मां बनने के बाद औरत को (Job) काम पर लौटना सही या गलत? कैसे ले फैसला



इस दुनिया में मां बनने का अहसास हर महिला के लिए खास होता है. एक नन्हे से बच्चे को जन्म देना कोई आसान बात नहीं. बच्चे को जन्म देने के बाद एक महिला की जिंदगी बदल जाती है. हमारे देश में बच्चे को जन्म देने के बाद कई महिलाएं को नौकरी छोड़नी पड़ती है. समाज भी एक महिला से अपेक्षा रखता है कि वो नौकरी छोड़कर बच्चे पर ध्यान दे.

 मां बनने के बाद औरत को (Job) काम पर लौटना सही या गलत? कैसे ले फैसला


ब्रिटेन में हुए शोध के मुताबिक बच्चा होने के बाद महिलाओं की प्राथमिकताएं बदल जाती हैं. बच्चों की शुरुआती जिम्मेदारी संभालना मां का काम बन जाता है. इसका शारीरिक और मानसिक तौर पर प्रभाव रहता है. कई जगहों पर लोग मां को सलाह देते हैं कि पति अच्छा काम कर रहा है. उन्हें नौकरी करने की क्या जरूरत है. मां बनने के बाद एक महिला खुद पर ध्यान देना छोड़ देती है. एक शोध के अनुसार कई महिलाओं ने माना कि मां बनने के बाद उनकी सोशल लाइफ खत्म हो गई है. कई संस्थानों में महिलाओं पर नौकरी छोड़ने का दबाव बनाया जाता है. घर, समाज और दफ्तर पर सुविधा और सपोर्ट ना मिलने के कारण महिलाओं को नौकरी छोड़नी पड़ती है.


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कई देशों में मां बनने के बाद मिलती है कई सुविधाएं

भारत और विदेशों में महिलाओं के मां बनने के बाद की स्थिती में फर्क है. कई देशों में ये ध्यान रखा जाता है कि महिला को मां बनने के बाद अपने करियर से समझौता ना करना पड़े. ऐसा करने से महिला और उसके बच्चे दोनों का संपूर्ण विकास होता है. उदाहरण के लिए फ्रांस जैसे देशों में नवजात बच्चे की मां ऑफिस मेंं कामकाज के बीच भी बच्चे को अपना दूध पिला सकती है. उसे एक दो बार देखकर आ सकती है.

जर्मनी में बच्चे के जन्म से तीन साल तक की छुट्टी मिलती है. इनमें पहले 26 हफ्ते ही पूरा वेतन जबकि बाद के 26 हफ्ते में कम वेतन मिलता है. दो साल कोई वेतन नहीं मिलता लेकिन नौकरी बरकरार रहती है.

भारत में बदल रही है सोच, लेकिन पिता को भी मिले देखरेख का अधिकार

मैटर्निटी बैनिफिट एक्ट के अनुसार कामकाजी महिला को 26 हफ्ते का अवकाश मिल सकेगा. इसके बाद से महिलाओं को काम पर लौटने के बाद अपने बच्चे को भी देखने की आसानी होती है. जब महिला काम पर लौटती है तब वो नर्सिंग ब्रेक ले सकती है. जब तक बच्चा 15 महीने का ना हो जाए वो दिन में दो बार बच्चे की देखरेख के लिए काम से ब्रेक ले सकती है. महिलाओं के साथ-साथ पुरुषों को भी उनका साथ देना चाहिए. सरकार को पैटर्निटी लीव पर भी ध्यान देने की जरूरत है. फेसबुक के मालिक मार्क जुकर्रबर्ग ने पैटर्निटी लीव देने की मिसाल कायम की थी. मां के साथ-साथ पिता का भी अधिकार है कि वो अपने बच्चे को समय दे. खासकर नवजात बच्चे की देखरेख में अपनी पत्नी की मदद करें

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NOTE : यहां दी गई जानकारी एक सामान्य अनुमान और धारणा ओ के आधारित हे किसी भी जानाकरी कोई निष्कर्ष पर कृपया ना पोहचे। जानकारी के अनुरूप Expert की सलाह जरूर ले. धन्यवाद

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