक टॉक के अधिकारियों ने आपत्तिजनक कंटेंट हटाने का वादा किया।
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Note :
किसी भी हेल्थ टिप्स को अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह अवश्य ले. क्योकि आपके शरीर के अनुसार क्या उचित है या कितना उचित है वो आपके डॉक्टर के अलावा कोई बेहतर नहीं जानता
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