क्या आप भी सफेद पास्ता और चावल खाने की शौकीन हैं? अगर हां तो आपको इसे तुरंत बंद कर देना चाहिए. हाल ही में आई रिसर्च के मुताबिक, सफेद पास्ता खाने से महिलाओं को समय से पहले मीनोपोज होने का डर रहता है. जानिए, क्या कहती है ये रिसर्च
क्या आप भी सफेद पास्ता और चावल खाने की शौकीन हैं? अगर हां तो आपको इसे तुरंत बंद कर देना चाहिए. हाल ही में आई रिसर्च के मुताबिक, सफेद पास्ता खाने से महिलाओं को समय से पहले मीनोपोज होने का डर रहता है. जानिए, क्या कहती है ये रिसर्च.
क्या कहती है रिसर्च
ब्रिटेन में हुए एक शोध में चेतावनी दी गई है कि सफेद पास्ता और चावल के अधिक सेवन से मीनोपोज समय से करीब डेढ़ वर्ष पहले हो सकती है.
इन चीजों को खाने से मीनोपोज होगा देर से-
एपिडेमिलॉजी एंड कम्युनिटी हैल्थ नाम के जर्नल में प्रकाशित शोध में पता चला है कि सेहतमंद चीजें मसलन ऑयली फिश और ताजी फलियां जैसे कि मटर और हरे बीन्स खाने से मीनोपोज देर से होती है.
क्यों की गई रिसर्च-
यूनिवर्सिटी ऑफ लीड्स के शोधकर्ताओं ने खानपान और मीनोपोज के बीच संबंध तलाशा. इस शोध में ब्रिटेन में रहने वाली 14,150 महिलाओं को शामिल किया गया.
क्या कहते हैं शोधकर्ता-
शोधकर्ता याश्वी डननेराम का कहना है कि यह इस किस्म का पहला शोध है जिसमें ब्रिटेन की महिलाओं में न्यूट्रिशंस, खाद्य समूहों की विविधता और नेचुरल मीनोपोज की आयु के बीच संबंध तलाशा गया.
कैसे की गई रिसर्च-
खानपान संबंधी प्रश्नावली के अलावा महिलाओं के प्रजनन के इतिहास और सेहत के बारे में जानकारी जुटाई गई. चार वर्ष बाद शोधकर्ताओं ने उन महिलाओं की डाइट का आकलन किया जिन्हें इस बीच मीनोपोज हो गया था. ब्रिटेन में मीनोपोज की औसत आयु 51 वर्ष है. करीब 900 महिलाओं (40 से 65 वर्ष ) को इस बीच प्राकृतिक रूप से मीनोपोज हुआ.
रिसर्च के नतीजे-
आकलन में पाया गया कि जिन महिलाओं ने ऑयली फिश का अधिक सेवन किया और उन्हें कम से कम तीन साल देर से मीनोपोज हुआ. जबकि पाया गया कि रिफाइंड पास्ता और चावल खाने वाली महिलाओं में मीनोपोज डेढ़ साल पहले ही हो गया.
क्या कहती हैं एक्सपर्ट-
यूनिवर्सिटी ऑफ लीड्स में प्रोफेसर जानेट केड ने कहा कि मीनोपोज का कुछ महिलाओं के लिए सेहत पर गंभीर प्रभाव हो सकता है. पहले के कुछ शोधों में पता चला कि समयपूर्व मीनोपोज से हड्डी का घनत्व कम होने, ऑस्टियोपरोसिस होने और दिल की बीमारियां होने का खतरा अधिक होता है जबकि मीनोपोज देर से होने से बेस्टह कैंसर और अंडाशय कैंसर होने का जोखिम अधिक होता है.
जरुरी बात
रिसर्च के दावे पर हैं. reporter17.com न्यूज़ इसकी पुन पुष्टि नहीं करता. आप किसी भी सुझाव पर अमल या इलाज शुरू करने से पहले अपने एक्सपर्ट की सलाह जरूर ले लें..
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NOTE : यहां दी गई जानकारी एक सामान्य अनुमान और धारणा ओ के आधारित हे किसी भी जानाकरी कोई निष्कर्ष पर कृपया ना पोहचे। जानकारी के अनुरूप Expert की सलाह जरूर ले. धन्यवाद
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